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पूर्णिया: मर गई है निजी अस्पताल की संवेदना, पैसे ऐंठने के लिए 3 दिन तक ICU में रखा शव

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Published : Oct 23, 2019, 2:24 PM IST

महिला के मौत की सूचना मिलते ही परिवार में मातम पसर गया और परिजनों का गुस्सा अस्पताल प्रबंधन पर फूट पड़ा. हंगामे की भनक लगते ही अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी ऑफिस छोड़ भाग खड़े हुए.

महिला के मौत

पूर्णिया: जिले के मशहूर लाइन होप स्थित एक निजी अस्पताल की शर्मनाक हरकत सामने आई है. जहां पैसे ऐंठने की एवज में महिला की मौत के बाद भी उसके शव को 3 दिनों तक आईसीयू के वेंटीलेटर पर सुलाए रखा गया. साथ ही मृत महिला के परिवार वालों से इलाज के नाम पर 8 लाख रुपये भी वसूल किए गए. वहीं, महिला के मौत की सूचना मिलते ही परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. लेकिन, घटना के घंटों बीतने के बाद भी पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंची.

मृतक महिला की पहचान जिले के फौजी की पत्नी रानी कुमारी के रूप में हुई है. मृतका खगड़िया की रहने वाली है. जहां वह बीते एक सप्ताह पहले सड़क हादसे का शिकार हो गयी थी. इसके बाद उसे होप स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

अस्पताल प्रबंधन पर गुस्साए मृतक के परिजन

पैसे ऐंठने के लिए रखा था शव
परिजनों का आरोप है कि 3 दिनों से उन्हें मरीज से मिलने नहीं दिया जा रहा था. मंगलवार शाम को भी परिजनों से 2 लाख 8 हजार रुपये जमा करने की बात कही गई. जिसके बाद परिजनों ने पेसेंट को यहां से रेफर करने की मांग करते हुए, पैसे देने से मना कर दिया था. बाद में आधी रात को अस्पताल प्रबंधन की ओर से फोन कर परिजनों को महिला के मौत की सूचना दी गई. परिजनों का कहना है कि रानी की मौत 3 दिन पहले ही वेंटीलेटर से गिरने के कारण हो गई थी. लेकिन, अस्पताल वालों ने पैसे ऐंठने के लिए महिला के शव को रोके रखा था.

purnea
सुनीता सिंह, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष

न्याय नहीं मिलने पर करेंगे प्रदर्शन
महिला की मौत की सूचना मिलते ही परिवार में मातम पसर गया और परिजनों का गुस्सा अस्पताल प्रबंधन पर फूट पड़ा. हंगामे की भनक लगते ही अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी ऑफिस छोड़ भाग खड़े हुए. पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष सुनीता सिंह ने बताया कि इस घटना को लेकर उनके पति पूर्व विधायक शंकर सिंह ने जिले के डीएम को इसकी सूचना दी. जिसके बाद डीएम राहुल कुमार ने वहां आने का आश्वासन दिया. लेकिन घंटों बीतने के बाद भी जिलाधिकारी या प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा. वहीं, परिजनों ने न्याय नहीं मिलने पर शव के साथ प्रदर्शन की चेतावनी दी है.

पूर्णिया: जिले के मशहूर लाइन होप स्थित एक निजी अस्पताल की शर्मनाक हरकत सामने आई है. जहां पैसे ऐंठने की एवज में महिला की मौत के बाद भी उसके शव को 3 दिनों तक आईसीयू के वेंटीलेटर पर सुलाए रखा गया. साथ ही मृत महिला के परिवार वालों से इलाज के नाम पर 8 लाख रुपये भी वसूल किए गए. वहीं, महिला के मौत की सूचना मिलते ही परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. लेकिन, घटना के घंटों बीतने के बाद भी पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंची.

मृतक महिला की पहचान जिले के फौजी की पत्नी रानी कुमारी के रूप में हुई है. मृतका खगड़िया की रहने वाली है. जहां वह बीते एक सप्ताह पहले सड़क हादसे का शिकार हो गयी थी. इसके बाद उसे होप स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

अस्पताल प्रबंधन पर गुस्साए मृतक के परिजन

पैसे ऐंठने के लिए रखा था शव
परिजनों का आरोप है कि 3 दिनों से उन्हें मरीज से मिलने नहीं दिया जा रहा था. मंगलवार शाम को भी परिजनों से 2 लाख 8 हजार रुपये जमा करने की बात कही गई. जिसके बाद परिजनों ने पेसेंट को यहां से रेफर करने की मांग करते हुए, पैसे देने से मना कर दिया था. बाद में आधी रात को अस्पताल प्रबंधन की ओर से फोन कर परिजनों को महिला के मौत की सूचना दी गई. परिजनों का कहना है कि रानी की मौत 3 दिन पहले ही वेंटीलेटर से गिरने के कारण हो गई थी. लेकिन, अस्पताल वालों ने पैसे ऐंठने के लिए महिला के शव को रोके रखा था.

purnea
सुनीता सिंह, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष

न्याय नहीं मिलने पर करेंगे प्रदर्शन
महिला की मौत की सूचना मिलते ही परिवार में मातम पसर गया और परिजनों का गुस्सा अस्पताल प्रबंधन पर फूट पड़ा. हंगामे की भनक लगते ही अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी ऑफिस छोड़ भाग खड़े हुए. पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष सुनीता सिंह ने बताया कि इस घटना को लेकर उनके पति पूर्व विधायक शंकर सिंह ने जिले के डीएम को इसकी सूचना दी. जिसके बाद डीएम राहुल कुमार ने वहां आने का आश्वासन दिया. लेकिन घंटों बीतने के बाद भी जिलाधिकारी या प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा. वहीं, परिजनों ने न्याय नहीं मिलने पर शव के साथ प्रदर्शन की चेतावनी दी है.

Intro:पैसे की आड़ में निजी अस्पतालों की संवेदनाएं किस कदर मर चुकी हैं इसकी एक तस्वीर मेडिकल हब के नाम से मशहूर लाइन होप से सामने आई है। जहां पैसे ऐंठने की एवज में एक निजी अस्पताल ने देश के सरहद पर तैनात फौजी की पत्नी की को उसके मौत के 3 दिन बाद तक आईसीयू के विण्टीलेटर पर सुलाए रखा। वहीं मृतका की मौत की सूचना मिलते ही परिजनों ने जमकर हंगामा किया। हैरत की बात है घटना के घण्टें भर बीतने के बाद भी अब तक प्रशासन की कोई खोज खबर नहीं है।



Body:वहीं मृतका फौजी की पत्नी बताई जा रही है इसका नाम रानी कुमारी है। बताया जाता है कि मृतका खगड़िया की रहने वाली है जहां बीते एक सप्ताह पहले सड़क हादसे का शिकार हो गयी थी।
जिसके बाद बीते 14 अक्टूबर को उसे होप स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।


वहीं मृतका के भाई धर्मेंद्र कुमार शर्मा का आरोप है कि 14 अक्टूबर से लेकर अब तक इनसे इलाज के नाम पर कुल 8 लाख रुपये की मोटी राशि वसूल की गई। मगर अब तक इनकी तबियत में कोई सुधार नहीं हुई थी। इनका आरोप है कि इनकी बहन रानी कुमारी आईसीयू के वेंटीलेटर से दो बार गिर चुकी थी। जिससे उनके सर में गंभीर चोट आई थी। इसकी शिकायत लेकर जब परिजन अस्पताल प्रबंधन के पास पहुंचे तो प्रबंधन ने मामले की लीपापोती करते हुए इसे टाल दिया गया।


वहीं परिजनों का आरोप है कि 3 दिनों से इन्हें मरीज से मिलने की मनाही थी। कल शाम इनसे 2 लाख 8 हजार रुपए और जमा करने की बात कही गई थी। जिसके बाद परिजनों ने पेसेंट को यहां से रेफर करने की मांग करते हुए ये पैसे देने से साफ मना कर दिया था। जिसके बाद आधी रात गए अस्पताल प्रबंधन की ओर से इन्हें फ़ोन कर रानी की मौत की सूचना दी गयी। जिसके बाद इन्हें पूरा मामला समझ में आया। इनका आरोप है कि दरअसल रानी की मौत तभी हो चुकी थी। जब 3 दिन पहले दो दफे वेंटीलेटर से गिरने से उसके सर में गंभीर चोटें आईं। इसी के बाद से उसकी तबियत अचानक ज्यादा बिगड़ गई थी। वहीं तीसरे रोज से जब पेसेंट से परिजनों के मिलने पर साफ मनाही रखी गई थी।



वहीं मौत की सूचना मिलते ही परिवार में मातम पसर गया और परिजनों का गुस्सा अस्पताल प्रबंधन पर फुट पड़ा। वहीं हंगामे की भनक लगते ही अस्पताल प्रबंधन ऑफिस छोड़ भाग खड़े हुए संपर्क नंबर भी बंद कर लिया गया है।


हैरत की बात है कि घटना और अस्पताल प्रबंधन की हरकतों को लेकर प्रशासन को भी खबर की गई मगर घण्टों गुजरने के बाद भी न तो पुलिस न प्रशासनिक अधिकारी इसकी जांच को पहुंचे।
इस बाबत पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष सुनीता सिंह ने बताया कि इस घटना को लेकर उनके पति पूर्व विधायक शंकर सिंह ने जिले के डीएम को फ़ोन लगाया और इसकी सूचना दी। जिसके बाद डीएम राहुल कुमार ने वहां आने का आश्वासन दिया। मगर घण्टों बीतने के बाद भी जब जिलाधिकारी या प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा। जिसके बाद खुद इन्होंने भी फ़ोन लगाया। मगर कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। वहीं परिजनों ने न्याय न मिलने पर शव के साथ प्रदर्शन की चेतावनी दी है।







Conclusion:
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