पूर्णिया: लॉकडाउन-3 में श्रमिकों को घर भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है. इसके लिए सरकार की तरफ से अलग-अलग जगहों से ट्रेनें चलाई जा रही हैं. लेकिन कई मजदूरों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है. देश के कई जगहों से मजदूर जैसे-तैसे घर पहुंच रहे हैं. शुक्रवार को प्रवासी मजदूरों से भरा एक ट्रक मिलते ही हड़कंप मच गया. ट्रक पर कुल 60 प्रवासी मजदूर सवार थे. जो हरियाणा के गुड़गांव से ट्रक में छिपकर आ रहे थे.
जानकारी के अनुसार, ट्रक पर सवार सभी प्रवासी मजदूर मधेपुरा जिले के माझरा गांव के रहने वाले हैं. फिलहाल पुलिस ने ट्रक को अपने कब्जे में ले लिया है. वहीं, ट्रक में सवार सभी प्रवासियों को स्वास्थ्य जांच के लिए वाहन कोषांग सेंटर ले जाया गया है. जानकारी के मुताबिक प्रवासी मजदूरों से भरा ये ट्रक शहर से होते हुए मधेपुरा एनएच के लिए जा रहा था. वहीं, हाइवे पर तैनात केहाट थाने की पेट्रोलिंग पुलिस की नजर ट्रक पर पड़ी. जिसके बाद पुलिस ने पीछा करते हुए ट्रक को आस्था मंदिर रोड के पास पकड़ा.
ट्रक में छुपकर आ रहे थे 60 मजदूर
प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वे सभी हरियाणा के गुड़गांव में मजदूरी करते हैं. वहीं, लॉकडाउन के बाद सारे काम-धंधे बंद होने के बाद सभी गृह जिले में वापसी का साधन ढूंढ रहे थे. सभी ने पैसे इकट्ठा कर एक ट्रक बुक किया. बाद में तय राशि पर ट्रक में छुपाकर सभी प्रवासियों को बिहार लाने की शर्त पर ड्राइवर राजी हुआ.
60 हजार में तय हुई थी डील
वहीं, पकड़े गए ट्रक ड्राइवर ने बताया कि वहां इनके खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं थी. जिसके बाद इन लोगों ने आकर हमसे संपर्क किया. वहीं, ट्रक के ऊपरी कवर को काले कपड़े से ढंका गया था. जिसके चलते मजदूरों की किसी भी सीमा पर कोई जांच नहीं हुई. वहीं ट्रक में छुपकर आ रहे प्रवासियों ने बताया घर वापस लौटने के लिए सभी 60 मजदूरों से एक हजार रुपये लिए गए हैं.
मजदूरों को किया गया क्वॉरेंटाइन
इस बाबत केहाट एएसआई ने बताया कि गहन पूछताछ के बाद सभी प्रवासी मजदूरों को जांच के लिए सदर अस्पताल ले जाया जा रहा है. जहां इनकी स्क्रीनिंग और टेस्टिंग कराई जाएगी. इसके बाद इन्हें प्रक्रियाओं के तहत जांच रिपोर्ट आने तक क्वारेंटाइन में रखा जा रहा है.