पूर्णियाः बिहार से हर क्षेत्र में प्रतिभाएं सामने आती रहती हैं. जो समय-समय पर कई खिताब अपने नाम करते हैं. ऐसे ही जिले के एक्रिलिक पेंटर राजीव राज ने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के बाद अब इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करवा लिया है. पेंटिंग को अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले राजीव को ये 3 बड़े रिकॉर्ड बगैर किसी ब्रेक के 30 घंटे में 1406 स्क्वायर फीट की विशाल एक्रीलिक पेंटिंग के लिए मिला है.
फोर विजन पेंटिंग
पेंटर राजीव राज ने 4 मंजिले इमारत के बराबर बनाए गए एक्रिलिक पेंटिंग को देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित किया था. यह पेंटिंग 37.5 फिट लंबी व इतने ही लेंथ के 225 कैनवासों पर उकेरी गई है. देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की विशालकाय एक्रिलिक पेंटिंग को चित्रकार राजीव राज ने 'फोर विजन पेंटिंग' का नाम दिया है.
पेंटिंग की विशेषताएं
राजीव की अनूठी फोर विजन पेंटिंग की विशेषताओं पर गौर करें तो करीब से देखने पर इसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नजर आते हैं. वहीं दूर से देखने पर यह लहराता भारतीय तिरंगा दिखाई देता है. पेंटिंग की तीसरी बड़ी खूबसूरती ये है कि इसमें अटल बिहारी बाजपेयी के जन्म से लेकर मृत्यु तक की 85 तस्वीरें दिखाई देती हैं. इसका चौथा अट्रैक्शन पॉइंट प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कोट में उकेरी गई उनकी स्वयं रचित 42 कविताएं हैं.
30 घंटे में रचा इतिहास
साल 2018 में 12 दिसंबर को मरंगा स्थित विद्या विहार रेसिडेंशियल स्कूल ग्राउंड में राजीव ने अटल बिहारी वाजपेयी की एक्रिलिक पेंटिंग बनानी शुरू की थी. उन्होंने बिना रूके 30 घंटे की कड़ी मेहनत से 4 मंजिले इमारत के बराबर पेंटिंग बनाकर विश्व रिकॉर्ड कायम किया था. लिम्का की लाइव कैमरे के साथ डॉ सतीश चंद्र झा व उनकी टीम को निगरानी के लिए लगाया गया था.
तिरंगे के तीन रंगों का इस्तेमाल
राजीव ने अपनी पेंटिंग को महज एक पेंट ब्रश से पूरा कर दिखाया था. पेंटिंग में राजीव ने भारतीय तिरंगे के महज तीन रंगों का ही इस्तेमाल किया गया है. चित्रकार ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के बाद अब इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड व इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा लिया है. उन्हें ये रिकॉर्ड साल 2020 और 2021 के लिए दिए जाएंगे.
एक्रिलिक पेंटिंग के पूर्व रिकॉर्ड
एक्रिलिक पेंटिंग का यह रिकॉर्ड इससे पहले हैदराबाद की पीएचडी स्कॉलर डॉ. स्नेहलता प्रसाद के नाम था. उन्होंने 19 घंटे में 64 फिट कैनवास पर तैयार किया था. वहीं लिम्का की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक एक्रिलिक पेंटिंग से जुड़ा एक अन्य रिकॉर्ड 3 से 4 दिनों में 896 स्क्वायर फीट कैनवास पर तैयार किया गया था.
परिवारवालों को राजीव की उपलब्धि पर नाज
चित्रकारी में समूचे विश्व की नजरें रेणु की साहित्यिक भूमि पूर्णिया पर आ टिकी हैं. इसी के साथ साहित्य के बाद चित्रकारी में पूर्णिया का पताका विश्व में लहराता नजर आ रहा है. इस उपलब्धि ने राजीव के परिवार के साथ उनके जिले के लोगों की चेहरे की चमक बढ़ा दी है.
गिनीज है राजीव का अगला टारगेट
44 वर्षीय पेंटर राजीव राज ने बताया कि उनका आदर्श उनके माता पिता हैं. उन्होंने बताया कि उनकी नजर अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड पर है. राजीव ने अपनी पेंटिंग के बारे में दावा किया कि यह सबसे कम समय में तैयार की गई अब तक कि सर्वाधिक विशाल फोर विजन पेंटिंग हैं.
यंग टैलेंट के लिए खोलेंगे पेंटिंग स्कूल
राजीव स्विट्जरलैंड व जापान जैसे देशों में अपनी पेंटिंग का लोहा मनवा चुके हैं. वे पहली बार लाइम लाइट में तब आए जब उनकी कोसी सीरीज को बिहार ही नहीं बल्कि देश भर में सराहा गया था. राजीव पेंटिंग के क्षेत्र में इंट्रेस्ट रखने वाले स्टूडेंट्स को एक नया प्लेटफॉर्म देना चाहते हैं. जिसके लिए वे जल्द ही एक पेंटिंग स्कूल की शुरुआत करेंगे. जहां पेंटिंग में करियर बनाने की हसरत रखने वाले स्टूडेंट्स को एक नया मंच दिया जाएगा.