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पूर्णिया: परमान नदी की जद में बायसी प्रखंड, पानी से लबालब हुआ पूरा इलाका

पूर्णिया के बायसी प्रखंड में परमान नदी ने लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. यहां एक बार फिर से 2017 जैसे हालाल देखने को मिल रहे हैं. बायसी अनुमंडल कार्यालय के ऊपर से देखने पर पूरा बायसी शहर परमान नदी के पानी में डूबा नजर आ रहा है. बढ़ते जलस्तर के कारण लोग तेजी से पलायन कर रहे हैं.

बाढ़
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Published : Jul 18, 2019, 12:11 PM IST

पूर्णिया: जिले के बायसी प्रखंड में बाढ़ का पानी जिला मुख्यालय तक आ पहुंचा है. लगातार बढ़ रहा परमान नदी का पानी जिला मुख्यालय स्थित भवनों में घुस आया है. कई सरकारी दफ्तरों में घुटने तक पानी भरा हुआ है. सड़क किनारे बसे घर, स्कूल, मस्जिद, मदरसे, बायसी पीएचसी, बीइओ कार्यालय और पावर स्टेशनों तक सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है.

बायसी में परमान नदी का सैलाब

2017 जैसे सैलाब के भय से पलायन कर रहे लोग
अगस्त 2017 में परमान नदी ने बायसी में प्रलय के हालात पैदा कर दी थी. इस बार जुलाई में हीं नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण 2017 के बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. परमान, महानंदा और कनकई नदी से घिरे बायसी में पानी का सैलाब थमने का नाम नहीं ले रहा है. महानंदा और कनकई की लहरों में कमी देखने को मिली है. लेकिन, परमान के बढ़ते जलस्तर के बाद लोग अपने सामान के साथ तेजी से पलायन करते दिख रहे हैं.

पूर्णियां
स्कूल के अंदर घुसा पानी

PHC और पावर सब स्टेशन भी पानी-पानी
बायसी अनुमंडल कार्यालय के ऊपर से देखने पर पूरा बायसी शहर परमान नदी के पानी में डूबा नजर आ रहा है. कार्यालय के बाईं ओर स्थित बायसी पीएचसी से लेकर दाईं ओर स्थित पावर सब स्टेशन तक पानी से लबालब भरा हुआ है. जिला मुख्यालय के सामने बसे इलाके भी जल में समाधि ले चुके हैं. परमान नदी का पानी बायसी पुलिस स्टेशन के सामने बसे इलाकों में भी पहुंच गया है.

पूर्णियां
बाढ़ के भय से पलायन करते लोग

सरकारी कर्मचारियों के चैम्बरों में लटके ताले
बायसी बीएओ कार्यालय और टीचर ट्रेनिंग सेंटर सहित दूसरे सरकारी दफ्तरों में जाने के लिए कर्मचारियों को कमर तक पानी में प्रवेश करना पड़ता है. ऐसे में कई कर्मचारी छुट्टी पर चले गए हैं. सभी के चैंबरों में ताले लटके हुए हैं. मुस्लिम बहुल इलाके अमौर और बैसा के भी हालात ऐसे हीं हैं. सभी सरकारी स्कूलों में आपातकालीन छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं.

पूर्णिया: जिले के बायसी प्रखंड में बाढ़ का पानी जिला मुख्यालय तक आ पहुंचा है. लगातार बढ़ रहा परमान नदी का पानी जिला मुख्यालय स्थित भवनों में घुस आया है. कई सरकारी दफ्तरों में घुटने तक पानी भरा हुआ है. सड़क किनारे बसे घर, स्कूल, मस्जिद, मदरसे, बायसी पीएचसी, बीइओ कार्यालय और पावर स्टेशनों तक सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है.

बायसी में परमान नदी का सैलाब

2017 जैसे सैलाब के भय से पलायन कर रहे लोग
अगस्त 2017 में परमान नदी ने बायसी में प्रलय के हालात पैदा कर दी थी. इस बार जुलाई में हीं नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण 2017 के बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. परमान, महानंदा और कनकई नदी से घिरे बायसी में पानी का सैलाब थमने का नाम नहीं ले रहा है. महानंदा और कनकई की लहरों में कमी देखने को मिली है. लेकिन, परमान के बढ़ते जलस्तर के बाद लोग अपने सामान के साथ तेजी से पलायन करते दिख रहे हैं.

पूर्णियां
स्कूल के अंदर घुसा पानी

PHC और पावर सब स्टेशन भी पानी-पानी
बायसी अनुमंडल कार्यालय के ऊपर से देखने पर पूरा बायसी शहर परमान नदी के पानी में डूबा नजर आ रहा है. कार्यालय के बाईं ओर स्थित बायसी पीएचसी से लेकर दाईं ओर स्थित पावर सब स्टेशन तक पानी से लबालब भरा हुआ है. जिला मुख्यालय के सामने बसे इलाके भी जल में समाधि ले चुके हैं. परमान नदी का पानी बायसी पुलिस स्टेशन के सामने बसे इलाकों में भी पहुंच गया है.

पूर्णियां
बाढ़ के भय से पलायन करते लोग

सरकारी कर्मचारियों के चैम्बरों में लटके ताले
बायसी बीएओ कार्यालय और टीचर ट्रेनिंग सेंटर सहित दूसरे सरकारी दफ्तरों में जाने के लिए कर्मचारियों को कमर तक पानी में प्रवेश करना पड़ता है. ऐसे में कई कर्मचारी छुट्टी पर चले गए हैं. सभी के चैंबरों में ताले लटके हुए हैं. मुस्लिम बहुल इलाके अमौर और बैसा के भी हालात ऐसे हीं हैं. सभी सरकारी स्कूलों में आपातकालीन छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं.

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया)

बायसी के ग्रामीण इलाकों को पूरी तरह अपने जद में लेने के बाद बाढ़ का पानी जिला मुख्यालय तक आ पहुंचा है। लगातार प्रचंड हो रहे परमान नदी का पानी आज जिला मुख्यालय स्थित भवनों में पानी घुस आया। जिसके बाद कई सरकारी दफ्तर के अंदर और बाहर घुटने तक पानी है। सड़क किनारे बसे घर ,स्कूल
,मस्जिद ,मदरसे ,बायसी पीएचसी ,बीइओ कार्यालय यहां तक की बिजली विभाग के पावर सब स्टेशनों तक में पानी ही पानी नजर आ रहा है। पेश है पूर्णिया से एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट-


Body:परमान पैदा कर रहा 2017 जैसी जल प्रलय की स्थिति...

एक बार फिर परमान नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण 2017 जैसी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। परमान ,महानंद व कनकई नदी से घिरे बायसी में फिलहाल सैलाब का सितम थमने का नाम नहीं ले रहा है। महानंदा व कनकई की लहरों ने जहां थोड़ा नरम रुख दिखाया है। वहीं परमान के बढ़ते जलस्तर के बाद लोग 2017 वाली बाढ़ को विभस्य बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए एहतियातन अपने सामान के साथ तेजी से पलायन करते दिख रहे हैं।


सैलाब में डूबा बायसी अनुमंडल...


गौरतलब हो कि अगस्त 2017 में आए सैलाब में परमान नदी ने ही बायसी में प्रलयकारी हालातें पैदा की थी। इस बार जुलाई में ही परमान के प्रचंड होते जलस्तर ने बायसी में जलप्रलय की स्थिति पैदा कर दी है। बायसी अनुमंडल कार्यालय के ऊपर से ईटीवी भारत ने जब बायसी शहर के चारों ओर अपने कैमरे घुमाए। तो सारा का सारा शहर परमान के पानी में डूबा नजर आया। कोसों दूर तक सिर्फ पानी ही दिख रहा है। वहीं अनुमंडल कार्यालय
बिल्डिंग के आगे के रास्तों से लेकर पीछे की दीवारों तक में लबालब बाढ़ का पानी बढ़ता जा रहा है।


PHC और पावर सब स्टेशन भी पानी-पानी...


जिला मुख्यालय के ठीक सामने बसे इलाके देखने में जल में समाधि लिए नजर आ रहे हैं। परमान के पानी ने कितना रौद्र रूप अख्तियार कर लिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। बायसी अनुमंडल कार्यालय के ठीक बाएं स्थित बायसी पीएचसी के बाहर तो छोड़िए भीतर तक लबालब बाढ़ का पानी है। वहीं दाएं ओर बसा बिजली विभाग का पावर सब स्टेशन भी इससे अछूता नहीं रहा। लिहाजा पावर सब स्टेशनों के अंदर बाढ़ का पानी है। या बाढ़ के पानी में पावर सब स्टेशन अब ये अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है।


सरकारी दफ्तरों पर पानी की मार ,अफसरों के चेम्बर में लटके ताले..


जलजले की इससे भी विकराल स्थिति बायसी बीएओ कार्यालय व टीचर ट्रेनिंग सेंटर व अन्य दूसरे सरकारी दफ्तरों की है। जहां प्रवेश करने के लिए कर्मचारियों को कमर तक पानी में प्रवेश कर दफ्तर तक पंहुचने के अलावा दूसरी कोई गुंजाइश नहीं। कई बाबू साहेब एहतियात छुट्टी पर चले गए हैं। लिहाजा उनके चैंबरों पर ताला लटका है। वहीं परमान का जलस्तर नहीं गिरा। तो कभी भी परमान का प्रलयकारी पानी बायसी थाने में कोहराम मचा सकता है। आज परमान के पानी ने बायसी पुलिस स्टेशन की सड़क के ठीक सीध में बसे इलांकों में प्रवेश कर गया।


स्कूल , मस्जिद ,मदरसों पर भी सैलाब का सितम...

वहीं बायसी जिला मुख्यालय में बसे घरों व दुकानों को तो छोड़िए
परमान के प्रलयकारी पानी ने जिला मुख्यालय स्थित स्कूल ,मदरसे ,मस्जिद ,मजारों तक में सिर्फ पानी-ही पानी नजर आ रहा है। लिहाजा एहतियातन सभी सरकारी स्कूलों में आपातकालीन छुटियां घोषित कर दी गयी हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति मुस्लिम बहुल अमौर व बैसा की है। जहां जल प्रलय का नजारा इससे भी कहीं भयावह है। चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी है।


Conclusion:
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