पूर्णिया: पूर्णिया विश्वविद्यालय से एक करोड़ 20 लाख रुपये की वित्तीय गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है. वहीं, छात्र संगठनों ने इसे स्कैम करार दिया है. समूचा मामला पीयू के पूर्व कुलपति डॉ. राजेश सिंह से जुड़ा है. जिन पर नियमों को ताक पर रखकर 1 करोड़ 20 लाख रुपये कॉलेज से लेने और उसके व्यय का आरोप लगा है. वहीं, वित्तीय गड़बड़ी से जुड़े मामले को लेकर लोकायुक्त के आदेश के बाद पीयू ने 7 सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी है. जो 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी.
पीयू में वित्तीय अनियमितता
दरअसल, वित्तीय खुलासे से जुड़ा ये समूचा मामला विश्वविद्यालय की स्थापना के शुरुआती साल 2018 से जुड़ा हुआ है. संस्थापक कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने विश्वविद्यालय के कोष सृजन को लेकर बैठक बुलाई थी. इसमें सभी कॉलेजों से 10 लाख रुपये की मांग की गई थी. जिसके बाद 15 में से 12 अंगीभूत कॉलेजों ने ये रकम जमा कराई थी.
1 करोड़ 20 लाख की गड़बड़ी
लोकायुक्त की जांच में 1 करोड़ 20 लाख की वित्तीय अनियमितता और खर्च को लेकर भारी गड़बड़ी पाई गई है. लोकायुक्त कार्यालय के एसपी की जांच रिपोर्ट में कैश बुक का संधारण से जुड़ी गड़बड़ी प्रकाश में आई है. रोजाना के आय-व्यय से जुड़े हिसाब का भी कोई पता नहीं है.
''आखिर ये रकम जमीन निगल गई या आसमान. इतनी बड़ी राशि खर्च कहां हुई. इससे जुड़े दस्तावेजों को भी जांच टीम के सामने नहीं रखा गया. समूचे मामले का खुलासा तब हुआ जब लोकायुक्त ने पत्र जारी कर 7 मई के भीतर इसकी रिपोर्ट सौंपने के आदेश जारी किए थे''- आलोक राज, संस्थापक, विश्वविद्यालय बनाओ संघर्ष समिति
''लोकायुक्त ने जिन बिंदुओं पर जांच के आदेश दिए हैं. इसे लेकर 7 सदस्यीय समिति का गठन कर दिया गया है. यह समिति 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय को सौपेंगी. वित्तीय मामले में जिन्होंने भी गड़बड़ी की है, उनको बख्शा नहीं जाएगा''- राजनाथ यादव, कुलपति, पूर्णिया विश्वविद्यालय