पूर्णिया: जिले के एनआरआई अंकित अग्रवाल का शव कुछ दिनों पहले अमेरिका के वाशिंगटन शहर मेंं झील के किनारे संदिग्ध अवस्था में बरामद हुआ था. मंगलवार को 21 दिनों बाद अंकित का शव पूर्णिया पहुंचा. वहीं परिजनों ने अंकित की हत्या किए जाने की आशंका जताई है.
बता दें कि अंकित केहाट थाना क्षेत्र अंतर्गत डीआईजी चौक के मूल निवासी थे. 30 वर्षीय अंकित अमेरिका के एक कंपनी ओरेकल में मैनेजर के पद पर वाशिंगटन में पदस्थापित थे. 21 जुलाई को झील के किनारे वाशिंगटन में संदिग्ध अवस्था में उसका शव मिला. परिजन का आरोप है कि कंपनी के एक कर्मी द्वारा उसे लगातार टॉर्चर किया जाता था और आशंका है कि उसकी हत्या की गई है.
अमेरिका में मैनेजर के पद पर था कार्यरत
मृतक के पिता पवन अग्रवाल ने बताया कि 4 वर्ष पूर्व अंकित की नौकरी अमेरिका की कंपनी ओरेकल में मैनेजर पद पर वाशिंगटन में लगी थी. लॉकडाउन के कारण अंकित वाशिंगटन में अपने घर से ही कंपनी का काम करता था. लेकिन जब उसने इंडिया वापस जाने की बात की तो कंपनी के लोगों ने कहा कि जब तक एग्रीमेंट पूरा नहीं होगा तब तक वह वापस नहीं जा सकता है. अगर इंडिया जाने की बात की तो कंपनी द्वारा किसी भी मामले में उसे फंसा दिया जाएगा और जेल जाना पड़ सकता है.
परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
मृतक के पिता ने बताया कि कंपनी के कर्मी द्वारा बार-बार अंकित को टॉर्चर किया जाता था. 21 जुलाई को वाशिंगटन में झील के किनारे अंकित का शव संदिग्ध अवस्था में मिला. शव के पास से ना तो अंकित का मोबाइल पाया गया और ना ही कोई डाक्यूमेंट्स. अंकित के एक जानने वाले जो वाशिंगटन में ही काम करते हैं, उनके द्वारा अंकित के शव की पहचान की गई. बाद में उनके परिजनों को जानकारी दी गई. मंगलवार की सुबह अंकित का शव पहुंचते ही परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया. वहीं अंकित के परिजनों का साफ आरोप है कि उसकी हत्या की गई है.