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शहीद बेटे के साथ निकली मां की अर्थी, बेटी बोली- हमें इंसाफ चाहिए - SHO Ashwani Kumar Shaheed

हर मां को अपने बेटे से एक आखिरी उम्मीद होती है कि उसकी चिता को मुखाग्नि उसका बेटा दें. लेकिन पूर्णिया में मंजर कुछ ऐसा था कि एक ही दिन मां और बेटे को मुखाग्नि दी गयी. पढ़ें पूरी खबर...

पूर्णिया
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Published : Apr 11, 2021, 8:24 PM IST

Updated : Apr 12, 2021, 6:29 AM IST

पूर्णिया: प्रकृति ने सबसे गहरा रिश्ता जननी और बच्चे के बीच बनाया है. मां जो अपने बच्चे की भूख, प्यास और ख्वाहिश बिना पूछे समझ जाती है. अगर उसके सामने उसी के लाडले का शव पड़ा हो तो उस मंजर में 70 साल की मां की दशा को देखकर तो ऊपर वाले ने भी अपने बनाए नियति पर एक बार सोचा होगा.

फर्ज के लिए कुर्बान हुए किशनगंज सदर थाने के एसएचओ शहीद अश्विनी कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव जानकीनगर पहुंचा तो मां का कलेजा फट गया. वर्दी का कर्ज चुकाते-चुकाते, दूध का कर्ज अदा करने से चुक गए अश्वनी कुमार की बूढ़ी मां यह पीड़ा बर्दास्त नहीं कर पायी और उन्होंने अपनी जीवनलीला ही समाप्त कर ली.

हाय रे विधाता, जिस बेटे के पुलिस में नौकरी लगने के बाद मां ने खुशी में जिन गांव के लोगों को मिठाई खिलाई थी. आज उन्हीं ग्रामीणों ने नम आंखों से मां-बेटों की अर्थियों को कंधा देकर उनकी आखिरी यात्रा पूरी करवाई.

देखें रिपोर्ट

दरअसल, पश्चिम बंगाल के पंतपाड़ा में ड्यूटी करते हुए किशनगंज सदर थाने के एसएचओ अश्वनी कुमार शहीद हो गए थे. जब उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो यह पीड़ा उनकी बूढ़ी मां बर्दास्त नहीं कर पाई, और बेटे के देहांत के ठीक दो दिन बाद उनकी भी मृत्यु हो गई. दोनों के पार्थिव शरीर को आज यानी रविवार को मुखाग्नि दी गयी.

यह भी पढ़ें: बिहार के थाना प्रभारी की बंगाल में पीट-पीटकर हत्या, तीन गिरफ्तार

शहीद के परिजनों ने की सीबीआई जांच की मांग
वहीं, इस बाबत शहीद के पिता और बेटी ने शहीद अश्वनी कुमार की मौत की सीबीआई जांच की मांग की. शहीद अश्विनी की बेटी नैंसी ने कहा कि उनके पिता की हत्या की गई है. गश्ती दल के किसी भी सदस्य को खरोच तक नहीं आया है, तो पिता कैसे मारे गए.

'दादी ये सदमा बर्दास्त नहीं कर पाई और पापा के वियोग में प्राण त्याग दिए'- नैंसी, शहीद अश्वनी कुमार की बेटी

हर किसी की आंखें थीं नम
इस दौरान शहिद अश्विनी कुमार के पैतृक गांव जानकीनगर स्थित पांचू मंडल टोला में अंतिम दर्शन करने वाले लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. इस दौरान पूर्णिया प्रमंडल आईजी सुरेश चौधरी, कमिशनर राहुल महिवाल, डीएम राहुल कुमार, एसपी दयाशंकर, किशनगंज एसपी कुमार आशीष के साथ ही भाजपा एमएलसी दिलीप जयसवाल व पूर्व मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि भी मौजूद रहे.

उठी एसएचओ हत्याकांड की स्पीडी ट्रायल की मांग
मौके पर पहुंचे बिहार सरकार के पूर्व मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, भाजपा के वरिष्ठ नेता एमएलसी दिलीप जायसवाल ने शहीद अश्विनी की मौत की सीबीआई जांच की मांग की.

'पश्चिम बंगाल की पुलिस और शहीद अश्वनी के साथ गश्ती पर गई पुलिस टीम ने पीठ दिखाकर अश्विनी की हत्या करवा दी'.- दिलीप जायसवाल, बीजेपी एमएलसी

वहीं, उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस केस कि न सिर्फ निष्पक्ष जांच हो बल्कि एसपीडी ट्रायल चलाकर हत्यारों को सख्त से सख्त सजा दी जाए. दिलीप ने कहा कि सरकार चुनाव में किसी कर्मी के मरने पर तीस लाख का मुआवजा देती है, लेकिन कर्तव्य का पालन करते हुए कोई अधिकारी मारा जाता है तो उसे दस लाख का मुआवजा देती है. यह कैसी व्यवस्था है, इस दिशा में सरकार को सोचना चाहिए.

आईजी ने दिया निष्पक्ष जांच का आश्वासन
पूर्णिया रेंज के आईजी सुरेश चौधरी और पूर्णिया के पुलिस कमिश्नर राहुल महिपाल ने बताया कि घटना की निष्पक्ष जांच कराई जा रही है. इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और सरकारी प्रक्रिया के अनुसार 10 लाख की राशि शहीद के परिजन को दी जाएगी. वहीं, आईजी सुरेश चौधरी ने कहा कि पूर्णिया जोन के सभी पुलिस अपने 1 दिन का वेतन जो लगभग 50 लाख होता है, देने का निर्णय किया है.

यह भी पढ़ें: बंगाल में मॉब लिंचिंग के शिकार थानेदार की मां ने भी तोड़ा दम, भगौड़े पुलिसकर्मी सस्पेंड

यह भी पढ़ें: किशनगंज SHO हत्याकांडः भाई ने कहा- 'हुई है साजिश, टीम में साथ गए पुलिसकर्मियों का खंगाला जाए कॉल डिटेल'

यह भी पढ़ें: बिहार में पिता बना हैवान, दूसरी पत्नी के साथ मिलकर 5 साल के बेटे की हत्या

पूर्णिया: प्रकृति ने सबसे गहरा रिश्ता जननी और बच्चे के बीच बनाया है. मां जो अपने बच्चे की भूख, प्यास और ख्वाहिश बिना पूछे समझ जाती है. अगर उसके सामने उसी के लाडले का शव पड़ा हो तो उस मंजर में 70 साल की मां की दशा को देखकर तो ऊपर वाले ने भी अपने बनाए नियति पर एक बार सोचा होगा.

फर्ज के लिए कुर्बान हुए किशनगंज सदर थाने के एसएचओ शहीद अश्विनी कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव जानकीनगर पहुंचा तो मां का कलेजा फट गया. वर्दी का कर्ज चुकाते-चुकाते, दूध का कर्ज अदा करने से चुक गए अश्वनी कुमार की बूढ़ी मां यह पीड़ा बर्दास्त नहीं कर पायी और उन्होंने अपनी जीवनलीला ही समाप्त कर ली.

हाय रे विधाता, जिस बेटे के पुलिस में नौकरी लगने के बाद मां ने खुशी में जिन गांव के लोगों को मिठाई खिलाई थी. आज उन्हीं ग्रामीणों ने नम आंखों से मां-बेटों की अर्थियों को कंधा देकर उनकी आखिरी यात्रा पूरी करवाई.

देखें रिपोर्ट

दरअसल, पश्चिम बंगाल के पंतपाड़ा में ड्यूटी करते हुए किशनगंज सदर थाने के एसएचओ अश्वनी कुमार शहीद हो गए थे. जब उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो यह पीड़ा उनकी बूढ़ी मां बर्दास्त नहीं कर पाई, और बेटे के देहांत के ठीक दो दिन बाद उनकी भी मृत्यु हो गई. दोनों के पार्थिव शरीर को आज यानी रविवार को मुखाग्नि दी गयी.

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शहीद के परिजनों ने की सीबीआई जांच की मांग
वहीं, इस बाबत शहीद के पिता और बेटी ने शहीद अश्वनी कुमार की मौत की सीबीआई जांच की मांग की. शहीद अश्विनी की बेटी नैंसी ने कहा कि उनके पिता की हत्या की गई है. गश्ती दल के किसी भी सदस्य को खरोच तक नहीं आया है, तो पिता कैसे मारे गए.

'दादी ये सदमा बर्दास्त नहीं कर पाई और पापा के वियोग में प्राण त्याग दिए'- नैंसी, शहीद अश्वनी कुमार की बेटी

हर किसी की आंखें थीं नम
इस दौरान शहिद अश्विनी कुमार के पैतृक गांव जानकीनगर स्थित पांचू मंडल टोला में अंतिम दर्शन करने वाले लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. इस दौरान पूर्णिया प्रमंडल आईजी सुरेश चौधरी, कमिशनर राहुल महिवाल, डीएम राहुल कुमार, एसपी दयाशंकर, किशनगंज एसपी कुमार आशीष के साथ ही भाजपा एमएलसी दिलीप जयसवाल व पूर्व मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि भी मौजूद रहे.

उठी एसएचओ हत्याकांड की स्पीडी ट्रायल की मांग
मौके पर पहुंचे बिहार सरकार के पूर्व मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, भाजपा के वरिष्ठ नेता एमएलसी दिलीप जायसवाल ने शहीद अश्विनी की मौत की सीबीआई जांच की मांग की.

'पश्चिम बंगाल की पुलिस और शहीद अश्वनी के साथ गश्ती पर गई पुलिस टीम ने पीठ दिखाकर अश्विनी की हत्या करवा दी'.- दिलीप जायसवाल, बीजेपी एमएलसी

वहीं, उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस केस कि न सिर्फ निष्पक्ष जांच हो बल्कि एसपीडी ट्रायल चलाकर हत्यारों को सख्त से सख्त सजा दी जाए. दिलीप ने कहा कि सरकार चुनाव में किसी कर्मी के मरने पर तीस लाख का मुआवजा देती है, लेकिन कर्तव्य का पालन करते हुए कोई अधिकारी मारा जाता है तो उसे दस लाख का मुआवजा देती है. यह कैसी व्यवस्था है, इस दिशा में सरकार को सोचना चाहिए.

आईजी ने दिया निष्पक्ष जांच का आश्वासन
पूर्णिया रेंज के आईजी सुरेश चौधरी और पूर्णिया के पुलिस कमिश्नर राहुल महिपाल ने बताया कि घटना की निष्पक्ष जांच कराई जा रही है. इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और सरकारी प्रक्रिया के अनुसार 10 लाख की राशि शहीद के परिजन को दी जाएगी. वहीं, आईजी सुरेश चौधरी ने कहा कि पूर्णिया जोन के सभी पुलिस अपने 1 दिन का वेतन जो लगभग 50 लाख होता है, देने का निर्णय किया है.

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Last Updated : Apr 12, 2021, 6:29 AM IST
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