पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया में शव बरामद हुआ है. मधुबनी थाना क्षेत्र से पिछले 6 अक्टूबर से लापता सहरसा में पोस्टल असिस्टेंट के पद पर कार्यरत अभिनव विकास का शव बताया जा रहा है. पूर्णिया पुलिस ने अभिनव विकास के शव को मधुबनी थाना क्षेत्र के वन विभाग नदी के पास बरामद किया. मृतक की पत्नी ने हाथ में पहने कड़े से पति की पहचान की, वहीं पिता ने कहा कि बेटे की हत्या की गई है.
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जलकुंभी के बीच बुरी अवस्था में मिला शव: अभिनव पूर्णिया के मधुबनी थाना क्षेत्र के मंझली चौक के पास एक किराये के मकान से बीते 6 अक्टूबर से लापता थे, वो डिविजनल कार्यालय सहरसा में पोस्टल असिस्टेंट के पद पर कार्यरत थे. उनका शव नगर थाना क्षेत्र के कोसी नदी के पश्चिमी तट पर जलकुंभी के बीच पानी में बुरी अवस्था में मिला है. बताया जाता है कि अभिनव विकास की मधेपुरा निवासी और पूर्णियां में रह रहे विद्युत मिस्त्री से दोस्ती थी.
पत्नी ने की शव की पहचान: केनगर थानाध्यक्ष मुकेश कुमार मिश्रा की सूचना पर ससुर, जेठ एवं ननद के साथ पहुंची मृतक की पत्नी ने हाथ में पहने हुए कड़े से पति के शव की पहचान की है. वहीं मृतक के पिता अरुण प्रसाद झा डीएनए जांच से पहचान करने के पक्षधर हैं. मृतक की पत्नी ने मधुबनी टीओपी में बीते 11 अक्टूबर को अपने पति के लापता होने से संबंधित प्राथमिक दर्ज करायी थी.
पहले मिला जूता और मोबाइल: खोजबीन में केनगर थाना क्षेत्र के बनभाग रेलवे पुल के नजदीक कारी कोसी नदी के पश्चिमी किनारे लापता सरकारी सेवक का जूता और मोबाइल पुलिस को मिला था. इसी आधार पर मधुबनी टीओपी पुलिस ने बीते 19 अक्टूबर को बनभाग रेलवे पुल के पास कारी कोसी नदी में लापता व्यक्ति के डूबने की आशंका को आधार बनाया. उसके शव की बरामदगी के लिए एसडीआरएफ के गोताखोरों से तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें कामयाबी नहीं मिल पायी थी.
पटना का रहने वाला था शख्स: बताया जा रहा है कि लापता व्यक्ति थाना रूपसपुर बेली रोड पटना के रहने वाले थे. अभिनव विकास के लापता होने के बाद से उनका दोस्त बिजली मिस्त्री शहर छोड़ कर फरार है. आशंका है कि बिजली मिस्त्री के द्वारा है इस घटना को अंजाम दिया गया है. वहीं मृतक के पिता ने बताया कि फरार बिजली मिस्त्री की गिरफ्तारी से ही मेरे पुत्र की मृत्यु की गुत्थी सुलझेगी
"मेरे पुत्र की हत्या हुई है और सत्यता से घटना का उद्भेदन और कार्रवाई ही मेरे लिए न्याय के समान होगा. मेरे बेटे की हत्या की गई है और उसके शव को नदी किनारे फेंक दिया गया है."-अरुण प्रसाद झा, मृतक के पिता