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Har Ghar Nal Jal Yojna: एक मकान.. 7 कनेक्शन, यहां लापरवाही की भेंट चढ़ी हर घर नल जल योजना - etv bharat bihar

सीएम नीतीश की महत्वकांक्षी सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना का हाल पूर्णिया में बेहाल है. किसी घर में सात कनेक्शन दे दिए गए हैं तो कहीं लोग सालों से एक कनेक्शन के लिए कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं. जानें पूरा मामला..

Har Ghar Nal Jal Yojna
Har Ghar Nal Jal Yojna
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Published : Feb 21, 2023, 8:20 PM IST

हर घर नल जल योजना

पूर्णिया: हर घर नल का जल योजना का नाम बदलकर भष्टाचार और लापरवाही का जड़ कर दिया जाए तो गलत नहीं होगा. दरअसल बिहार के पूर्णिया जिले से हर घर नल का जल योजना से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर सभी हैरान हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक हर घर नल का जल योजना के तहत शहर के नवरत्न हाता स्थित वार्ड नंबर 22 के एक मकान में एक दो नहीं बल्कि सात नल लगा दिए गए. यह कार्य बुडको द्वारा कराया गया है.

पढ़ें- पटना से सटे कई गांवों में अब तक नहीं पहुंचा नल का जल, काम भी नहीं शुरू हुआ अब तक

एक ही घर में लगा दिए सात नल: वहीं इस मामले के प्रकाश में आने के बाद इस योजना की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ खड़े हुए हैं. एक ही मकान में सात नल कनेक्शन दे दिए जाने से योजना के प्रति स्थानीय लोगों में खासा असंतोष है. लोग इसे विभाग की बड़ी लापरवाही बता रहे हैं. वहीं गृहस्वामी का नाम धर्मेंद्र ठाकुर बताया जा रहा है. खुद धर्मेंद्र भी विभाग के इस कारनामे से परेशान हैं. धर्मेंद्र का कहना है कि वे इस दौरान अधिकारियों व कर्मियों को नल शिफ्ट करने की बात कहते थक गए, मगर उन्होंने एक न सुनी.

अधिकारियों ने कहा कि आपके पास घर के अंदर तक पाइप ले जाने की अथॉरिटी नहीं है. वहीं घर की खिड़की के पास जिस प्रकार हर घर नल का जल योजना के तहत 7 कनेक्शन लगा दिए गए वहां बमुश्किल दो बाल्टी भी ठीक से नहीं रखे जा सकते हैं.- गृहस्वामी

'योजना का है बुरा हाल': वहीं स्थानीय ने बताया कि इस योजना की कार्यप्रणाली ने इसे मजाक का पात्र बना दिया है. इस योजना के पीछे सरकार अब तक करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा चुकी है. इसके बाद भी लोगों के घरों में शुद्ध पानी नहीं पहुंच सका है. जिस तरह से इस योजना पर पैसे बहाए गए हैं उसी तरह इस योजना का अधिकांश पानी पाइप लीक हो जाने के कारण सड़कों पर ही बह जा रहा है. कई लोगों की यह भी शिकायत है कि उनके घर अब तक एक नल का कनेक्शन नहीं लगा है. वहीं जिनके घर कनेक्शन दो वर्ष पहले लग चुकी है, उनके नल से अब तक पानी नहीं आया. उन्हे अब भी 300 रूपये माह पर वाटर जार खरीदना पड़ता है.

"बिहार सरकार का फ्लॉप निर्णय है. किसी किसी के घर में सात सात नल लगे हैं वहीं मेरे घर में एक भी नहीं लगा है. बिहार सरकार का दुर्भाग्य और पैसों की बर्बादी है."- मनोज कुमार, स्थानीय

"बिहार सरकार की अति महत्वकांक्षी योजना हर घर नल का जल योजना है लेकिन ये कछुए की चाल से चल रही है. कहीं पाइप है तो नल नहीं और कहीं नल है तो पाइप नहीं. जहां नल है वहां पानी का सप्लाई नहीं है."- विकास वर्मा,स्थानीय

विभाग ने मांगा स्पष्टीकरण: संबंधित संवेदक के प्रतिनिधि को हिदायत दी गई है. साथ ही इसकी जांच कर इसे ठीक करने के निर्देश दिए गए है. संवेदक प्रतिनिधि द्वारा बताया गया है कि इसमें सुधार कर सात की जगह 4 किया गया है, लेकिन 4 नल भी क्यों लगे हैं और 7 नल क्यों लगाए गए इसे लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है.

"सात का वीडियो देखने के बाद हमने संवेदक के प्रतिनिधि को जांच करने को कहा है. सात की जगह चार नल कर दिया गया है. लेकिन हमने इसे पूरी तरह से ठीक करने को कहा है."- अरविंद कुमार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, बुडको

हर घर नल जल योजना

पूर्णिया: हर घर नल का जल योजना का नाम बदलकर भष्टाचार और लापरवाही का जड़ कर दिया जाए तो गलत नहीं होगा. दरअसल बिहार के पूर्णिया जिले से हर घर नल का जल योजना से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर सभी हैरान हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक हर घर नल का जल योजना के तहत शहर के नवरत्न हाता स्थित वार्ड नंबर 22 के एक मकान में एक दो नहीं बल्कि सात नल लगा दिए गए. यह कार्य बुडको द्वारा कराया गया है.

पढ़ें- पटना से सटे कई गांवों में अब तक नहीं पहुंचा नल का जल, काम भी नहीं शुरू हुआ अब तक

एक ही घर में लगा दिए सात नल: वहीं इस मामले के प्रकाश में आने के बाद इस योजना की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ खड़े हुए हैं. एक ही मकान में सात नल कनेक्शन दे दिए जाने से योजना के प्रति स्थानीय लोगों में खासा असंतोष है. लोग इसे विभाग की बड़ी लापरवाही बता रहे हैं. वहीं गृहस्वामी का नाम धर्मेंद्र ठाकुर बताया जा रहा है. खुद धर्मेंद्र भी विभाग के इस कारनामे से परेशान हैं. धर्मेंद्र का कहना है कि वे इस दौरान अधिकारियों व कर्मियों को नल शिफ्ट करने की बात कहते थक गए, मगर उन्होंने एक न सुनी.

अधिकारियों ने कहा कि आपके पास घर के अंदर तक पाइप ले जाने की अथॉरिटी नहीं है. वहीं घर की खिड़की के पास जिस प्रकार हर घर नल का जल योजना के तहत 7 कनेक्शन लगा दिए गए वहां बमुश्किल दो बाल्टी भी ठीक से नहीं रखे जा सकते हैं.- गृहस्वामी

'योजना का है बुरा हाल': वहीं स्थानीय ने बताया कि इस योजना की कार्यप्रणाली ने इसे मजाक का पात्र बना दिया है. इस योजना के पीछे सरकार अब तक करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा चुकी है. इसके बाद भी लोगों के घरों में शुद्ध पानी नहीं पहुंच सका है. जिस तरह से इस योजना पर पैसे बहाए गए हैं उसी तरह इस योजना का अधिकांश पानी पाइप लीक हो जाने के कारण सड़कों पर ही बह जा रहा है. कई लोगों की यह भी शिकायत है कि उनके घर अब तक एक नल का कनेक्शन नहीं लगा है. वहीं जिनके घर कनेक्शन दो वर्ष पहले लग चुकी है, उनके नल से अब तक पानी नहीं आया. उन्हे अब भी 300 रूपये माह पर वाटर जार खरीदना पड़ता है.

"बिहार सरकार का फ्लॉप निर्णय है. किसी किसी के घर में सात सात नल लगे हैं वहीं मेरे घर में एक भी नहीं लगा है. बिहार सरकार का दुर्भाग्य और पैसों की बर्बादी है."- मनोज कुमार, स्थानीय

"बिहार सरकार की अति महत्वकांक्षी योजना हर घर नल का जल योजना है लेकिन ये कछुए की चाल से चल रही है. कहीं पाइप है तो नल नहीं और कहीं नल है तो पाइप नहीं. जहां नल है वहां पानी का सप्लाई नहीं है."- विकास वर्मा,स्थानीय

विभाग ने मांगा स्पष्टीकरण: संबंधित संवेदक के प्रतिनिधि को हिदायत दी गई है. साथ ही इसकी जांच कर इसे ठीक करने के निर्देश दिए गए है. संवेदक प्रतिनिधि द्वारा बताया गया है कि इसमें सुधार कर सात की जगह 4 किया गया है, लेकिन 4 नल भी क्यों लगे हैं और 7 नल क्यों लगाए गए इसे लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है.

"सात का वीडियो देखने के बाद हमने संवेदक के प्रतिनिधि को जांच करने को कहा है. सात की जगह चार नल कर दिया गया है. लेकिन हमने इसे पूरी तरह से ठीक करने को कहा है."- अरविंद कुमार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, बुडको

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