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पूर्णिया: कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन में सैकड़ों मजदूरों को मिल रहा है रोजगार, मक्का किसानों की चांदी - purnea railways station news

कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन में पूर्णिया रेलवे स्टेशन मजदूरों के लिए वरदान बन गया है. यहां रैक प्वाॅइंट पर 300 मजदूर रोज मक्का लोड करने के काम में लगे हुए हैं. वहीं इस लोडिग का लाभ किसानों को भी मिल रहा है.

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रैक प्वाॅइंट पर 300 मजदूर रोज मक्का लोड कर रहे हैं
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Published : May 16, 2021, 9:52 AM IST

पूर्णियाः कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन की सबसे अधिक मार मजदूरों पर पड़ रही है. उनके लिए इस दौर में खाने तक पर आफत आ गई है. लेकिन इसी बीच पूर्णिया के सैकड़ों मजदूरों के लिए पूर्णिया रेलवे स्टेशन वरदान साबित हो रहा है.

जिले के सैकड़ों मजदूरों को पूर्णिया रेलवे स्टेशन के रैक प्वाॅइंट पर मक्का रैक भरने का काम मिला है. इस काम में करीब 300 से ज्यादा मजदूर लगे हैं. मजदूरों के साथ ही किसानों को भी इसका लाभ मिल रहा है. रैक लोड होने से किसानों पिछले साल की तुलना में अधिक कीमत मिल रही है.

इसे भी पढ़ेंः पटना: लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत मिला रोजगार

300 मजदूरों को मिला रोजगार
पूर्णिया जंक्शन पर खड़ी मालगाड़ी में इन दिनों मक्का लोड हो रहा है. इसे विशाखापट्टनम ले जाया जाएगा. इस रैक प्वाॅइंट पर रोज मक्के की रैक लादी जा रही है. जिसमें 300 कामगारों को रोजगार मिल रहा है. मजदूर बताते हैं कि पिछले साल इस वक्त उनके पास लॉकडाउन में घर पर बैठे रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. इस साल विषम परिस्थिति के बाद भी रैक प्वाॅइंट पर काम मिला है.

किसानों को मिल रहा उपज का बेहतर लाभ
मक्का किसान बताते हैं कि पिछले साल से इस साल मक्के की कीमत प्रति क्विंटल 300 रुपए अधिक मिल रही है. इसका मुख्य कारण यह है कि वे मक्के के व्यापारियों को सीधे रैक प्वाॅइंट पर मक्का पहुंचा रहे हैं.

रैक लोडर व्यपारी कहते हैं कि एमएफ रेलवे द्वारा हर दिन एक रैक लोड करने का निर्देश दिया गया है. ऐसा नहीं करने से पेनाल्टी देना पड़ता है. लिहाजा मालगाड़ी लगने के 9 घंटे के अंदर लोड करना पड़ता है. ऐसे में ज्यादा काम होने से बड़े पैमाने पर मजदूरों को तो काम मिल ही रहा है, किसानों को भी उनके उपज का सही मूल्य मिल रहा है.

पूर्णियाः कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन की सबसे अधिक मार मजदूरों पर पड़ रही है. उनके लिए इस दौर में खाने तक पर आफत आ गई है. लेकिन इसी बीच पूर्णिया के सैकड़ों मजदूरों के लिए पूर्णिया रेलवे स्टेशन वरदान साबित हो रहा है.

जिले के सैकड़ों मजदूरों को पूर्णिया रेलवे स्टेशन के रैक प्वाॅइंट पर मक्का रैक भरने का काम मिला है. इस काम में करीब 300 से ज्यादा मजदूर लगे हैं. मजदूरों के साथ ही किसानों को भी इसका लाभ मिल रहा है. रैक लोड होने से किसानों पिछले साल की तुलना में अधिक कीमत मिल रही है.

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300 मजदूरों को मिला रोजगार
पूर्णिया जंक्शन पर खड़ी मालगाड़ी में इन दिनों मक्का लोड हो रहा है. इसे विशाखापट्टनम ले जाया जाएगा. इस रैक प्वाॅइंट पर रोज मक्के की रैक लादी जा रही है. जिसमें 300 कामगारों को रोजगार मिल रहा है. मजदूर बताते हैं कि पिछले साल इस वक्त उनके पास लॉकडाउन में घर पर बैठे रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. इस साल विषम परिस्थिति के बाद भी रैक प्वाॅइंट पर काम मिला है.

किसानों को मिल रहा उपज का बेहतर लाभ
मक्का किसान बताते हैं कि पिछले साल से इस साल मक्के की कीमत प्रति क्विंटल 300 रुपए अधिक मिल रही है. इसका मुख्य कारण यह है कि वे मक्के के व्यापारियों को सीधे रैक प्वाॅइंट पर मक्का पहुंचा रहे हैं.

रैक लोडर व्यपारी कहते हैं कि एमएफ रेलवे द्वारा हर दिन एक रैक लोड करने का निर्देश दिया गया है. ऐसा नहीं करने से पेनाल्टी देना पड़ता है. लिहाजा मालगाड़ी लगने के 9 घंटे के अंदर लोड करना पड़ता है. ऐसे में ज्यादा काम होने से बड़े पैमाने पर मजदूरों को तो काम मिल ही रहा है, किसानों को भी उनके उपज का सही मूल्य मिल रहा है.

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