पूर्णियाः सीमांचल की जमीन से महीनों बाद एक बार फिर सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ आवाज गूंजती नजर आई. रविवार को अमौर विधानसभा क्षेत्र के मच्छटटा स्थित हाई स्कूल में एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी एक चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे. जहां उन्होंने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर एनडीए व महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा.
इस दौरान ओवैसी की सभा में 'देखो-देखों शेर आया' के नारे भी गूंजने लगे. सिमांचल के मुस्लिम वोटरों को साधते हुए औवेसी ने कहा कि मुख्यमंत्री अगर उपेंद्र कुशवाहा भी बने और सीमांचल के साथ नाइंसाफी हुई तो वह सीमांचल की पूरी जनता को लेकर पटना में जाकर बैठ जांएगे.
'सीमांचल सहित अमौर के विकास के लिए एआईएमआईएम बिहार के चुनावी मैदान में आई है. सीमांचल का विकास यहां के जनप्रतिनिधियों के कारण नहीं हुआ. सड़कें, शिक्षा, स्वास्थ सहित अन्य साधन नहीं होने से आज भी यह इलाका पिछड़ा है. रोजगार के अवसर नहीं रहने के कारण यहां के लोग दूसरे प्रदेशों में कमाने जाते हैं'. असदुद्दीन ओवैसी, राष्ट्रीय अध्यक्ष एआईएमआईएम
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा-
- सीमांचल के लोगों की परेशानी को देखते हुए अख्तरुल इमान व तस्लीमुद्दीन के बेटे शाहनवाज आलम सहित अन्य प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा गया है. सीमांचल के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए यह जरूरी था कि एआईएमआईएम अपने उम्मीदवारों को असेंबली में भेजे.
- पिछड़े सीमांचल को विकास से जोड़ने के लिए अख्तरुल इमान को अपना कीमती वोट देकर बिहार असेंबली तक पहुंचाना होगा. जहां दलितों वंचितों, दबे-कुचले व सीमांचल की बादहाली के लिए आवाज उठाया जा सके.
'अमौर की आवाज बनेगा एआईएमआईएम'
वहीं, सभा को संबोधित करते हुए अख्तरुल इमान ने कहा कि मैंने अमौर की बदहाली को बहुत करीब से देखा है. यहां की जनता के आह्वान पर मैं आपके बीच आपकी आवाज बनने आया हूं. लोगों ने जिस प्यार, भरोसे और ईमान पर बुलाया है. मैं भरसक उसे पूरा करने की कोशिश करूंगा.
बढ़ी कांग्रेस राजद और जदयू की चिंता
बता दें कि एआईएमआईएम, बसपा, रालोसपा और अन्य दलों को मिलाकर बने मोर्चा ने बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को बनाया है. जिनके पक्ष में असदुद्दीन ओवैसी सीमांचल के लोगों से वोट की अपील कर रहे हैं.
गौरतलब है कि सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका है. यहां मुस्लिम वोटों पर कांग्रेस की मजबूत पकड़ रही है. लेकिन कांग्रेस की चिंता एआईएमआईएम को लेकर बढ़ गई है. इसके साथ ही राजद और जदयू भी चिंता में पड़े हैं. क्योंकि असदुद्दीन ओवैसी दोनों ही दलों के खिलाफ आक्रामक दिख रहे हैं.