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चाय बेचकर सहायक कमांडेंट और BPSC की तैयारी कर रहे हैं बिहार के ये युवक - चाय बेचकर बीपीएससी की तैयारी

दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस की पगडंडी पर चाय की दुकान लगाने वाले अभिजीत और उनके साथी आम युवाओं के लिए प्रेरणा बन रहे हैं. बिहार से आए ये दोनों छात्र एक साल पहले असिस्टेंट कमांडेंट और बीपीएससी की तैयारी करने दिल्ली आए थे, लेकिन अब इन्हें यहां चाय बेचनी पड़ रही है.

चाय बेचकर बीपीएससी की तैयारी
चाय बेचकर बीपीएससी की तैयारी
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Published : May 4, 2022, 11:00 PM IST

नई दिल्ली/पटना: दिल्ली के मुखर्जी नगर में IAS-PCS की तैयारी करने के लिए स्टूडेंट देश के अगल-अलग कोने से आते हैं. कुछ आर्थिक रूप से मजबूत परिवार से होते हैं तो कुछ आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद अपनी मेहनत और लगन से इनको सफलता मिलती है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस के फुटपाथ पर चाय की दुकान लगाने वाले अभिजीत और उसके साथी आम युवाओं की तरह दिखते हैं, लेकिन जब आप उनके स्टॉल पर जाकर उनसे बात करेंगे तो पता चलेगा कि वे इसी चाय की दुकान से आमदनी करते हैं और दिल्ली में रहकर अपने सपनों की उड़ान को पूरा करने की तैयारी कर रहे हैं.

दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस हॉस्टल के पास अभिजीत अपने चाय का स्टाल रोजाना सुबह 10:00 बजे से शाम के 8:00 बजे तक लगाते हैं. अभिजीत और उनका साथी, ये दोनों ही बिहार के रहने वाले हैं. दोनों को तैयारी करने में और दिल्ली में रहने में काफी ज्यादा खर्चा आता है. आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उन्होंने अपनी कमजोरी को हथियार बनाया. ट्यूशन पढ़ाकर उन्होंने शुरुआती दिनों में पैसे जमा किए और एक चाय का स्टाल लगाया.

दिल्ली में चाय की दुकान लगाना भी बहुत मुश्किल है. पहले आपको चाय स्टॉल लगाने के लिए इधर-उधर पैसे देने होंगे, फिर आपको जगह मिल सकती है. भले ही सरकार यह कहती हो कि हम भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण कर रहे हैं, लेकिन एक लाचार का फायदा हर तरह के लोग उठाना चाहते हैं. अभिजीत ने सरकारी कर्मचारियों को पैसे देकर अपना स्टॉल भी लगा लिया है. उनका कहना है कि इस स्टॉल से ही हम आगे की पढ़ाई कर सकते हैं.

अभिजीत बताते हैं कि एक साल पहले जब वह दिल्ली आए तो उन्हें लगा कि इतने महंगे शहर में तैयारी कैसे कर पाएंगे. उन्होंने पार्ट टाइम जॉब की तलाश शुरू कर दी, लेकिन पार्ट टाइम जॉब न पर उन्होंने सोचा कि क्यों न दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में एक छोटी सी चाय की स्टाल लगाई जाए.

उन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर कुछ पैसे जमा किए और ये चाय की दुकान खोल ली. अजीत का कहना है कि वह सुबह 10:00 बजे चाय की दुकान खोलते हैं और 8:00 बजे तक स्टॉल चलाते हैं. 10:00 से 8:00 के बीच अभिजीत और उनका साथी स्टॉल पर खड़े होते हैं. उसके बाद रात 8 बजे खाना बनाकर पढ़ाई करने बैठ जाते हैं. उनकी पढ़ाई सुबह 3:00 बजे तक चलती है. इसके बाद वे सो जाते हैं और फिर सुबह एक साथी 10:00 बजे तक स्टॉल लगाता है. अभिजीत तब तक ऑनलाइन क्लास करता है और उसका साथी ग्राहक के आने तक स्टॉल पर होता है.

नई दिल्ली/पटना: दिल्ली के मुखर्जी नगर में IAS-PCS की तैयारी करने के लिए स्टूडेंट देश के अगल-अलग कोने से आते हैं. कुछ आर्थिक रूप से मजबूत परिवार से होते हैं तो कुछ आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद अपनी मेहनत और लगन से इनको सफलता मिलती है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस के फुटपाथ पर चाय की दुकान लगाने वाले अभिजीत और उसके साथी आम युवाओं की तरह दिखते हैं, लेकिन जब आप उनके स्टॉल पर जाकर उनसे बात करेंगे तो पता चलेगा कि वे इसी चाय की दुकान से आमदनी करते हैं और दिल्ली में रहकर अपने सपनों की उड़ान को पूरा करने की तैयारी कर रहे हैं.

दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस हॉस्टल के पास अभिजीत अपने चाय का स्टाल रोजाना सुबह 10:00 बजे से शाम के 8:00 बजे तक लगाते हैं. अभिजीत और उनका साथी, ये दोनों ही बिहार के रहने वाले हैं. दोनों को तैयारी करने में और दिल्ली में रहने में काफी ज्यादा खर्चा आता है. आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उन्होंने अपनी कमजोरी को हथियार बनाया. ट्यूशन पढ़ाकर उन्होंने शुरुआती दिनों में पैसे जमा किए और एक चाय का स्टाल लगाया.

दिल्ली में चाय की दुकान लगाना भी बहुत मुश्किल है. पहले आपको चाय स्टॉल लगाने के लिए इधर-उधर पैसे देने होंगे, फिर आपको जगह मिल सकती है. भले ही सरकार यह कहती हो कि हम भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण कर रहे हैं, लेकिन एक लाचार का फायदा हर तरह के लोग उठाना चाहते हैं. अभिजीत ने सरकारी कर्मचारियों को पैसे देकर अपना स्टॉल भी लगा लिया है. उनका कहना है कि इस स्टॉल से ही हम आगे की पढ़ाई कर सकते हैं.

अभिजीत बताते हैं कि एक साल पहले जब वह दिल्ली आए तो उन्हें लगा कि इतने महंगे शहर में तैयारी कैसे कर पाएंगे. उन्होंने पार्ट टाइम जॉब की तलाश शुरू कर दी, लेकिन पार्ट टाइम जॉब न पर उन्होंने सोचा कि क्यों न दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में एक छोटी सी चाय की स्टाल लगाई जाए.

उन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर कुछ पैसे जमा किए और ये चाय की दुकान खोल ली. अजीत का कहना है कि वह सुबह 10:00 बजे चाय की दुकान खोलते हैं और 8:00 बजे तक स्टॉल चलाते हैं. 10:00 से 8:00 के बीच अभिजीत और उनका साथी स्टॉल पर खड़े होते हैं. उसके बाद रात 8 बजे खाना बनाकर पढ़ाई करने बैठ जाते हैं. उनकी पढ़ाई सुबह 3:00 बजे तक चलती है. इसके बाद वे सो जाते हैं और फिर सुबह एक साथी 10:00 बजे तक स्टॉल लगाता है. अभिजीत तब तक ऑनलाइन क्लास करता है और उसका साथी ग्राहक के आने तक स्टॉल पर होता है.


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