पटना: साल 2021 समाप्ति (Year Ender 2021) की ओर है. वहीं साल 2022 का आगाज होने जा रहा है. हर कोई नए साल के जश्न की तैयारियों में जुट गया है, लेकिन यह तैयारी इस बार भी कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रोन (New Variant Omicron) को लेकर फीका पड़ गया है. मसौढ़ी अनुमंडल ने इस बार साल 2021 में कई लोगों को खोया है. जिसके दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. वहीं सरकार की कई योजनाएं आधी अधूरी (Government Schemes Work Incomplete In Masaurhi) रह गई है, जिस पर लाखों लोगों की उम्मीदें टिकी हुई थी.
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साल 2022 का आगाज होने वाला है. नए साल के जश्न की तैयारियों में लोग जुट गए हैं. साल 2021 में मसौढ़ी ने कई नामचीन हस्ती, कई सामाजिक कार्यकर्ता और जाने-माने चिकित्सक इतिहासकार को खो दिया है. जिसके दर्द को लोग भुला नहीं सकते हैं. कई ऐसे चिकित्सक तो सिर्फ चिकित्सक नहीं थे, बल्कि समाज से हर समाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे. जिसमें डॉ अवधेश सिंह, डॉक्टर के राजन, डॉ श्याम बिहारी पांडे शामिल हैं. वहीं जाने-माने इतिहासकार सिद्धेश्वर नाथ पांडे भी शामिल हैं.
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साथ ही कई सरकारी ऐसी योजनाएं जिस पर लाखों लोगों की उम्मीदें टिकी हुई थी, लेकिन इस वर्ष भी वह पूरा नहीं हो सका है. जिसमें मसौढ़ी के बहुप्रतीक्षित बेर्रा बराज, शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए बन रहे ओवर ब्रिज, अनुमंडल अस्पताल में बने ऑक्सीजन प्लांट जो ऑपरेटर के कारण चालू नहीं सका है. ये सभी कार्य आधे अधूरे हैं. ऐसे में सरकार की कई योजनाएं नल-जल योजना, आवास योजना आधे अधूरे पड़े हुए हैं.
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