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पटना: सतुआनी के मौके पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने पर मेष संक्रांति और सतुआनी मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी तिथि से सूर्य उच्च के होते हैं. इससे गर्मी का प्रकोप बढ़ता है.

गंगा घाट पर श्रद्धालुओं का भीड़
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Published : Apr 14, 2019, 11:01 AM IST

पटना: सतुआनी के मौके पर राजधानी के सभी गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने सुबह से ही आस्था की डुबकी लगाई. इस मौके पर सत्तू, आम, मिट्टी के बर्तन, समेत कई सामान ब्राह्मणों को दान में दिया गया. ऐसी मान्यता है कि सतुआनी के दिन गंगा में स्नान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है. इस मौके पर दान देने से धन-धान्य में बरकत होता है.

गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़

सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है यह पर्व

गौरतलब है कि सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने पर मेष संक्रांति और सतुआनी मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी तिथि से सूर्य उच्च के होते हैं. इससे गर्मी का प्रकोप बढ़ता है. खगौल शास्त्र के अनुसार सूर्य अब उत्तर गोलार्द्ध में आ जाएंगे.

पवित्र नदियों में श्रद्धालु लगाते हैं आस्था की डुबकी

सतुआनी के अवसर पर गंगा सहित तमाम पवित्र नदियों में श्रद्धालुओं द्वारा आस्था की डुबकी लगायी जाती है. लोग अपने-अपने कुलदेवता को सत्तू , गुड़, आम के टिकोला की चटनी का भोग लगाते हैं. साथ ही पितरों के नाम पर सत्तू, गुड़ के साथ घड़ा, पंखा, जौ, तिल आदि भी दान किया जाता है.

पटना: सतुआनी के मौके पर राजधानी के सभी गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने सुबह से ही आस्था की डुबकी लगाई. इस मौके पर सत्तू, आम, मिट्टी के बर्तन, समेत कई सामान ब्राह्मणों को दान में दिया गया. ऐसी मान्यता है कि सतुआनी के दिन गंगा में स्नान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है. इस मौके पर दान देने से धन-धान्य में बरकत होता है.

गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़

सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है यह पर्व

गौरतलब है कि सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने पर मेष संक्रांति और सतुआनी मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी तिथि से सूर्य उच्च के होते हैं. इससे गर्मी का प्रकोप बढ़ता है. खगौल शास्त्र के अनुसार सूर्य अब उत्तर गोलार्द्ध में आ जाएंगे.

पवित्र नदियों में श्रद्धालु लगाते हैं आस्था की डुबकी

सतुआनी के अवसर पर गंगा सहित तमाम पवित्र नदियों में श्रद्धालुओं द्वारा आस्था की डुबकी लगायी जाती है. लोग अपने-अपने कुलदेवता को सत्तू , गुड़, आम के टिकोला की चटनी का भोग लगाते हैं. साथ ही पितरों के नाम पर सत्तू, गुड़ के साथ घड़ा, पंखा, जौ, तिल आदि भी दान किया जाता है.

Intro:स्टोरी:-सतवानी में गंगा स्नान।
रिपोर्ट:-पटनासिटी से अरुण कुमार।
दिनांक:-14-04-019.
एंकर:-पटनासिटी,14 अप्रैल सतवानी के मौके पर आज राजधानी के सभी गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने सुबह से ही गंगा में श्रद्धा की डुबकी लगाई,और सत्तू,आम,मिट्टी के बर्तन,समेत कई समान गंगा स्नान करने के बाद ब्राह्मणों को दान में दिया जाता है।ऐसी मान्यता के है कि सतवानी के दिन गंगा में स्नान करने से पूर्वजो को आत्मा की शांति मिलती है साथ ही धन-धान्य में बरकत होता है और सत्तू दान करने से सत्रु का नाश होता है।यह श्रद्धालुओ का भव्य नजारा पटनासिटी के गाय घाट की है जँहा श्रद्धालुओ ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर मंगल कामना की।
बाईट(नंदकिशोर पांडे-ब्राह्मण और संध्या जसवाल-श्रद्धालु)


Body:सतवानी में गंगा स्नान।


Conclusion:सतवानी में गंगा स्नान।
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