पटना: शुक्रवार को पूरे देश में वट सावित्री का व्रत है. इसको लेकर राजधानी के बाजारों में गुरुवार को महिलाएं पूरी श्रद्धा के साथ पूजा सामग्री की खरीदारी करती नजर आईं. हिंदू धर्म के अनुसार महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्रि व्रत रखती हैं. महिलाएं पूरी निष्ठा के साथ यह पूजा करती हैं. जो महिलाएं इस व्रत को सच्ची निष्ठा से रखती हैं, उन्हें ना सिर्फ पुण्य की प्राप्ति होती है. बल्कि उनके पति की उम्र लंबी होती है और उन पर आई सभी समस्या भी दूर हो जाती है.
ब्रह्मा की मूर्ति की स्थापना
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता सावित्री अपने पति के प्राणों को यमराज से छुड़ाकर ले आई थीं. वट सावित्री व्रत का महिलाओं के बीच विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन वट बरगद के वृक्ष की पूजा होती है. इस व्रत को महिलाएं अखंड सौभाग्यवती रहने और पति की मंगलकामना के लिए करती हैं. इस दिन महिलाएं सुबह घर की सफाई कर स्नान करती हैं. इसके बाद पवित्र गंगा जल का पूरे घर में छिड़काव करती हैं. बांस की टोकरी में सप्त धान्य और सुहाग की सामग्री भरकर ब्रह्मा की मूर्ति की स्थापना करती हैं.
सावित्री और सत्यवान की पूजा
ब्रह्मा के वाम पार्श्व में सावित्री की मूर्ति स्थापित की जाती है. इसी प्रकार दूसरी टोकरी में सत्यवान और सावित्री की मूर्तियों की स्थापना होती है. इन टोकरियों को वट वृक्ष के नीचे ले जाकर रखने के बाद ब्रह्मा और सावित्री की पूजा की जाती है. इसके बाद सावित्री और सत्यवान की पूजा करते हुए महिलाएं बड़ की जड़ में पानी देती हैं. महिलाएं पूजा में जल, रोली, चंदन, शुद्ध कच्चा सूत,पानी में भिगाया हुआ चना, फूल, धूप और दीप का प्रयोग करती हैं.
वृक्ष की परिक्रमा करती हैं महिलाएं
जल से वटवृक्ष को सींचकर उसके तने के चारों ओर कच्चा धागा लपेटकर तीन बार परिक्रमा की जाती है. साथ ही महिलाएं बड़ के पत्तों के गहने पहनकर वट सावित्री की कथा सुनती हैं. इसके बाद भीगे हुए चनों का बायना निकालकर, नकद रुपये रखकर अपने से बड़े सभी के पैर छूकर उनका आशीष प्राप्त करती हैं.
पूजन सामग्री की खरीदारी करती शशि प्रभा ने बताया कि पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत करती हैं. वहीं नीतू ने बताया कि इसमें हम लोग सुहाग के सभी सामान की खरीदारी करते हैं और फिर पूजा करते हैं.