पटनाः बिहार में छह चरणों का चुनाव हो चुका है. सभी चरणों में महिलाओं ने जमकर वोटिंग की है. 12 मई को हुए छठे चरण के चुनाव में भी महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले लगभग 8% अधिक वोट डाला है.
वहीं, पांचवें चरण में भी महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत अधिक था. पहले चरण में 2%, तो दूसरे चरण में 8% और तीसरे चरण में 10% महिलाओं ने पुरुषों से अधिक वोट डाला है. 2014 में 47 महिलाएं चुनाव मैदान में थी. पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार 56 महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं. जिसमें एनडीए ने 3 महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. वहीं महागठबंधन में 6 महिलाओं को टिकट दिया है.
छठे चरण में जहां पुरुष मतदाताओं ने 54.89% वोट डाला, तो वहीं महिलाओं ने 62.50 प्रतिशत वोट डाला है. गोपालगंज में पुरुषों ने 50.74% तो महिलाओं ने 60.02 प्रतिशत वोट डाला है. छठे चरण में सिवान में जदयू और आरजेडी ने महिला प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा था और यहां पुरुषों ने 50 .17% तो महिलाओं ने 59.56 प्रतिशत वोट डाला है.
इसी तरह बीजेपी ने शिवहर में महिला प्रत्याशी को उतारा था और यहां पुरुषों ने 56.12 प्रतिशत तो महिलाओं ने 63.55% वोट डाला है. इसी तरह वैशाली में भी लोजपा ने महिला प्रत्याशी को चुनाव में उतारा था और वैशाली में पुरुषों ने 57 .76% तो महिलाओं ने 68.62 प्रतिशत वोट डाला है.
उससे पहले प्रथम चरण के चुनाव में महिलाओं का वोट प्रतिशत 54.25 था तो पुरुषों का 52.76 %. गया को छोड़कर जमुई औरंगाबाद और नवादा सभी लोकसभा सीटों में महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट किया. दूसरे चरण में महिलाओं ने 66.02 % किया तो पुरुषों ने 60.09%. दूसरे चरण में सभी पांचों सीट कटिहार, किशनगंज, भागलपुर,पूर्णिया, बांका में महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट किया.
जदयू के वरिष्ठ नेता श्याम रजक का कहना है कि बिहार में महिलाओं को सत्ता में भागीदारी मिली. पंचायतों में सबसे पहले 50% आरक्षण नीतीश कुमार ने ही दिया और इसके अलावा नौकरियों में भी आरक्षण दिया गया. बीजेपी का भी कहना है कि केंद्र सरकार ने कई योजना महिलाओं के लिए शुरू किया है और उसका असर आने वाले समय में दिखेगा.
2014 में 25 लोकसभा सीटों पर आधी आबादी की वोटिंग अधिक थी. इस बार भी 2014 का रिकॉर्ड टूटने वाला है. अब देखना है आधी आबादी की अधिक वोटिंग का असर कितना होता है.