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पटना जंक्शन पर महिलाएं चला रही हैं कैटरिंग, लेडी स्टाफ ही ग्राहकों को परोसती हैं खाना

कभी घर की दहलीज में सीमित रहने वाली आम महिलाएं आज घर की चौखट लांघकर अपनी मंजिल खुद तालाश रही हैं. कल तक पुरुषों के वर्चस्व वाले कैटरिंग सिस्टम (Catering Services In Patna) वाले क्षेत्र में भी पटना की महिलाएं आगे आ गई हैं. अपने शौक को पूजा ने कैसे पेशा बना लिया, पढ़िये पूरी कहानी..

महिलाएं चला रही कैटरिंग
महिलाएं चला रही कैटरिंग
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Published : Mar 26, 2022, 8:12 PM IST

पटनाः अपनी मेहनत और लगन के बल पर महिलाएं पुरूषों को हर क्षेत्र में टक्कर दे रही हैं. चंद पैसों के लिए मोहताज महिलाएं भी अब आर्थिक रूप से संपन्न हो रही हैं और आत्मनिर्भर बनकर घर परिवार भी चला रही हैं. ऐसी ही कुछ महिलाएं अब पटना जंक्शन के करबिगहिया प्लेटफार्म नंबर 10 पर कैटरिंग (Women Manage catering At Patna Junction) का संचालन कर रही हैं, जो पटना स्टेशन पर काफी फेमस भी हो रहा है. कमसम फूड ट्रैक (Comesum Food Track At Karbighiya) नाम की यह कैटरिंग तीन महिलाएं मिलकर चलाती हैं.

ये भी पढ़ेंः 'आत्मनिर्भर भारत' के सपने को साकार करने में जुटी सीतामढ़ी की रुबीना, लोगों को बना रहीं स्वावलंबी

लोन लेकर शुरू की कैटरिंगः पटना जंक्शन के करबिगहिया प्लेटफार्म 10 पर कमसम फूड ट्रैक की शुरुआत 2 महीने पहले ही हुई है. पूजा कुमारी नाम की एक महिला ने इसे शुरू किया है, जो पहले सर्विस सेंटर में जॉब करती थीं. लेकिन जॉब से उनके घर परिवार का जीवन यापन नहीं चल पा रहा था. जिस कारण उन्होंने कुछ पैसा इकट्ठा किया और कुछ रुपये लोन लेकर कैटरिंग की शुरुआत की. जिससे आज उनकी अच्छी कमाई हो रही है.

कुछ नया करने की ठानीः पूजा का मानना है कि कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता है. मन में ठाना था कि आत्मनिर्भर बन कर समाज में अपनी पहचान बनानी है और घर परिवार को बेहतर ढंग से चलाना है. इसलिए कुछ नया करने की ठान ली और शुरू कर दिया कैटरिंग का काम. अपने साथ पूजा ने दो और महिलाओं को इस काम में लगा दिया. जो इनकी सहयोगी हैं, इन्हें भी अच्छा काम मिल गया और कमाई का जरिया भी.

'खाना भले ही महिलाएं बनाती हैं, लेकिन कैटरिंग सर्विस पर हमेशा से पुरुषों का राज रहा है. खाना बचपन से ही बना रही हूं. बस यही सोच कर खाना बनाने को ही अपना पेशा बनाया और आज अच्छी कमाई कर परिवार का भरण पोषण कर रही हूं. शुरुआती दिनों में थोड़ी परेशानी तो हुई. लेकिन अब सब सामान्य रूप से चल रहा है'- पूजा कुमारी, कैटरिंग संचालिका

ये भी पढ़ें- मसौढ़ी में मशरूम की खेती कर 'आत्मनिर्भर' बन रहीं महिलाएं, रिटायर्ड फौजी सीताराम दे रहे प्रशिक्षण

दूसरे जिले से आकर कर रही कामः कमसम फूड ट्रैक में काम करने वाली पम्मी कुमारी नालंदा जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना काल के बाद घर की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से बिगड़ गई थी. घर में कोई काम करने वाला नहीं है, जिस कारण से वो पिछले 1 साल से पटना जंक्शन पर दूसरे फूड काउंटर पर काम करती थीं. लेकिन उनको जब पता चला पटना जंक्शन की करबिगहिया छोड़ पर एक कैटरिंग खुला है, जहां महिलाओं की आवश्यकता है तो उन्होंने आकर बात की और 2 महीने से यहां काम कर रही हैं.

ग्राहकों को खाना भी परोसती हैं महिलाएंः दरअसल पूजा ने अपनी दुकान में महिला स्टाफ को ही रखा है. महिलाओं द्वारा ही खाना बनाने और ग्राहकों को खाना परोसने का काम किया जाता है. पूजा फास्ट फूड से लेकर वेज और नॉनवेज भोजन भी ग्राहकों को उपलब्ध कराती हैं. जिससे कि ग्राहक घर के जैसा खाना खाकर संतुष्ट होते हैं और पैकिंग कराकर यात्रा में साथ भी ले जाते है. यहां तक कि अगर आप ट्रेन के अंदर बैठे हैं और खाने की इच्छा है तो आप ऑनलाइन ऑर्डर कर ट्रेन के अंदर खाना मंगवा सकते हैं. कमसम फूड ट्रैक में यह भी सुविधा दी गई है.

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पटनाः अपनी मेहनत और लगन के बल पर महिलाएं पुरूषों को हर क्षेत्र में टक्कर दे रही हैं. चंद पैसों के लिए मोहताज महिलाएं भी अब आर्थिक रूप से संपन्न हो रही हैं और आत्मनिर्भर बनकर घर परिवार भी चला रही हैं. ऐसी ही कुछ महिलाएं अब पटना जंक्शन के करबिगहिया प्लेटफार्म नंबर 10 पर कैटरिंग (Women Manage catering At Patna Junction) का संचालन कर रही हैं, जो पटना स्टेशन पर काफी फेमस भी हो रहा है. कमसम फूड ट्रैक (Comesum Food Track At Karbighiya) नाम की यह कैटरिंग तीन महिलाएं मिलकर चलाती हैं.

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लोन लेकर शुरू की कैटरिंगः पटना जंक्शन के करबिगहिया प्लेटफार्म 10 पर कमसम फूड ट्रैक की शुरुआत 2 महीने पहले ही हुई है. पूजा कुमारी नाम की एक महिला ने इसे शुरू किया है, जो पहले सर्विस सेंटर में जॉब करती थीं. लेकिन जॉब से उनके घर परिवार का जीवन यापन नहीं चल पा रहा था. जिस कारण उन्होंने कुछ पैसा इकट्ठा किया और कुछ रुपये लोन लेकर कैटरिंग की शुरुआत की. जिससे आज उनकी अच्छी कमाई हो रही है.

कुछ नया करने की ठानीः पूजा का मानना है कि कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता है. मन में ठाना था कि आत्मनिर्भर बन कर समाज में अपनी पहचान बनानी है और घर परिवार को बेहतर ढंग से चलाना है. इसलिए कुछ नया करने की ठान ली और शुरू कर दिया कैटरिंग का काम. अपने साथ पूजा ने दो और महिलाओं को इस काम में लगा दिया. जो इनकी सहयोगी हैं, इन्हें भी अच्छा काम मिल गया और कमाई का जरिया भी.

'खाना भले ही महिलाएं बनाती हैं, लेकिन कैटरिंग सर्विस पर हमेशा से पुरुषों का राज रहा है. खाना बचपन से ही बना रही हूं. बस यही सोच कर खाना बनाने को ही अपना पेशा बनाया और आज अच्छी कमाई कर परिवार का भरण पोषण कर रही हूं. शुरुआती दिनों में थोड़ी परेशानी तो हुई. लेकिन अब सब सामान्य रूप से चल रहा है'- पूजा कुमारी, कैटरिंग संचालिका

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दूसरे जिले से आकर कर रही कामः कमसम फूड ट्रैक में काम करने वाली पम्मी कुमारी नालंदा जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना काल के बाद घर की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से बिगड़ गई थी. घर में कोई काम करने वाला नहीं है, जिस कारण से वो पिछले 1 साल से पटना जंक्शन पर दूसरे फूड काउंटर पर काम करती थीं. लेकिन उनको जब पता चला पटना जंक्शन की करबिगहिया छोड़ पर एक कैटरिंग खुला है, जहां महिलाओं की आवश्यकता है तो उन्होंने आकर बात की और 2 महीने से यहां काम कर रही हैं.

ग्राहकों को खाना भी परोसती हैं महिलाएंः दरअसल पूजा ने अपनी दुकान में महिला स्टाफ को ही रखा है. महिलाओं द्वारा ही खाना बनाने और ग्राहकों को खाना परोसने का काम किया जाता है. पूजा फास्ट फूड से लेकर वेज और नॉनवेज भोजन भी ग्राहकों को उपलब्ध कराती हैं. जिससे कि ग्राहक घर के जैसा खाना खाकर संतुष्ट होते हैं और पैकिंग कराकर यात्रा में साथ भी ले जाते है. यहां तक कि अगर आप ट्रेन के अंदर बैठे हैं और खाने की इच्छा है तो आप ऑनलाइन ऑर्डर कर ट्रेन के अंदर खाना मंगवा सकते हैं. कमसम फूड ट्रैक में यह भी सुविधा दी गई है.

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