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बुटीक संचालिका की पहल, पटना में महिलाएं बना रही हैं पीपीई किट

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Published : Jun 3, 2020, 11:14 PM IST

बुटीक संचालिका श्वेता कुमारी ने बताया कि उनके बुटीक का लोन अकाउंट सेंट्रल बैंक में चल रहा है. बैंक में लोन के सिलसिले में मैनेजर के पास मिलने जाने पर बैंक मैनेजर ने उन्हें 13-14 पीस पीपीई किट बनाने का ऑर्डर दिया.

पटना
पटना

पटना: प्रधानमंत्री ने कोरोना संक्रमण और इसके कारण उत्पन्न हुई आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए आत्मनिर्भर भारत बनाने का आह्वान किया. जिसके बाद बिहार की राजधानी पटना में कई महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ बिहार में जरूरत की आपूर्ति को पूरे करने में भी जुटी हुई हैं. पटना के बुद्ध मार्ग स्थित बंगाली अखाड़ा में बुटीक चलाने वाली महिला श्वेता कुमारी इन दिनों अपने बुटीक में पीपीई किट बना रही हैं. साथ ही थोक मात्रा में इसकी आपूर्ति भी कर रही हैं.

पटना
पीपीई किट बनाते बुटीक कारीगर
बुटीक संचालिका श्वेता कुमारी ने बताया कि उनके बुटीक का लोन अकाउंट सेंट्रल बैंक में चल रहा है. बैंक में लोन के सिलसिले में मैनेजर के पास मिलने जाने पर बैंक मैनेजर ने उन्हें 13-14 पीस पीपीई किट बनाने का ऑर्डर दिया. उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने दो दर्जन पीपीई किट बनाकर बैंक में सप्लाई किया. शुरुआती दिनों में पीपीई किट का कपड़ा न्यू दिल्ली से मंगाना पड़ा. जबकि, अब इसका कपड़ा पटना में भी मिल रहा है. उन्होंने बताया कि इस समय वह सफेद रंग में 85mm और नीले रंग में 95mm के 2 वैरायटी के पीपीई किट बना रही हैं.
पटना
कारीगरों द्वारा बनाया गया पीपीई किट
'जल्द ही मिलेंगे बड़े आर्डर'श्वेता कुमारी ने आगे बताया कि एक पीपीई किट बनाने में 680 रुपये के करीब लागत पड़ता है. जिसमें मास्क, ग्लव्स, शू-कवर, हैंड सेनीटाइजर, फेस शील्ड समेत सभी प्रोडक्ट शामिल हैं. हम लोग इसे 850 रुपये में सप्लाई करते हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल पीपीई किट के बड़े ऑर्डर्स नहीं आ रहे हैं. लेकिन हमें 3 बैंकों सेंट्रल बैंक, इंडियन बैंक और केनरा बैंक से पीपीई किट के आर्डर आए हैं. इसके अलावा मैनें महिला उद्योग में और डब्लूडीसी में पीपीई किट बनाने की जानकारी डाली थी. जिसके बाद आसाम के एमएसएमई से बात चल रही है. उम्मीद है कि बड़े आर्डर जल्द ही मिलेंगे.
ईटीवी भारत की खबर

'सिलने में नहीं होती है कठिनाई'
श्वेता कुमारी ने बताया कि उन्हें अब काफी अच्छा लग रहा है. क्योंकि पहले कई सालों से वह कस्टमर के कपड़े और इवेंट के लिए काम कर रही थीं. लेकिन अब उन्हें नया स्कोप मिला है. उन्होंने बताया कि साथ ही वह हर महीने स्लम बस्ती में रहने वाली 30 से 35 लड़कियों को ट्रेनिंग भी देती हैं. वहीं, पीपीई किट बना रहे मास्टर बबलू ने कहा कि एक पीपीई किट बनाने में एक से डेढ़ घंटे लगते हैं. इसे सिलने में कोई कठिनाई नहीं होती है. इसकी सिलाई आसान है. हालांकि, पीपीई किट के कपड़े सामान्य कपड़ों से अलग होते हैं, इसलिए सिलने में समय लगते हैं.

पटना
बुटीक संचालिका श्वेता कुमारी

पटना: प्रधानमंत्री ने कोरोना संक्रमण और इसके कारण उत्पन्न हुई आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए आत्मनिर्भर भारत बनाने का आह्वान किया. जिसके बाद बिहार की राजधानी पटना में कई महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ बिहार में जरूरत की आपूर्ति को पूरे करने में भी जुटी हुई हैं. पटना के बुद्ध मार्ग स्थित बंगाली अखाड़ा में बुटीक चलाने वाली महिला श्वेता कुमारी इन दिनों अपने बुटीक में पीपीई किट बना रही हैं. साथ ही थोक मात्रा में इसकी आपूर्ति भी कर रही हैं.

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पीपीई किट बनाते बुटीक कारीगर
बुटीक संचालिका श्वेता कुमारी ने बताया कि उनके बुटीक का लोन अकाउंट सेंट्रल बैंक में चल रहा है. बैंक में लोन के सिलसिले में मैनेजर के पास मिलने जाने पर बैंक मैनेजर ने उन्हें 13-14 पीस पीपीई किट बनाने का ऑर्डर दिया. उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने दो दर्जन पीपीई किट बनाकर बैंक में सप्लाई किया. शुरुआती दिनों में पीपीई किट का कपड़ा न्यू दिल्ली से मंगाना पड़ा. जबकि, अब इसका कपड़ा पटना में भी मिल रहा है. उन्होंने बताया कि इस समय वह सफेद रंग में 85mm और नीले रंग में 95mm के 2 वैरायटी के पीपीई किट बना रही हैं.
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कारीगरों द्वारा बनाया गया पीपीई किट
'जल्द ही मिलेंगे बड़े आर्डर'श्वेता कुमारी ने आगे बताया कि एक पीपीई किट बनाने में 680 रुपये के करीब लागत पड़ता है. जिसमें मास्क, ग्लव्स, शू-कवर, हैंड सेनीटाइजर, फेस शील्ड समेत सभी प्रोडक्ट शामिल हैं. हम लोग इसे 850 रुपये में सप्लाई करते हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल पीपीई किट के बड़े ऑर्डर्स नहीं आ रहे हैं. लेकिन हमें 3 बैंकों सेंट्रल बैंक, इंडियन बैंक और केनरा बैंक से पीपीई किट के आर्डर आए हैं. इसके अलावा मैनें महिला उद्योग में और डब्लूडीसी में पीपीई किट बनाने की जानकारी डाली थी. जिसके बाद आसाम के एमएसएमई से बात चल रही है. उम्मीद है कि बड़े आर्डर जल्द ही मिलेंगे.
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'सिलने में नहीं होती है कठिनाई'
श्वेता कुमारी ने बताया कि उन्हें अब काफी अच्छा लग रहा है. क्योंकि पहले कई सालों से वह कस्टमर के कपड़े और इवेंट के लिए काम कर रही थीं. लेकिन अब उन्हें नया स्कोप मिला है. उन्होंने बताया कि साथ ही वह हर महीने स्लम बस्ती में रहने वाली 30 से 35 लड़कियों को ट्रेनिंग भी देती हैं. वहीं, पीपीई किट बना रहे मास्टर बबलू ने कहा कि एक पीपीई किट बनाने में एक से डेढ़ घंटे लगते हैं. इसे सिलने में कोई कठिनाई नहीं होती है. इसकी सिलाई आसान है. हालांकि, पीपीई किट के कपड़े सामान्य कपड़ों से अलग होते हैं, इसलिए सिलने में समय लगते हैं.

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बुटीक संचालिका श्वेता कुमारी
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