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फरियादी के बोलने से पहले ही बोले CM- 'आपके पति शिक्षा मित्र थे, हत्या हो गई थी उनकी?'

जनता दरबार में पहुंची एक फरियादी की शिकायत सुनने से पहले ही सीएम ने सहानुभुति दिखाते हुए सवालिया लहजे में खुद ही सवाल कर दिया. इसके बाद क्या हुआ जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर..

जनता दरबार
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Published : Oct 11, 2021, 1:35 PM IST

पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) हमेशा की तरह आज भी जनता दरबार (Janta Darbar) में लोगों की समस्या सुन रहे हैं. जहां स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, वित्त और श्रम संसाधन विभाग समेत कई अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद हैं. इसी बीच एक महिला फरियादी अपनी फरियाद लेकर सीएम के पास पहुंची. जिसके बोलने से पहले ही सीएम ने उससे सहानुभुति दिखाते हुए खुद सवाल कर दिया. उसके बाद महिला ने दुखी आवाज में सारी बात बताई.

ये भी पढ़ेंः 'सर... आपके चरणों में 70 कर्मचारियों का भविष्य रख रहा हूं', सुनते ही CM नीतीश बोले- ...अरे का हुआ?

सीएम ने सहानुभुति दिखाते हुए सवालिया लहजे में पूछा- 'आपके पति शिक्षा मित्र थे, उनकी हत्या हो गई थी?' इस सवाल पर महिला ने कहा जी सर, 2 अक्टूबर 2018 को उनकी हत्या हो गई थी. दो छोटे-छोटे बच्चे हैं, बुजुर्ग सास-ससुर हैं. अब तक मुझे नौकरी नहीं मिली है. कैसे इनका पालन पोषण करें.

महिला की बात सुनकर सीएम ने तुरंत एक अधिकारी को अपने पास बुलाया और कहा- देखिये ये महिला आई हैं. क्या प्रावधान है. अगर इनको नौकरी मिल सकती है तो, देखिए, नौकरी चाहती हैं.

देखें वीडियो

बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने अप्रैल, 2006 से 10 सालों तक जनता दरबार कार्यक्रम किया था. मई, 2016 में लोक शिकायत निवारण कानून बनने के बाद सीएम ने जनता दरबार कार्यक्रम को बंद कर दिया. अब 5 साल बाद फिर जनता दरबार कार्यक्रम शुरू हो चुका है. जनता दरबार के लिए इस बार मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में बड़ा सा हॉल बनाया गया है. जहां हर महीने के प्रथम सोमवार को गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मध्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी, खान भूतत्व और समान प्रशासन विभाग से जुड़े लोगों की समस्या सुनी जाती है.

इसके बाद महीने के दूसरे सोमवार को स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की बारी आती है. जबकि तीसरे सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, पीएचईडी विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग और इसके अलावा कई विभाग से जुड़े समस्याओं का निदान होता है.

ये भी पढ़ेंः सीएम नीतीश कुमार आज करेंगे कैबिनेट की बैठक, कई एजेंडों पर लगेगी मुहर

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) हमेशा की तरह आज भी जनता दरबार (Janta Darbar) में लोगों की समस्या सुन रहे हैं. जहां स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, वित्त और श्रम संसाधन विभाग समेत कई अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद हैं. इसी बीच एक महिला फरियादी अपनी फरियाद लेकर सीएम के पास पहुंची. जिसके बोलने से पहले ही सीएम ने उससे सहानुभुति दिखाते हुए खुद सवाल कर दिया. उसके बाद महिला ने दुखी आवाज में सारी बात बताई.

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सीएम ने सहानुभुति दिखाते हुए सवालिया लहजे में पूछा- 'आपके पति शिक्षा मित्र थे, उनकी हत्या हो गई थी?' इस सवाल पर महिला ने कहा जी सर, 2 अक्टूबर 2018 को उनकी हत्या हो गई थी. दो छोटे-छोटे बच्चे हैं, बुजुर्ग सास-ससुर हैं. अब तक मुझे नौकरी नहीं मिली है. कैसे इनका पालन पोषण करें.

महिला की बात सुनकर सीएम ने तुरंत एक अधिकारी को अपने पास बुलाया और कहा- देखिये ये महिला आई हैं. क्या प्रावधान है. अगर इनको नौकरी मिल सकती है तो, देखिए, नौकरी चाहती हैं.

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बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने अप्रैल, 2006 से 10 सालों तक जनता दरबार कार्यक्रम किया था. मई, 2016 में लोक शिकायत निवारण कानून बनने के बाद सीएम ने जनता दरबार कार्यक्रम को बंद कर दिया. अब 5 साल बाद फिर जनता दरबार कार्यक्रम शुरू हो चुका है. जनता दरबार के लिए इस बार मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में बड़ा सा हॉल बनाया गया है. जहां हर महीने के प्रथम सोमवार को गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मध्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी, खान भूतत्व और समान प्रशासन विभाग से जुड़े लोगों की समस्या सुनी जाती है.

इसके बाद महीने के दूसरे सोमवार को स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की बारी आती है. जबकि तीसरे सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, पीएचईडी विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग और इसके अलावा कई विभाग से जुड़े समस्याओं का निदान होता है.

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जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

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