पटनाः बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन ( Darbhanga Railway Station ) पर हुए पार्सल ब्लास्ट (Darbhanga Parcel Blast) मामले में मोस्ट वांटेड मो. सुफियान ( Md. Sufiyan) का तार कश्मीर के जेल में बंद मो. जावेद (Md. Javed) से जुड़े होने की आशंका है. बता दें कि इसी साल फरवरी के महीने में आतंकवादियों को हथियार मुहैया करवाने के मामले में जावेद को गिरफ्तार किया गया था.
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कौन है जावेद?
मो. जावेद सारण जिले के मढ़ौरा थाना क्षेत्र के देव बहुआरा ( Dev Bahuara ) के निवासी रिटायर शिक्षक महफूज अंसारी ( Mahfooz Ansari ) का बेटा है. उसकी उम्र 25 साल है. जावेद ने कश्मीर के मुश्ताक नाम के एक युवक को 7 पिस्टल मुहैया करायी थी. जिन्हें पाक आतंकियों तक पहुंचाया गया था. इस मामले का खुलासा होने के बाद बिहार और जम्मू-कश्मीर की एसटीएफ की संयुक्त टीम ने जावेद को दबोचा फरवरी के महीने में उसके घर से गिरफ्तार किया था.
ज्वाइंट ऑपरेशन में गिरफ्तार हुआ था जावेद
आतंकियों के कनेक्शन का खुलासा होने के बाद जावेद की गिरफ्तारी के लिए एटीएस ( ATS ) की टीम ने ज्वाइंट ऑपरेशन (Joint Operation) चलाया था. इस ऑपरेशन में 40 से 50 की संख्या में जवान शामिल थे. इसके बाद आगे की रणनीति बनाते हुए टीम ने जावेद को मढ़ौरा थाना क्षेत्र के देव बहुआरा स्थित पैतृक घर की घेराबंदी की थी. इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था.
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गिरफ्तारी से पहले जुटाई थी जानकारी
जानकारी के अनुसार, उस समय पुलिस की टीम जिस वक्त गांव में छापेमारी करने गई थी, उस वक्त 40-50 जवान शामिल थे. पुलिस ने जावेद को हिरासत में लेने से पहले उसके घर के पास वाले घर से एक लड़के को उठाया था, फिर उससे जावेद के बारे में जानकारी लेकर पुलिस उसके घर में घुसी थी. बताया जाता है कि पुलिस को देख जावेद छत से भागने की कोशिश की, लेकिन उसे दबोच लिया गया था.
काफी संवेदनशील था मामला
बिहार से आतंकी कनेक्शन जुड़ी होने की सूचना के बाद बिहार पुलिस काफी अलर्ट मोड में थी. बिहार पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर काम कर रही थी. बिहार के डीजीपी एसके सिंघल (Bihar DGP SK Singhl) खुद नजर बनाए हुए थे. यह सब तब हो रहा था जब जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ( DGP Dilbagh Singh) ने खुलासा किया था कि कश्मीर में सक्रिय आतंकी बिहार से हथियार खरीद रहे हैं.
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जावेद के पिता ने DGP को लिखा था लेटर
बता दें कि जावेद की गिरफ्तारी के बाद उसके पिता महफूज आलम ने बिहार के DGP को लेटर लिख कर कहा था कि वह निर्दोष है. उन्होंने पुलिस से इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की थी. उन्होंने जावेद के बीमार होने का भी हवाला दिया था. साथ ही बीमारी के सबूत भी पुलिस को दिखाए थे.
ट्रांजिट रिमांड पर भेजा गया था जावेद
मो. जावेद की गिरफ्तारी के बाद एनआईए के द्वारा पटना के स्पेशल कोर्ट उसे पेश किया गया था. जिसके बाद कोर्ट ने जावेद को 6 दिनों के लिए ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया था. वहीं आगे की कार्रवाई करते हुए कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद एनआईए ने जावेद को जम्मू पुलिस के हवाले कर दिया गया था. क्योंकि जम्मू के आतंकी संगठनों को हथियार सप्लाई करने के मामले में जावेद की गिरफ्तारी हुई थी. इसके बाद से वह कश्मीर जेल में बंद है.
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दिल्ली को दहलाने की थी साजिश
बताते चलें कि जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद दिल्ली को दहलाने की साजिश रच रहा है. जम्मू कश्मीर के डीजीपी ने यह भी कहा था कि कश्मीर में सक्रिय आतंकी अब दिल्ली दहलाने के लिए छोटे हथियारों को बिहार के छपरा से मंगा रहे हैं. उन्होंने यह भी खुलासा किया था कि आतंकियों के माध्यम से अब तक 7 पिस्तौल बिहार के छपरा से मंगाए जा चुके हैं. इसके लिए आतंकी पंजाब में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं. कई जांच में यह खुलासा हो चुका है कि बिहार आतंकियों के लिए सेफ जोन बन चुका है.
दरभंगा केस में अब जावेद से पूछताछ
दरभंगा के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर बीते 17 जून को हुए ब्लास्ट मामले में मोस्ट वांटेड मो. सुफियान का जावेद के साथ तार जुड़े होने के बाद अब एटीएस की टीम जावेद से जल्द पूछताछ कर सकती है.
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