पटना: बिहार में इन दिनों चिलचिलाती धूप और गर्मी से जल रहा है. यूं तो जून के महीने में मानसून का आगाज हो जाता है और लोगों को प्रचंड गर्मी से निजात मिल जाती है, लेकिन आलम यह है कि लोग अबतक हीट वेब से जूझ रहे हैं. वैसे जून का महीना मॉनसून का महीना होता है, लेकिन बारिश अब तक नदारद है. मानसून के आने में देरी की वजह से बारिश नहीं हो पा रही है. वैसे केरल में मानसून के हिट करने की सूचना है. ऐसे में बिहार में भी अब गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद दिख रही है.
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22 जून तक बिहार में मानसून का पूर्वानुमान: बिहार की बात करें तो सामान्य तौर पर बिहार में 12 जून तक मानसून दस्तक दे देती है और 15 जून तक पूरे बिहार में मानसून का विस्तार हो जाता है. लेकिन इस बार मानसून विलंब हो गई है. केरल में मानसून ने विलंब से प्रवेश किया है. केरल में मॉनसून के हिट करने के 12 से 15 दिनों में बिहार में मानसून सक्रिय होता है. ऐसे में इसके अनुसार संभावना बन रही है कि बिहार में 22 जून तक मानसून दस्तक दे.
केरल में मानसून ने दी दस्तक: मौसम विज्ञान केंद्र पटना के मौसम वैज्ञानिक आशीष कुमार सिंह ने बताया कि सामान्य तौर पर केरल के समुद्री तट पर 1 जून को मानसून दस्तक देती है. इस बार 4 जून को मानसून के दस्तक देने का पूर्वानुमान था और यह पूर्वानुमान प्लस माइनस 4 दिन का होता है. यानी 4 से 8 जून तक मानसून के दस्तक देने का पूर्वानुमान था. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो प्रशांत महासागर में बन रहे अलनीनो कंडीशन के कारण इस बार मॉनसून अवधि के दौरान बारिश कम होने की संभावना है.
"सामान्य तौर पर केरल के समुद्री तट पर 1 जून को मानसून दस्तक देती है. इस बार 4 जून को मानसून के दस्तक देने का पूर्वानुमान था और यह पूर्वानुमान प्लस माइनस 4 दिन का होता है. यानी 4 से 8 जून तक मानसून के दस्तक देने का पूर्वानुमान था. इस बार मानसून के आगमन में थोड़ा विलंब हुआ है" - आशीष कुमार सिंह, मौसम वैज्ञानिक, मौसम विज्ञान केंद्र पटना
मानसून ही दिला सकती है गर्मी से राहत: जब तक मानसून बिहार में प्रवेश नहीं करती या फिर प्री मानसून बारिश नहीं होती है. तब तक यहां के लोगों को अभी और गर्मी की मार झेलनी होगी. फिर भी मौसम वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि इस महीने के अंत तक बारिश के साथ लोगों को गर्मी से भी राहत मिल जाएगी. अब देखना यह है कि कब तक बिहार में मानसून का प्रवेश हो पाता है. बिहार में मानसून किशनगंज और पूर्णिया के रास्ते प्रवेश करती है.
बारिश पर अलनीनो का घट सकता है प्रभाव: इंडियन ओसेन डायपोल को मॉनसून शुरू होने के बाद पॉजिटिव होने की संभावना बन रही है. ऐसे में इसका सकारात्मक असर बारिश पर होगा और मॉनसून अवधि के दौरान सामान्य से बहुत कम बारिश नहीं होगी. अभी इंडियन ओसेन डायपोल न्यूट्रल कंडीशन में है और संभावना है कि यह जल्द ही पॉजिटिव में कन्वर्ट होगा. अलनीनो की वजह से बारिश में जो कमी होगी वह काफी हद तक आईओडी के पॉजिटिव होने से भरपाई होगी.