पटनाः पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी पूरे बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही हैं. पश्चिम बंगाल में ममता की जीत पर बिहार में महागठबंधन के घटक दलों को ऊर्जा मिली है. वहीं लालू प्रसाद के जेल से बाहर आने के बाद बिहार में राजनीतिक उठापटक के संकेत मिलने लगे हैं. राजद नेता बंगाल के बाद बिहार में भी खेला होबे का दंभ भर रहे हैं.
सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं छोटे दल
बंगाल चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा पुरजोर ताकत झोंक देने के बाद भी फिर से ममता बनर्जी की सरकार बनने जा रही है. वहीं इसके बाद बिहार की राजनीति भी गरमाने लगी है. अंदरखाने से तोड़-जोड़ की राजनीति की खबरें भी सामने आ रही है. सरकार में शामिल छोटे दलों पर सबकी निगाहें टिकी हुई है. बता दें कि एमएलसी मनोनयन को लेकर जीतनराम मांझी की पार्टी और मुकेश सहनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं.
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लोजपा ने कसा तंज
बंगाल चुनाव के नतीजे के बाद लोजपा ने एक बार फिर जदयू पर तंज कसना शुरू कर दिया है. लोक जनशक्ति पार्टी के प्रवक्ता श्रवण कुमार ने कहा है कि चुनाव के नतीजे से संकेत बहुत साफ है. नीतीश कुमार के लिए आने वाले दिन मुश्किल भरे होंगे. भाजपा और जदयू के बीच तनाव इस बात के संकेत भी है.
'बिहार की राजनीति में होगी उलटफेर'
हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि बंगाल चुनाव के नतीजे बिहार की राजनीति की दिशा और दशा तय करेंगे. आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में उलटफेर देखने को मिल सकता है.
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'बिहार की राजनीति पर नहीं पड़ेगा असर'
छोटे दलों की भूमिका अहम
बंगाल चुनाव के नतीजे आने के बाद बिहार की सियासी सरगर्मी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार केशव कुमार सिंह का मानना है कि बिहार की राजनीति में दो छोटे दलों की भूमिका अहम है. दोनों दल अगर एकजुट होकर कोई फैसला लेंगे, तो ऐसी स्थिति में नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है.