पटना: बिहार में मानसून (Monsoon in Bihar) की सक्रियता बढ़ने के कारण सूबे में लगातार बारिश (Heavy Rain) दर्ज की जा रही है. मौसमी प्रभावों के कारण कई जिलों में बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, आज भी कई जिलों में बारिश होने की संभावना है. सूबे के कई इलाकों में आसमानों में काले बादल छाए रहेंगे. वहीं, कई इलाकों में मेघ गर्जन और वज्रपात की भी आशंका जताई है.
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मौसम विभाग ने बिहार की राजधानी पटना सहित भोजपुर, बक्सर, अरवल, गोपालगंज, सिवान, सीतामढ़ी, शिवहर और मधुबनी जिले के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, बिहार के सभी जिलों में आने वाले अगले 2 से 3 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम मेघ गर्जन, वज्रपात के साथ बारिश होने की संभावना है. इन जिलों के कुछ भागों में करीब 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना व्यक्त की है.
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आईएमडी ने कहा कि प्रायद्वीपीय भारत में 16 अगस्त से वर्षा गतिविधि में वृद्धि होगी. अगले पांच दिनों में तमिलनाडु और केरल में छिटपुट से लेकर व्यापक बारिश होने की संभावना है. आईएमडी के मुताबिक, मानसून में मौजूदा कमजोरी के अगले पांच दिनों (11 से 15 अगस्त) तक बने रहने की संभावना है. वहीं, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत, उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्सों तथा बिहार में बनी हुई अत्यधिक बारिश की स्थिति बनी रहने की उम्मीद है.
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बता दें कि हाल के दिनों में हुई बारिश का तापमान पर भी असर हो रहा है. तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. उमस भरी गर्मी झेल रहे लोगों को मौसम खुशनुमा होने से जहां राहत मिली है. तो वहीं, बारिश से धान की फसलों को काफी लाभ पहुंचा है. लेकिन अभी बिहार में गंगा सहित कई नदियां उफान पर हैं. पटना के दानापुर दियारा के लाखों की आबादी बाढ़ जैसी हालात से जूझ रही हैं. नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण अन्य जिलों के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं.
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केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, बक्सर में गंगा नदी का जलस्तर 72 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके जलस्तर में 13 सेंटीमीटर की वृद्धि होने का अनुमान है. पटना जिले के दीघा घाट में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 96 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके जलस्तर में भी 24 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है.
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मौसम विभाग की ओर से लोगों से अपील की जा रही है कि जब बारिश हो या बिजली की गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई दे, तो लोग पक्के मकान में शरण लें और पूरी सावधानी बरतें. खुले मैदान, नदियां, जलजमाव वाले क्षेत्र, आम और लीची के बागान जैसी जगहों पर बिजली गिरने की संभावनाएं अधिक है.
ब्लू अलर्ट (Blue Alert): जिन इलाकों में बारिश की संभावना होती है उसके लिए मौसम विभाग ब्लू अलर्ट जारी करता है. इस दौरान जिले के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश के आसार की चेतावनी होती है.
येलो अलर्ट (Yellow Alert): भारी बारिश, तूफान, बाढ़ या ऐसी प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को सचेत करने के लिए मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है. इस चेतावनी का मतलब है कि 7.5 से 15 मिमी की भारी बारिश होने की संभावना है. अलर्ट जारी होने के कुछ घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना रहती है. बाढ़ आने की आशंका भी रहती है.
ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert): चक्रवात के कारण मौसम के बहुत अधिक खराब होने की आशंका होती है जो कि सड़क और वायु परिवहन को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ जान और माल की क्षति भी कर सकता है. ऐसे में ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है, येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है. ऑरेंज अलर्ट में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है.
रेड अलर्ट (Red Alert): जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने का खतरा रहता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है. जब भी कोई चक्रवात अधिक तीव्रता के साथ आता है तो मौसम विभाग की ओर से तूफान की रेंज में पड़ने वाले इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है. ऐसे में प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाता है.
ग्रीन अलर्ट (Green Alert): कई बार विभाग मौसमी बदलावों की संभावना पर ग्रीन अलर्ट की घोषणा करता है. हालांकि, बारिश तो होगी लेकिन वह सामान्य स्थिति रहेगी. यानी संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है.
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