पटना: बिहार में दक्षिण पश्चिम मॉनसून (South-East Monsoon) फिर से सक्रिय हो गया है. ऐसे में मौसम में आ रहे बदलावों पर मौसम विभाग (Weather Department) भी नजर बनाए हुए है. मौसम विभाग केंद्र पटना (Meteorological Department) ने आज बिहार के कई जिलों के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक, अगले कुछ घंटों में बारिश के साथ वज्रपात की संभावना है.
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मौसम विभाग ने बिहार के औरंगाबाद, सुपौल और बक्सर जिलों में ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) जारी किया है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, बिहार के इन जिलों के कई इलाकों में आने वाले अगले 2 से 3 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम मेघगर्जन, वज्रपात के साथ बारिश होने की संभावना है.
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वहीं, मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि जब बारिश हो या बिजली चमके तो लोग पक्के मकान में शरण लें. इस दौरान पूरी सावधानी बरतें. खुले मैदान, नदियां, जलजमाव वाले क्षेत्र, आम और लीची के बागान जैसे जगहों पर बिजली गिरने की संभावनाएं अधिक हैं.
इधर, मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alert) भी जारी किया है. मौसम विज्ञान विभाग ग्रीन, रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी करता है. ग्रीन अलर्ट में संदेश होता है कि कोई खतरा नहीं है. येलो अलर्ट आने वाले खतरे के प्रति सचेत करता है. येलो अलर्ट को मौसम विज्ञान विभाग जैसे-जैसे मौसम खराब होता है, ऑरेंज अलर्ट में परिवर्तित कर देता है. आइये जानते है इन अलर्ट्स का क्या मतलब होता है.
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ब्लू अलर्ट (Blue Alert): जिन इलाकों में बारिश की संभावना होती है उसके लिए मौसम विभाग ब्लू अलर्ट जारी करता है. इस दौरान जिले के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश के आसार की चेतावनी होती है.
येलो अलर्ट (Yellow Alert): भारी बारिश, तूफान, बाढ़ या ऐसी प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को सचेत करने के लिए मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है. इस चेतावनी का मतलब है कि 7.5 से 15 मिमी की भारी बारिश होने की संभावना है. अलर्ट जारी होने के कुछ घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना रहती है. बाढ़ आने की आशंका भी रहती है.
ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert): चक्रवात के कारण मौसम के बहुत अधिक खराब होने की आशंका होती है जो कि सड़क और वायु परिवहन को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ जान और माल की क्षति भी कर सकता है. ऐसे में ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है, येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है. ऑरेंज अलर्ट में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है.
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रेड अलर्ट (Red Alert): जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने का खतरा रहता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है. जब भी कोई चक्रवात अधिक तीव्रता के साथ आता है तो मौसम विभाग की ओर से तूफान की रेंज में पड़ने वाले इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है. ऐसे में प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाता है.
ग्रीन अलर्ट (Green Alert): कई बार विभाग मौसमी बदलावों की संभावना पर ग्रीन अलर्ट की घोषणा करता है. हालांकि, बारिश तो होगी लेकिन वह सामान्य स्थिति रहेगी. यानी संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है.