पटना: केंद्रीय जल आयोग ( Central Water Commission ) के अनुसार गंगा नदी ( Ganga River ) के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में पटना में बाढ़ (Patna Flood) का खतरा मंडरा रहा है. जल संसाधन मंत्री संजय झा (Water Resources Minister Sanjay Jha) का भी कहना है कि यह समय पटना के लिए कठिन है. विभाग को पूरी तरह से अलर्ट रहने की जरूरत है. सभी इंजीनियर और अधिकारियों के साथ कर्मचारियों की छुट्टी पहले ही रद्द की जा चुकी है. इसके साथ ही गंगा के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है.
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जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि मध्य प्रदेश में हुई लगातार बारिश के कारण गंगा और अन्य नदियों के जलस्तर में तेजी से इजाफा हुआ है. अभी भी गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है. जिसे लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है.
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संजय झा (Sanjay Jha) ने कहा कि पटना के गांधी घाट, दीघा घाट सहित अन्य स्थानों पर भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.
'गंगा का पानी का लेवल काफी बढ़ रहा है. खासकर मध्य प्रदेश में बारिश होने से चंबल और यमुना नदी का पानी सोन नदी में आता है. जिसके बाद यह पानी जाकर गंगा में मिल जाता है. जिसके कारण गंगा का जलस्तर काफी बढ़ जाता है. इसके अलावा गंडक, घाघरा समेत कई नदियों का पानी भी गंगा में जाकर मिल जाता है. कुल मिलाकर गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अलर्ट रहने की स्थिति है. अगले दो-तीन दिनों में ज्यादा बारिश होने की संभावना है.' - संजय झा, जल संसाधन मंत्री
बता दें कि गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से दियारा क्षेत्र बाढ़ से घिर गया है. बीते सोमवार को गांधी घाट पर जलस्तर खतरे के निशान से लगभग एक मीटर ऊपर पहुंच गया था. वहीं, पुनपुन और सोन के जलस्तर में भी वृद्धि जारी है. नदियों के उफान के कारण पटना, गया और नालंदा के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया है. अधिकारियों को कई निर्देश दिए गए हैं. पटना जिले के धनरुआ, दनियामा, पुनपुन फतुहा प्रखंड के 200 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. वहीं, नालंदा और गया में भी बाढ़ से लोगों की परेशानी बनी हुई है. उत्तर बिहार में एक तरफ नदियों का जलस्तर लगातार घट रहा है और लोगों ने वहां राहत की सांस ली है, लेकिन गंगा सहित कई नदियों के जलस्तर में हुई वृद्धि से कई इलाकों में लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
बक्सर में गंगा नदी का जलस्तर 35 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके जलस्तर में 16 सेंटीमीटर की वृद्धि होने का अनुमान है. पटना जिले के दीघा घाट में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 53 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके जलस्तर में भी 12 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है. वहीं, पटना जिले के गांधी घाट में गंगा नदी का जलस्तर 112 सेंटीमीटर ऊपर है. इसमें भी 10 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है.
पटना जिले के हाथीदह में भी गंगा का जलस्तर 102 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके जलस्तर में 17 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है. वहीं, पटना जिले के श्रीपालपुर में पुनपुन नदी का जलस्तर 104 सेंटीमीटर ऊपर है. इस के जलस्तर में 96 सेंटीमीटर बिजी होने की संभावना है.
भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 14 सेंटीमीटर ऊपर है. साथ ही कहलगांव में 79 सेंटीमीटर ऊपर और साहिबगंज में 72 सेंटीमीटर ऊपर है. फरक्का में ही गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. इन सभी स्थानों पर जल स्तर में वृद्धि होने की संभावना है.
खगड़िया में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 124 सेंटीमीटर ऊपर है. मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर ऊपर है. खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 98 सेंटीमीटर ऊपर है. कटिहार जिले के कुर्सेला में कोसी नदी का जलस्तर 93 सेंटीमीटर ऊपर है.
बात दें कि गंगा नदी लगातार उफान पर है. बिहार के राजधानी पटना के गंगा घाटों पर भी पिछले कई दिनों से जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और जलस्तर में अभी भी वृद्धि के संकेत हैं. पटना के प्रमुख घाटों का जलस्तर कुछ इस प्रकार से है. दीघा घाट 50.98 मीटर, गांधी घाट 49.72 मीटर और हाथीदह में 42.78 मीटर है.