पटना: बिहार में पिछले डेढ़ साल से शिक्षकों के नियोजन का मामला अधर में लटका है. एक तरफ जहां प्राथमिक शिक्षकों के 94000 पदों को लेकर हाल ही में कोर्ट के फैसले के बाद नियोजन प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद बढ़ी है. वहीं, दूसरी तरफ माध्यमिक शिक्षकों का नियोजन बिल्कुल आखिरी स्टेज पर आकर अधूरा पड़ा है.
करीब 30,000 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के पद को भरने की प्रक्रिया पिछले साल शुरू हुई थी. मेधा सूची का काम भी लगभग पूरा हो चुका है लेकिन कुछ महीने पहले दिव्यांग अभ्यर्थियों ने पटना हाईकोर्ट में मेधा सूची पर सवाल उठाते हुए अपील की थी. इस मामले की सुनवाई अब तक पूरी नहीं हुई है. माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जनवरी माह में इस मामले में सुनवाई होगी, जिसके बाद नियोजन की प्रक्रिया आगे बढ़ने के आसार हैं.
नियोजन में लग सकता है समय!
इस मामले में जानकारी के मुताबिक पटना समेत कई जिले ऐसे हैं, जहां नियोजन की पूरी प्रक्रिया ही अधूरी पड़ी है. यानी अगर हाई कोर्ट का निर्देश आ भी जाता है, उसके बाद भी माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन में समय लग सकता है.
गेस्ट फैकल्टी से चलाया जा रहा काम
बता दें कि बिहार के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कई विषयों के शिक्षकों की घोर कमी है. इसे लेकर सवाल भी उठते रहे हैं. विशेष रूप से साइंस, मैथ्स और इंग्लिश के शिक्षक बिहार के सरकारी स्कूलों में नहीं हैं, जिसके कारण अतिथि शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है.