पटनाः राज्य में भूमि विवाद कानून व्यवस्था को खराब करने का सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भूमि विवाद के निपटारे के लिए मुख्य सचिव से लेकर थानास्तर तक काम करने के निर्देश दिए है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अब निर्णय लिया है कि भूमि विवाद निपटारे में ग्राम चौकीदारों की भी सहभागिता ली जाएगी.
भूमि विवाद पर साझा बैठक
अंचलाधिकारी ( सीओ )और थाना अध्यक्ष प्रत्येक शनिवार को भूमि विवाद पर साझा बैठक करके सुनवाई करेंगे. इस दौरान ग्राम चौकीदारों की तरफ से दी जाने वाली गोपनीय सूचनाएं अहम भूमिका निभाएगी. मुख्य सचिव स्तर से पहले ही भूमि विवाद से जुड़े हुए मसलों को लेकर सीओ और थानाध्यक्ष को संयुक्त बैठक कर निपटारा करने के निर्देश जारी किए गए थे.
विभाग के पोर्टल पर सप्ताहिक अपडेट्स किए जाएंगे अपलोड
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी जिलों को एक बार फिर से इस कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया है. विभाग ने सभी जिलों को निर्देश देते हुए कहा साप्ताहिक बैठक से संबंधित प्रतिवेदन अंचल स्तर पर मेंटेन किए जाएंगे. इसकी पूरी जानकारी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पोर्टल पर अपलोड की जाएगी.अंचल स्तर पर प्रमुख विभागों की सूची और इसके निष्पादन का विवरण भी विभाग के पोर्टल पर सप्ताहिक अपडेट्स के साथ अपलोड किया जाएगा.
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हर सप्ताह रिपोर्ट भेजना अनिवार्य
विभाग के निर्देश के बाद किसी भी थाना स्तर पर अब भूमि विवाद को लेकर सुस्ती नहीं बरती जा सकेगी. इसके बाद अब सभी थाने से भूमि विवाद संबंधित होने वाली कार्रवाई की रिपोर्ट हर सप्ताह भेजना अनिवार्य होगा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के जारी निर्देश के अनुसार वैसे तमाम विवाद जो अतिक्रमण के हैं उसे जल्द से जल्द निपटाया जाएगा.
प्रशासन की छवि पर खराब असर
वहीं गृह विभाग ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देश दिया है कि जमीन विवाद में अगर किसी तरह की कानून व्यवस्था कि समस्या उत्पन्न होती है तो पुलिस की तैनाती करके उशका समाधान किया जाये. गृह विभाग ने यह माना है कि राज्य में भूमि विवाद से कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न होती हैं. जो कई बार प्रशासन की छवि पर खराब असर डालता है.
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भूमि विवाद से संबंधित मामलों के निदान
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और गृह विभाग ने साझा चिट्ठी जारी कर राज्य के सभी डीएम, एसएसपी और एसपी को अंचलाधिकारी और थाना अध्यक्ष स्तर पर भूमि विवाद से संबंधित मामले के निदान के लिए कार्यवाही कराने का निर्देश दिया है. विभाग ने रैयती और सरकारी जमीनों से अतिक्रमण मुक्त कराने का भी निर्देश जारी किया है. सरकारी भूमि की मापी, भूमि का सीमांकन, भू- स्वामित्व, लोक भूमि का अतिक्रमण, सरकारी भूमि, गैरमजरूआ आम / खास के आवंटितो के बेदखली का मामला, भूदान भूमि आवंटित एवं भू हदबंदी के अंतर्गत अधिशेष घोषित भूमि के आवंटितों की बेदखली जैसे मामले प्रमुख रूप से सरकार ने चिन्हित किए हैं.