पटना: बिहार में विधान परिषद (Bihar Legislative Council Elections) की 7 सीटों पर 20 जून को चुनाव होगा. 7 सीटों के लिए आज से नॉमिनेशन भी शुरू हो गया है. 9 जून तक नामांकन होगा. आरजेडी की तरफ से उम्मीदवार की घोषणा भी हो गई है. दूसरी तरफ बीजेपी और जदयू के बीच विधान परिषद सीटों को लेकर बातचीत चल रही है. ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव (Vijendra Yadav On Bihar Legislative Council Seats ) का कहना है कि जदयू भी 2 सीट पर अपनी दावेदारी करेगा, इसको लेकर बीजेपी से बातचीत चल रही है.
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'एक सीट पर की जाएगी दावेदारी': संख्या बल के हिसाब से बीजेपी को दो सीट और जदयू को एक सीट आसानी से मिल जाएगी लेकिन ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव का कहना है कि जदयू और बीजेपी को बराबर-बराबर दो-दो सीट मिले, यह कोशिश होगी. बीजेपी का भी 15 वोट शेष रहेगा. वहीं जदयू का भी 15 वोट है तो दोनों के मिलने के बाद आसानी से जदयू को सीट मिल जाएगी. इसको लेकर अभी बातचीत चल रही है.
"4 सीट है एनडीए को. हमलोग बात कर रहे हैं कि 2-2 का हिस्सा हो जाए. दोनों के मिलने से ही एक सीट निकाला जा सकता है. 15 वोट हमको भी बचता है उनको भी बचता है. एक सीट मिलकर निकाला जा सकता है. 2 सीट और एक-एक सीट पर कोई मतभेद नहीं है. दो बीजेपी ले दो हमको दे. हमारी बातचीत हो रही है. सब डिमांड करता है हम भी कर रहे हैं कोई गुनाह थोड़े है. 31 में 1 सीट होता है. यह तो गणित का खेल है."- विजेंद्र यादव, ऊर्जा मंत्री, बिहार
आज से नामांकन शुरू: विधान परिषद के 7 सीट जुलाई में खाली हो रहे हैं जिसमें से 5 सीट जदयू के हैं और 2 सीट बीजेपी का है. ऐसे में जदयू को 2 सीट मिलने के बाद भी 3 सीट का नुकसान होना तय है. विजेंद्र यादव का भी कहना है जितनी संख्या बल रहेगी उतनी ही सीट मिलेगी. विधान परिषद चुनाव में आरजेडी को फायदा हो रहा है. ऐसे तीनों सीट पर आरजेडी की तरफ से उम्मीदवार दिए जाने के कारण महागठबंधन खेमे में भी नाराजगी है.
7 सीटों पर होना है इलेक्शन: बिहार से 7 सीटें खाली हो रही हैं. 2 जून से नामांकन शुरू हो गया है. नामांकन करने की अंतिम तिथि 19 जून 2022 है. जबकि स्कूटनी की तारीख 10 जून 2022 तय की गई है. प्रत्याशी अपने नाम वापस 13 जून 2022 तक ले सकते हैं. 20 जून को मतदान होंगे. मतदान सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चलेगा. 20 जून 2022 को मतगणना होगी. 22 जून तक चुनावी प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा.
जदयू को नुकसान!: बिहार विधानसभा की सात सीटों पर होने वाले चुनाव में 7 में से 6 सीटें एनडीए के खाते में है और एक सीट वीआईपी पास है. वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी का भी कार्यकाल इस महीने खत्म हो रहा है. अब जो वर्तमान में बिहार की राजनीतिक स्थिति है उसमें एनडीए को नुकसान होता दिख रहा है. नए राजनीतिक समीकरण में जदयू को सबसे ज्यादा नुकसान होना तय है. नए समीकरण के मुताबिक एनडीए को 4 और आरजेडी की महागठबंधन को 3 सीटें हासिल होती दिख रही हैं. इस हिसाब से देखें तो इस चुनाव में सबसे ज्यादा घाटा एनडीए में शामिल जेडीयू को उठाना पड़ सकता है.
विधान परिषद की स्थिति: 2016 में सातों सीटों का समीकरण कुछ इस प्रकार से था. उस समय जदयू के पास 2 आरजेडी के पास 2, बीजेपी कांग्रेस और वीआईपी के पास एक एक सीट थी. बाद में आरजेडी के विधान पार्षद और कांग्रेस के एक मात्र एमएलसी जदयू में शामिल हो गए. वहीं आरजेडी के दो विधायक जीतने के बाद उसके पास 14 वोट बचते हैं. जिसके बाद वाम दलों के 16 वोटों को जोड़ने के बाद ये आंकड़ा 30 हो जाता है. ऐसे में आरजेडी तीसरे सीट पर दावेदारी कर सकती है. वहीं नंबर के अनुसार अपने विधायकों को जीताने के बाद भाजपा के पास 15 व जदयू के पास 14 वोट बचेंगे. हम के चार व एक निर्दलीय वोट को जोड़कर एनडीए की चौथी सीट भी तय मानी जा रही है. बता दें कि विधानसभा में भाजपा के 77, राजद के 76, जदयू के 45, कांग्रेस के 19, भाकपा (माले) के 12, सीपीआई के दो, एमआईएमआईएम के पांच, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के चार, सीपीएम के दो और निर्दलीय विधायकों की संख्या एक है.
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