पटनाः राजधानी पटना के बिहटा थाना क्षेत्र में सोमवार को बालू के अवैध उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची पुलिस और खनन विभाग की टीम पर माफिया ने हमला बोल दिया. हमले में खनन विभाग की महिला इंस्पेक्टर (Female mining officer beaten in Bihta ) समेत अन्य कर्मी घायल हो गए. जानकारी के अनुसार खनन विभाग की महिला इंस्पेक्टर अपनी टीम के साथ ओवरलोड बालू लादे वाहनों की जांच कर रही थी, तभी ट्रक चालकों व स्थानीय बालू माफियाओं ने उन पर हमला कर दिया. उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. इसके बाद भाजपा ने सरकार की कड़ी निंदा की.
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"बिहार में बालू और दारू का खेल खेलने वाले सब सत्ता के लोग है कोई जदयू विधायक का भाई है तो कोई आरजेडी पार्टी का प्रत्याशी. सत्ता में आप हैं और कोई माफिया है, कोई भ्रष्टाचारी है तो आप एक्शन क्यों नहीं लेते हैं. 17 से 18 साल से सत्ता में बैठे हैं. जेडीयू के लोग और 15 लाख आरजेडी के लोग बैठे हैं, बड़े भाई और छोटे भाई सत्ता में बैठकर यह कहना कि यह अपराधी है वह भ्रष्टाचारी है. एक्शन लेने में क्यों हाथ थरथरा रहा है"- विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा
बिहटा में सरकार का असली चेहरा दिखाई पड़ाः बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सरकार से पूछा कि बिहटा मे खनन महिला पदाधिकारी को घसीट कर पीटा गया, यह पदाधिकारी के साथ अपमान नहीं है. यह सरकार को उस तरह से घसीटा जा रहा है बिहार में. बिहटा में बिहार सरकार का असली चेहरा दिखाई पड़ा है. विजय सिन्हा ने कहा कि अब तो डर से मीडिया और सोशल मीडिया वाले वीडियो भी जारी नहीं करते हैं, कि ये सरकार कब दमनकारी नीति अपना ले.
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एक्शन लेने में क्यों हाथ थरथरा रहाः नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि सरकार पहले शराब से मरने वालों को मुआवजा देने की बात पर मुंह मोड़ ली थी, लेकिन विपक्ष के द्वारा सदन से सड़क तक हम लोगों ने सरकार को घेरने का काम किया जिसके बाद मुख्यमंत्री ने जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों को 4 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इसमें भी पेंच फंसा दिया है. विजय सिन्हा ने कहा सत्ता में बैठने वाले संविधान का शपथ लेकर आने वाले मुख्यमंत्री क्यों इतना लाचार और बेबस हैं, एक्शन लेने में क्यों हाथ थरथरा रहा है.
खनन मंत्री इस्तीफा देतेः विजय सिन्हा ने कहा कि खनन मंत्री रामानंद यादव को क्यों बनाया गया है, यही जंगल राज स्थापित करने के लिए तो बनाया गया था, लोग नहीं जानते हैं कि खनन मंत्री यहां के लोकल विधायक हैं, इनका इतिहास और भूगोल लोगों को पता नहीं है क्या. थोड़ी सी भी नैतिकता बची होती तो खनन मंत्री इस्तीफा देते या एक्शन लेते.