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इन वजहों से पढ़ाई के लिए 'छात्रों को.. बिहार बोर्ड पसंद है', देश भर के बच्चे ले रहे नामांकन

शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Education Minister Vijay Choudhary) ने कहा है कि प्रदेश के अन्य परीक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों का बिहार बोर्ड के प्रति रुझान बढ़ रहा है. बड़ी संख्या में दूसरे बोर्ड के छात्र बिहार बोर्ड में अपना नामांकन करा रहे हैं. ये बिहार में पढ़ाई करने वालों के लिए अच्छी खबर है.

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Published : Apr 2, 2022, 8:21 PM IST

पटनाः सीबीएसई समेत देश के अन्य परीक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों (Students Liking Bihar Board For Education) को बिहार बोर्ड पसंद आ रहा है. वजह है परीक्षाओं का समय पर आयोजन और समय पर परीक्षाफल जारी करना. इसके साथ ही बिहार बोर्ड के परीक्षा पैटर्न में जो बदलाव किए गए हैं और यह बदलाव कंप्लीटेड एग्जामिनेशन के पैटर्न से मिलते जुलते हैं. जिस वजह से टॉपर्स को 90 फ़ीसदी से अधिक अंक प्राप्त हो रहे हैं, यह सब प्रमुख कारण है जिस वजह से अन्य बोर्ड के विद्यार्थी उक्त बोर्ड से नाम कटाकर बिहार बोर्ड में नामांकन करा रहे हैं. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Vijay Choudhary on Success OF Bihar Board) ने मैट्रिक परीक्षा के परिणाम जारी करने के क्रम में ये जानकारी देते हुए बताया था कि प्रदेश के अन्य परीक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों का बिहार बोर्ड के प्रति रुझान बढ़ रहा है.


ये भी पढ़ें-Bihar Board 10th Result 2022: 10वीं की टॉपर बनीं रामायणी राय, सानिया और विवेक सेकेंड टॉपर

समय पर हो रही परीक्षाएंः दरअसल बिहार बोर्ड ने लगातार 4 वर्षों से इंटरमीडिएट और मैट्रिक परीक्षा का देश भर में सबसे पहले आयोजन कराया है और सबसे पहले परीक्षा का रिजल्ट भी जारी किया है. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर की ओर से जानकारी दी गई कि साल 2018 में सीबीएसई बोर्ड के मैट्रिक उत्तीर्ण 45421 विद्यार्थियों ने बिहार बोर्ड के संस्थानों में इंटर कक्षा में नामांकन लिया वहीं आईसीएसई एवं अन्य परीक्षा बोर्ड के 12123 विद्यार्थियों समेत कुल 59544 विद्यार्थियों ने देश के अन्य परीक्षा बोर्डों से आकर बिहार बोर्ड में नामांकन लिया. यह संख्या लगातार बढ़ती गई और साल 2019 में सीबीएसई बोर्ड के 69460 छात्र और आईसीएसई बोर्ड समेत अन्य परीक्षा बोर्ड के 15637 छात्रों समेत कुल 85997 विद्यार्थियों ने इंटरमीडिएट में बिहार बोर्ड में नामांकन लिया.

बढ़ रही है बिहार बोर्ड में नामांकन की संख्याः साल 2020 में यह संख्या और बढ़ी और सीबीएसई बोर्ड के मैट्रिक उत्तीर्ण करने वाले 87086 विद्यार्थियों ने और आईसीएसई बोर्ड समेत अन्य परीक्षा बोर्ड के 20267 विद्यार्थियों समेत कुल 107353 विद्यार्थियों ने इंटरमीडिएट में बिहार बोर्ड में नामांकन लिया. साल 2021 में यह संख्या और बढ़ी और सीबीएसई बोर्ड के मैट्रिक उत्तीर्ण करने वाले 100438 विद्यार्थियों ने और आईसीएसई समेत अन्य परीक्षा बोर्ड के 20878 विद्यार्थियों समेत कुल 121316 विद्यार्थियों ने इंटरमीडिएट में बिहार बोर्ड में नामांकन लिया. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने जानकारी दी कि इस प्रकार यह देखा जा रहा है कि सीबीएसई आईसीएसई और अन्य परीक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों का बिहार बोर्ड के प्रति रुझान लगातार बढ़ रहा है.

परीक्षा को लेकर हुए तकनीकी बदलावः वहीं, बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने भी बीते दिनों मैट्रिक परीक्षा के परिणाम जारी करने के क्रम में जानकारी दी कि प्रदेश के अन्य परीक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों का बिहार बोर्ड के प्रति रुझान बढ़ रहा है. बड़ी संख्या में दूसरे बोर्ड के छात्र बिहार बोर्ड में अपना नामांकन करा रहे हैं. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा हाल में जो कुछ भी परीक्षा को लेकर तकनीकी बदलाव किए गए हैं उसका परिणाम है कि दूसरे राज्यों के परीक्षा बोर्ड के लोग बिहार बोर्ड का दौरा कर रहे हैं और यहां से ससमय कदाचार मुक्त निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजित किए जाने की प्रक्रिया को समझ रहे हैं.

'अब देशभर में बिहार बोर्ड की प्रतिष्ठा बढ़ गई है. बिहार बोर्ड के प्रति छात्रों के आकर्षण का एक और प्रमुख कारण है कि मार्च तक बिहार बोर्ड की परीक्षाएं खत्म होकर रिजल्ट आ जाता है. इंटरमीडिएट के बाद मेडिकल, इंजीनियरिंग, फैशन, लॉ इत्यादि क्षेत्रों के लिए परीक्षाएं मई जून-जुलाई में होती हैं, इसके लिए परीक्षार्थियों को परीक्षा की तैयारी करने का पूरा समय मिल जाता है. जबकि अन्य बोर्ड के परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं'- विजय चौधरी, शिक्षा मंत्री

बता दें कि बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में अपने टॉप 10 विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी करता है और प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी को 100000 और एक लैपटॉप के साथ किंडल इबुक रीडर, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी को 75,000 एक लैपटॉप और एक किंडल इबुक रीडर, तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी को 50,000 एक लैपटॉप और एक किंडल इबुक रीडर दिया जा रहा है. इसके साथ ही चौथे स्थान से दसवीं स्थान तक रैंक प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों को 10,000 और एक-एक लैपटॉप प्रदान किया जा रहा है और इसी प्रकार इंटरमीडिएट के टॉप टेन छात्रों को भी बोर्ड द्वारा पुरस्कृत किया जाता है.

रिजल्ट 2022 का कुल पास प्रतिशत 79.88% रहाः बीते शुक्रवार को ही बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट जारी हुआ है. जिसमें एक बार फिर लड़कियों ने बाजी मारी है. टॉप 10 की मेरिट लिस्ट में 47 परीक्षार्थियों ने स्थान बनाया है. जो पहली बार हुआ है. बिहार बोर्ड ने मार्च महीने में रिजल्ट जारी कर देश में कीर्तिमान स्थापित किया है. बिहार बोर्ड के अलावा किसी भी दूसरे बोर्ड ने रिजल्ट जारी नहीं किया है. बिहार मैट्रिक रिजल्ट 2022 का कुल पास प्रतिशत 79.88% रहा है. इस साल बिहार में 4 लाख 24 हजार 597 परीक्षार्थियों को फर्स्ट डिवीजन प्राप्त हुआ है. जबकि, 5 लाख 10 हजार 411 स्टूडेंट्स को सेकेंड डिवीजन और 3 लाख 47 हजार स्टूडेंड्स थर्ड डिवीजन से उत्तीर्ण हुए हैं. इस साल भी लड़कियां टॉपर लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब रही हैं. इस बार मैट्रिक परीक्षा में 16.48 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे.

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पटनाः सीबीएसई समेत देश के अन्य परीक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों (Students Liking Bihar Board For Education) को बिहार बोर्ड पसंद आ रहा है. वजह है परीक्षाओं का समय पर आयोजन और समय पर परीक्षाफल जारी करना. इसके साथ ही बिहार बोर्ड के परीक्षा पैटर्न में जो बदलाव किए गए हैं और यह बदलाव कंप्लीटेड एग्जामिनेशन के पैटर्न से मिलते जुलते हैं. जिस वजह से टॉपर्स को 90 फ़ीसदी से अधिक अंक प्राप्त हो रहे हैं, यह सब प्रमुख कारण है जिस वजह से अन्य बोर्ड के विद्यार्थी उक्त बोर्ड से नाम कटाकर बिहार बोर्ड में नामांकन करा रहे हैं. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Vijay Choudhary on Success OF Bihar Board) ने मैट्रिक परीक्षा के परिणाम जारी करने के क्रम में ये जानकारी देते हुए बताया था कि प्रदेश के अन्य परीक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों का बिहार बोर्ड के प्रति रुझान बढ़ रहा है.


ये भी पढ़ें-Bihar Board 10th Result 2022: 10वीं की टॉपर बनीं रामायणी राय, सानिया और विवेक सेकेंड टॉपर

समय पर हो रही परीक्षाएंः दरअसल बिहार बोर्ड ने लगातार 4 वर्षों से इंटरमीडिएट और मैट्रिक परीक्षा का देश भर में सबसे पहले आयोजन कराया है और सबसे पहले परीक्षा का रिजल्ट भी जारी किया है. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर की ओर से जानकारी दी गई कि साल 2018 में सीबीएसई बोर्ड के मैट्रिक उत्तीर्ण 45421 विद्यार्थियों ने बिहार बोर्ड के संस्थानों में इंटर कक्षा में नामांकन लिया वहीं आईसीएसई एवं अन्य परीक्षा बोर्ड के 12123 विद्यार्थियों समेत कुल 59544 विद्यार्थियों ने देश के अन्य परीक्षा बोर्डों से आकर बिहार बोर्ड में नामांकन लिया. यह संख्या लगातार बढ़ती गई और साल 2019 में सीबीएसई बोर्ड के 69460 छात्र और आईसीएसई बोर्ड समेत अन्य परीक्षा बोर्ड के 15637 छात्रों समेत कुल 85997 विद्यार्थियों ने इंटरमीडिएट में बिहार बोर्ड में नामांकन लिया.

बढ़ रही है बिहार बोर्ड में नामांकन की संख्याः साल 2020 में यह संख्या और बढ़ी और सीबीएसई बोर्ड के मैट्रिक उत्तीर्ण करने वाले 87086 विद्यार्थियों ने और आईसीएसई बोर्ड समेत अन्य परीक्षा बोर्ड के 20267 विद्यार्थियों समेत कुल 107353 विद्यार्थियों ने इंटरमीडिएट में बिहार बोर्ड में नामांकन लिया. साल 2021 में यह संख्या और बढ़ी और सीबीएसई बोर्ड के मैट्रिक उत्तीर्ण करने वाले 100438 विद्यार्थियों ने और आईसीएसई समेत अन्य परीक्षा बोर्ड के 20878 विद्यार्थियों समेत कुल 121316 विद्यार्थियों ने इंटरमीडिएट में बिहार बोर्ड में नामांकन लिया. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने जानकारी दी कि इस प्रकार यह देखा जा रहा है कि सीबीएसई आईसीएसई और अन्य परीक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों का बिहार बोर्ड के प्रति रुझान लगातार बढ़ रहा है.

परीक्षा को लेकर हुए तकनीकी बदलावः वहीं, बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने भी बीते दिनों मैट्रिक परीक्षा के परिणाम जारी करने के क्रम में जानकारी दी कि प्रदेश के अन्य परीक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों का बिहार बोर्ड के प्रति रुझान बढ़ रहा है. बड़ी संख्या में दूसरे बोर्ड के छात्र बिहार बोर्ड में अपना नामांकन करा रहे हैं. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा हाल में जो कुछ भी परीक्षा को लेकर तकनीकी बदलाव किए गए हैं उसका परिणाम है कि दूसरे राज्यों के परीक्षा बोर्ड के लोग बिहार बोर्ड का दौरा कर रहे हैं और यहां से ससमय कदाचार मुक्त निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजित किए जाने की प्रक्रिया को समझ रहे हैं.

'अब देशभर में बिहार बोर्ड की प्रतिष्ठा बढ़ गई है. बिहार बोर्ड के प्रति छात्रों के आकर्षण का एक और प्रमुख कारण है कि मार्च तक बिहार बोर्ड की परीक्षाएं खत्म होकर रिजल्ट आ जाता है. इंटरमीडिएट के बाद मेडिकल, इंजीनियरिंग, फैशन, लॉ इत्यादि क्षेत्रों के लिए परीक्षाएं मई जून-जुलाई में होती हैं, इसके लिए परीक्षार्थियों को परीक्षा की तैयारी करने का पूरा समय मिल जाता है. जबकि अन्य बोर्ड के परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं'- विजय चौधरी, शिक्षा मंत्री

बता दें कि बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में अपने टॉप 10 विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी करता है और प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी को 100000 और एक लैपटॉप के साथ किंडल इबुक रीडर, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी को 75,000 एक लैपटॉप और एक किंडल इबुक रीडर, तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी को 50,000 एक लैपटॉप और एक किंडल इबुक रीडर दिया जा रहा है. इसके साथ ही चौथे स्थान से दसवीं स्थान तक रैंक प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों को 10,000 और एक-एक लैपटॉप प्रदान किया जा रहा है और इसी प्रकार इंटरमीडिएट के टॉप टेन छात्रों को भी बोर्ड द्वारा पुरस्कृत किया जाता है.

रिजल्ट 2022 का कुल पास प्रतिशत 79.88% रहाः बीते शुक्रवार को ही बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट जारी हुआ है. जिसमें एक बार फिर लड़कियों ने बाजी मारी है. टॉप 10 की मेरिट लिस्ट में 47 परीक्षार्थियों ने स्थान बनाया है. जो पहली बार हुआ है. बिहार बोर्ड ने मार्च महीने में रिजल्ट जारी कर देश में कीर्तिमान स्थापित किया है. बिहार बोर्ड के अलावा किसी भी दूसरे बोर्ड ने रिजल्ट जारी नहीं किया है. बिहार मैट्रिक रिजल्ट 2022 का कुल पास प्रतिशत 79.88% रहा है. इस साल बिहार में 4 लाख 24 हजार 597 परीक्षार्थियों को फर्स्ट डिवीजन प्राप्त हुआ है. जबकि, 5 लाख 10 हजार 411 स्टूडेंट्स को सेकेंड डिवीजन और 3 लाख 47 हजार स्टूडेंड्स थर्ड डिवीजन से उत्तीर्ण हुए हैं. इस साल भी लड़कियां टॉपर लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब रही हैं. इस बार मैट्रिक परीक्षा में 16.48 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे.

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