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देखें VIDEO: राजू प्रेमी का छठ एलबम तैयार, कलाकारों ने बांधा समां - todays news etv channel

8 नवंबर को नहाय-खाय के साथ ही छठ महापर्व शरू हो जाएगा. 8 नवंबर को खरना, 10 नवंबर को शाम का अर्घ्य और 11 नवंबर को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा. इसकी तैयारी जोरों पर है. वहीं बिहार के कलाकार भी छठ में अपनी तैयारी कर रहे हैं. भद्रघाट पर इसे लेकर की जा रही एलबम की शूटिंग पूरी हो गई है.

video album of chhath song
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Published : Nov 1, 2021, 4:45 PM IST

पटना: छठ पूजा (Chhath Puja In Patna) के दौरान छठ गीतों (Chhath Geet) का खासा महत्व होता है. गायक छठ गीतों को लेकर अपनी तैयारी कर रहे हैं. पटना में भद्र घाट,गायघाट और अन्य घाटों पर छठ पूजा वीडियो एलबम का शूटिंग की गई. माही रिकॉर्डस फिल्म्स और आईएम म्यूजिक चैनल के दर्जनों कलाकारों ने इसमें हिस्सा लिया और छठ का वीडियो बनाया गया है ताकि दर्शक झूमने पर मजबूर हो जाएं. वहीं राजू प्रेमी के निर्देशन में निर्देशित छठ पूजा के वीडियो एलबम का शुभारंभ बजरंगपुरी में हुआ.

यह भी पढ़ें- दिपावली-छठ में घर आना है... टिकट कंफर्म नहीं हो रहा है... इस ट्रेन में सर्च कीजिए

निर्देशक राजू प्रेमी ने बताया कि छठपूजा एक पारंपरिक पर्व है और इस पर्व की महत्ता और महिमा हम अपने वीडियो एलबम के माध्यम से दर्शकों को दिखाना चाहते है.

देखें वीडियो

"छठ पूजा प्रकृति की पूजा है और इस पूजा में जल,वायु,अग्नि,भूमि,गंगा इन सभी का पूजन किया जाता है. यह एलबम पारंपरिक गीतों पर आधारित है. हम अपने दर्शकों से विनती करते है कि इस छठ पूजा के पारंपरिक एलबम वीडियो को देखें और चैनल को स्क्राइब करें."- राजू प्रेमी, निर्देशक, माही फिल्म्स

यह भी पढ़ें- दीपावली और छठ के पहले किन्नरों ने बिखेरा जलवा, दी लोगों को बधाई

बता दें कि 8 नवंबर को नहाय- खाय है. इस दिन घर की साफ- सफाई की जाती है और स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है. इस दिन चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण किया जाता है. अगले दिन खरना से व्रत की शुरुआत होती है. वहीं खरना 9 नवंबर को किया जाएगा. इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ वाली खीर का प्रसाद बनाती हैं और फिर सूर्य देव की पूजा करने के बाद यह प्रसाद ग्रहण किया जाता है. इसके बाद व्रत का समापन छठ के बाद ही होता है.

खरना के अगले दिन शाम को छठव्रती नदी, तालाबों में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं. इस बार 10 नवंबर को शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. 11 नवंबर को महापर्व छठ का समापन किया जाएगा. इस दिन सूर्योदय से पहले ही नदी या तालाब के पानी में छठव्रती उतर जाते हैं और सूर्यदेव से प्रार्थना करते हैं. इसके बाद उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पूजा का समापन कर व्रत का पारणा किया जाता है.

पटना: छठ पूजा (Chhath Puja In Patna) के दौरान छठ गीतों (Chhath Geet) का खासा महत्व होता है. गायक छठ गीतों को लेकर अपनी तैयारी कर रहे हैं. पटना में भद्र घाट,गायघाट और अन्य घाटों पर छठ पूजा वीडियो एलबम का शूटिंग की गई. माही रिकॉर्डस फिल्म्स और आईएम म्यूजिक चैनल के दर्जनों कलाकारों ने इसमें हिस्सा लिया और छठ का वीडियो बनाया गया है ताकि दर्शक झूमने पर मजबूर हो जाएं. वहीं राजू प्रेमी के निर्देशन में निर्देशित छठ पूजा के वीडियो एलबम का शुभारंभ बजरंगपुरी में हुआ.

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निर्देशक राजू प्रेमी ने बताया कि छठपूजा एक पारंपरिक पर्व है और इस पर्व की महत्ता और महिमा हम अपने वीडियो एलबम के माध्यम से दर्शकों को दिखाना चाहते है.

देखें वीडियो

"छठ पूजा प्रकृति की पूजा है और इस पूजा में जल,वायु,अग्नि,भूमि,गंगा इन सभी का पूजन किया जाता है. यह एलबम पारंपरिक गीतों पर आधारित है. हम अपने दर्शकों से विनती करते है कि इस छठ पूजा के पारंपरिक एलबम वीडियो को देखें और चैनल को स्क्राइब करें."- राजू प्रेमी, निर्देशक, माही फिल्म्स

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बता दें कि 8 नवंबर को नहाय- खाय है. इस दिन घर की साफ- सफाई की जाती है और स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है. इस दिन चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण किया जाता है. अगले दिन खरना से व्रत की शुरुआत होती है. वहीं खरना 9 नवंबर को किया जाएगा. इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ वाली खीर का प्रसाद बनाती हैं और फिर सूर्य देव की पूजा करने के बाद यह प्रसाद ग्रहण किया जाता है. इसके बाद व्रत का समापन छठ के बाद ही होता है.

खरना के अगले दिन शाम को छठव्रती नदी, तालाबों में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं. इस बार 10 नवंबर को शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. 11 नवंबर को महापर्व छठ का समापन किया जाएगा. इस दिन सूर्योदय से पहले ही नदी या तालाब के पानी में छठव्रती उतर जाते हैं और सूर्यदेव से प्रार्थना करते हैं. इसके बाद उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पूजा का समापन कर व्रत का पारणा किया जाता है.

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