पटनाः बिहार के पटना में एक महिला वकील ने आईएएस अधिकारी संजीव हंस, राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव (former MLA Gulab Yadav) और उनके नौकर ललित के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज कराया था. अब इस मामले में राजधानी पटना के रूपसपुर थाना में सीआरपीसी की धारा 161 के तहत पीड़िता (Victim Statement Record In Rupaspur Police Station) का बयान रिकॉर्ड कर लिया गया है. इसके बाद कोर्ट में बयान दर्ज कराया जाएगा. सूत्रों के अनुसार पीड़िता के पास जो इलेक्ट्रॉनिक साक्ष है, उन्हें भी लिया जा सकता है.
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राज्य सरकार से की सुरक्षा की मांगः रूपसपुर थाने पहुंची महिला ने बताया कि वह अपना बयान दर्ज करवाने के लिए थाने आई थी, उन्हें थाने की तरफ से नोटिस जारी हुआ था. उन्होंने अपनी जान का खतरा बताते हुए कहा कि वह पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार से सुरक्षा की मांग करती हैं उन्हें बार-बार प्रयागराज से आना पड़ता है और उनकी जान को खतरा हो सकता है. थाने में बयान दर्ज करने के बाद महिला का बयान दर्ज करवाने के लिए उन्हें दानापुर कोर्ट भी ले जाया गया. तीनों आरोपियों के खिलाफ दानापुर कोर्ट के आदेश पर रूपसपुर थाने में आईपीसी और आईटी एक्ट के 11 धाराओं में केस दर्ज किया गया है. इनमें से 8 धाराएं गैर जमानती हैं, जबकि तीन जमानती है.
"मुझे नोटिस देकर बयान रिकॉर्ड कराने के लिए बुलाया गया है. केस के आईओ के समक्ष हमने सारी बातों को रखा है. केस दर्ज कराने में बहुत दिक्कत हुई. कोर्ट के आदेश के बाद रूपसपुर थाने में केस दर्ज किया गया है. पुलिस प्रशासन और न्यायालय से कहना चाहती हूं कि मेरे बेटे को वैदिक अधिकार मिले कि कौन उसका पिता है और दूसरा जो इस केस में आरोपी है, उस पर कानून के तहत कार्रवाई हो"- पीड़ित महिला
हो सकती है 20 साल की सजा या उम्रकैदः आपको बता दें कि तीनों आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप की धारा 367 (डी) लगाई गई है. इस धारा में दोषी पाए जाने पर 20 साल की सजा या उम्रकैद भी हो सकती है. दरअसल महिला ने दानापुर कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया था कि साल 2016 से 2018 के बीच दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया है. गुलाब यादव उस वक्त झंझारपुर से राजद के विधायक थे मौजूदा वक्त में वो विधायक नहीं है. वहीं आईएएस अधिकारी संजीव हंस ऊर्जा विभाग में प्रधान सचिव के पद पर तैनात हैं.