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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला : ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपी दोषी करार, 28 जनवरी को सजा का ऐलान -  कोर्ट का फैसला

मामला बिहार के शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों और युवतियों से दुष्कर्म से जुड़ा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस पूरे मामले की सुनवाई दिल्ली की साकेत जिला अदालत में पूरी हुई है.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम
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Published : Jan 20, 2020, 7:29 AM IST

Updated : Jan 20, 2020, 3:14 PM IST

पटना/नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दिल्ली के साकेत कोर्ट में आज सुनवाई हुई. जिसमें ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपी दोषी करार दिए गए. कोर्ट ने सजा के ऐलान के लिए 28 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है. इससे पहले 14 जनवरी को फैसला सुनाया जाना था, जिसे कोर्ट ने आज के लिए टाल दिया था.

बता दें कि पिछले 30 सितंबर को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. लेकिन, 14 नवंबर को भी वकीलों की हड़ताल के चलते फैसला टल गया था. फिर 12 दिसंबर 2019 को भी एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के छुट्टी पर होने के चलते फैसला टाल दिया गया था.

जानकारी देते वकील

21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. अभियुक्तों की ओर से कहा गया था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है, सभी केस भ्रमपूर्ण हैं. न कोई घटना की तिथि है और न ही समय और स्थान. आरोपियों की तरफ से यह भी कहा गया था कि सभी पीड़ितों ने पहली बार कोर्ट में ही बयान दिया. कोर्ट के पहले पीड़ितों ने पुलिस या मजिस्ट्रेट या सीबीआई को कोई बयान नहीं दिया.

फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू हुई थी
इस मामले में साकेत कोर्ट ने 25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरु की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया था. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए.

दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय
पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. कोर्ट ने आरोपियों पर यौन उत्पीड़न, आपराधिक साजिश, पॉस्को एक्ट की धारा 3, 5 और 6 के सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था . इस मामले में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

कौन-कौन हैं आरोपी?
इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है. उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह, अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं.

पटना/नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दिल्ली के साकेत कोर्ट में आज सुनवाई हुई. जिसमें ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपी दोषी करार दिए गए. कोर्ट ने सजा के ऐलान के लिए 28 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है. इससे पहले 14 जनवरी को फैसला सुनाया जाना था, जिसे कोर्ट ने आज के लिए टाल दिया था.

बता दें कि पिछले 30 सितंबर को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. लेकिन, 14 नवंबर को भी वकीलों की हड़ताल के चलते फैसला टल गया था. फिर 12 दिसंबर 2019 को भी एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के छुट्टी पर होने के चलते फैसला टाल दिया गया था.

जानकारी देते वकील

21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. अभियुक्तों की ओर से कहा गया था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है, सभी केस भ्रमपूर्ण हैं. न कोई घटना की तिथि है और न ही समय और स्थान. आरोपियों की तरफ से यह भी कहा गया था कि सभी पीड़ितों ने पहली बार कोर्ट में ही बयान दिया. कोर्ट के पहले पीड़ितों ने पुलिस या मजिस्ट्रेट या सीबीआई को कोई बयान नहीं दिया.

फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू हुई थी
इस मामले में साकेत कोर्ट ने 25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरु की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया था. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए.

दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय
पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. कोर्ट ने आरोपियों पर यौन उत्पीड़न, आपराधिक साजिश, पॉस्को एक्ट की धारा 3, 5 और 6 के सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था . इस मामले में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

कौन-कौन हैं आरोपी?
इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है. उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह, अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं.

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मामला बिहार के शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों और युवतियों से दुष्कर्म से जुड़ा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस पूरे मामले की सुनवाई दिल्ली की साकेत जिला अदालत में पूरी हुई है.





पटना/नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दिल्ली के साकेत कोर्ट में आज फैसला सुनाया जाएगा. इससे पहले हुई 14 जनवरी को सुनवाई की गई थी. दिल्ली कोर्ट में आज दोपहर 2.30 बजे फैसला सुनाया जा सकता है. तीसरी बार कोर्ट ने फैसले को टाला था. मामला बिहार के शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों और युवतियों से दुष्कर्म से जुड़ा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस पूरे मामले की सुनवाई दिल्ली की साकेत जिला अदालत में पूरी हुई है.



बता दें कि पिछले 30 सितंबर को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. लेकिन, 14 नवंबर को भी वकीलों की हड़ताल के चलते फैसला टल गया था. फिर 12 दिसंबर 2019 को भी एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के छुट्टी पर होने के चलते फैसला टाल दिया गया था.21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. अभियुक्तों की ओर से कहा गया था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है, सभी केस भ्रमपूर्ण हैं. न कोई घटना की तिथि है और न ही समय और स्थान. आरोपियों की तरफ से यह भी कहा गया था कि सभी पीड़ितों ने पहली बार कोर्ट में ही बयान दिया. कोर्ट के पहले पीड़ितों ने पुलिस या मजिस्ट्रेट या सीबीआई को कोई बयान नहीं दिया.





फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू हुई थी

इस मामले में साकेत कोर्ट ने 25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरु की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया था. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए.दुष्कर्म और पॉस्को एक्ट के तहत आरोप तय

पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. कोर्ट ने आरोपियों पर यौन उत्पीड़न, आपराधिक साजिश, पॉस्को एक्ट की धारा 3, 5 और 6 के सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था . इस मामले में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

कौन-कौन हैं आरोपी?

इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है. उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह, अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं.


Conclusion:
Last Updated : Jan 20, 2020, 3:14 PM IST
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