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शहरी पौधरोपण में फिसड्डी बिहार, आखिर चुनौतियों से कैसे निपटेगा पर्यावरण विभाग

बिहार (Bihar) में अर्बन प्लांटेशन (Urban Plantation In Bihar) इन दिनों एक बड़ी समस्या बनी हुई है. पटना (Patna), मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur), गया (Gaya) समेत बिहार के तमाम शहरों में पौधरोपण लक्ष्य के मुताबिक नहीं हो पा रहा है. शहरी इलाकों में विकास कार्यों और अतिक्रमण की वजह से पौधरोपण न के बराबर हो रहा है.

शहरी पौधारोपण
शहरी पौधारोपण
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Published : Jun 22, 2021, 10:13 PM IST

पटना: बिहार में पौधरोपण का काम पिछले कुछ सालों से जोर-शोर से चल रहा है. बड़ी संख्या में पौधे लगाए जाने के बाद बिहार का ग्रीन कवर (Green Cover) 15 फीसदी तक पहुंच गया है. सरकार ने इसे 17 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. लेकिन सरकार के सामने एक बड़ी समस्या अर्बन पौधरोपण में आ रही है. जिसमें वन पर्यावरण विभाग अब तक सफल नहीं हो पाया है.

इसे भी पढ़ें: 2021 में बिहार में 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य, बांस से जुड़े उद्योग को दिया जाएगा बढ़ावा

ग्रीन कवर 17% तक पहुंचाने का लक्ष्य
बिहार में सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना जल जीवन हरियाली भी चल रही है. जिसके तहत पौधे लगाए जा रहे हैं. साथ ही आहर, पइन और पुराने कुएं और नहरों का जीर्णोद्धार भी किया जा रहा है.

अर्बन प्लांटेशन में आ रही समस्याएं
सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती अब भी बनी हुई है. पटना (Patna), मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur), गया (Gaya) समेत बिहार के तमाम शहरों में पौधरोपण लक्ष्य के मुताबिक नहीं हो पा रहा है. सरकार अब भी गांव के किसान, जीविका दीदियों और लोगों की निजी जमीन पर पौधारोपण पर जोर दे रही है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों वन पर्यावरण विभाग को अर्बन प्लांटेशन में समस्याएं आ रही हैं?

ये भी पढ़ें: बिहार पृथ्वी दिवस तक 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य, ग्रीन कवर बढ़ाने की राह में कितनी चुनौतियां?

कई शहर झेल रहे प्रदूषण की मार
पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. संजय कुमार ने बताया कि बिहार के कुछ बड़े शहर पटना, मुजफ्फरपुर, गया और दरभंगा प्रदूषण की मार झेल रहा है. इन बड़े शहरों में गाड़ियों की संख्या सड़क पर बहुत ज्यादा है. जिससे भारी मात्रा में प्रदूषण फैलता है.

इसलिए यह जरूरी है कि सबसे पहले शहरी इलाकों में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाये जायें. जिससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम किया जा सके. विशेष तौर पर मनुष्य का फेफड़ा जो प्रदूषित वायु के कारण नुकसान हो रहा है, उसे भी बचाया जा सके.

देखें रिपोर्ट.

अतिक्रमण की वजह से पौधरोपण न के बराबर
शहरी इलाकों में विकास कार्यों और अतिक्रमण की वजह से पौधारोपण न के बराबर हो रहा है. संजय कुमार ने दावा किया है कि नई सड़कों के बनाए जाने के दौरान या सड़कों के विस्तार के दौरान धड़ल्ले से अब भी पेड़ों की कटाई हो रही है. एक योजना के तहत पहले पेड़ों को ट्रांसलोकेट करने की बात कही गई थी. लेकिन यह कार्यक्रम भी सरकार की कहीं न कहीं पिछड़ गई है. जिसके वजह से शहरों में पौधरोपण नहीं हो रहा और यह एक बड़ा चैलेंज बन गया है.

पौधरोपण को लेकर विशेष अभियान चलाने की तैयारी
इस बारे में परिवहन विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह ने ईटीवी भारत की टीम को बताया कि अर्बन पौधरोपण को लेकर सरकार विशेष अभियान चलाने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि एक हफ्ते में इसका असर देखने को मिलेगा. मंत्री ने स्वीकार किया है कि अतिक्रमण की वजह से पर्यावरण विभाग के सामने शहरी इलाकों में पौधरोपण में परेशानी हो रही है. लेकिन सरकार इसे गंभीरता से लेते हुए बहुत जल्द इसका निराकरण करेगी. साथ ही शहरी इलाकों में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए जाएंगे.

शहरी इलाकों में पौधरोपण एक चुनौती
आपको बता दें कि पटना के कई इलाकों में सड़क किनारे पेड़ लगाए गए हैं. लेकिन अब भी शहर के कई इलाके ऐसे हैं, जहां अतिक्रमण की वजह से पौधरोपण नहीं हो पा रहा है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक नगर-निगम का सहयोग न मिलने की वजह से अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है. ऐसी समस्या मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा और आरा समेत अन्य शहरों में है. बता दें कि जब तक नगर निगम या नगर विकास विभाग की तरफ से पूरा सहयोग नहीं मिलता, तब तक शहरी इलाकों में प्लांटेशन चुनौती बनी रहेगी.

देखें रिपोर्ट.

नीरज कुमार ने की थी बैठक
बता दें कि बीते 18 जून को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार ने अरण्य भवन में क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की थी. इस बैठक में उन्होंने कहा था कि 2021 में 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए निर्देश दिया गया है. वहीं, बांस से जुड़े उद्योगों पर भी जोर दिया गया था.

पटना: बिहार में पौधरोपण का काम पिछले कुछ सालों से जोर-शोर से चल रहा है. बड़ी संख्या में पौधे लगाए जाने के बाद बिहार का ग्रीन कवर (Green Cover) 15 फीसदी तक पहुंच गया है. सरकार ने इसे 17 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. लेकिन सरकार के सामने एक बड़ी समस्या अर्बन पौधरोपण में आ रही है. जिसमें वन पर्यावरण विभाग अब तक सफल नहीं हो पाया है.

इसे भी पढ़ें: 2021 में बिहार में 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य, बांस से जुड़े उद्योग को दिया जाएगा बढ़ावा

ग्रीन कवर 17% तक पहुंचाने का लक्ष्य
बिहार में सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना जल जीवन हरियाली भी चल रही है. जिसके तहत पौधे लगाए जा रहे हैं. साथ ही आहर, पइन और पुराने कुएं और नहरों का जीर्णोद्धार भी किया जा रहा है.

अर्बन प्लांटेशन में आ रही समस्याएं
सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती अब भी बनी हुई है. पटना (Patna), मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur), गया (Gaya) समेत बिहार के तमाम शहरों में पौधरोपण लक्ष्य के मुताबिक नहीं हो पा रहा है. सरकार अब भी गांव के किसान, जीविका दीदियों और लोगों की निजी जमीन पर पौधारोपण पर जोर दे रही है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों वन पर्यावरण विभाग को अर्बन प्लांटेशन में समस्याएं आ रही हैं?

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कई शहर झेल रहे प्रदूषण की मार
पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. संजय कुमार ने बताया कि बिहार के कुछ बड़े शहर पटना, मुजफ्फरपुर, गया और दरभंगा प्रदूषण की मार झेल रहा है. इन बड़े शहरों में गाड़ियों की संख्या सड़क पर बहुत ज्यादा है. जिससे भारी मात्रा में प्रदूषण फैलता है.

इसलिए यह जरूरी है कि सबसे पहले शहरी इलाकों में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाये जायें. जिससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम किया जा सके. विशेष तौर पर मनुष्य का फेफड़ा जो प्रदूषित वायु के कारण नुकसान हो रहा है, उसे भी बचाया जा सके.

देखें रिपोर्ट.

अतिक्रमण की वजह से पौधरोपण न के बराबर
शहरी इलाकों में विकास कार्यों और अतिक्रमण की वजह से पौधारोपण न के बराबर हो रहा है. संजय कुमार ने दावा किया है कि नई सड़कों के बनाए जाने के दौरान या सड़कों के विस्तार के दौरान धड़ल्ले से अब भी पेड़ों की कटाई हो रही है. एक योजना के तहत पहले पेड़ों को ट्रांसलोकेट करने की बात कही गई थी. लेकिन यह कार्यक्रम भी सरकार की कहीं न कहीं पिछड़ गई है. जिसके वजह से शहरों में पौधरोपण नहीं हो रहा और यह एक बड़ा चैलेंज बन गया है.

पौधरोपण को लेकर विशेष अभियान चलाने की तैयारी
इस बारे में परिवहन विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह ने ईटीवी भारत की टीम को बताया कि अर्बन पौधरोपण को लेकर सरकार विशेष अभियान चलाने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि एक हफ्ते में इसका असर देखने को मिलेगा. मंत्री ने स्वीकार किया है कि अतिक्रमण की वजह से पर्यावरण विभाग के सामने शहरी इलाकों में पौधरोपण में परेशानी हो रही है. लेकिन सरकार इसे गंभीरता से लेते हुए बहुत जल्द इसका निराकरण करेगी. साथ ही शहरी इलाकों में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए जाएंगे.

शहरी इलाकों में पौधरोपण एक चुनौती
आपको बता दें कि पटना के कई इलाकों में सड़क किनारे पेड़ लगाए गए हैं. लेकिन अब भी शहर के कई इलाके ऐसे हैं, जहां अतिक्रमण की वजह से पौधरोपण नहीं हो पा रहा है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक नगर-निगम का सहयोग न मिलने की वजह से अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है. ऐसी समस्या मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा और आरा समेत अन्य शहरों में है. बता दें कि जब तक नगर निगम या नगर विकास विभाग की तरफ से पूरा सहयोग नहीं मिलता, तब तक शहरी इलाकों में प्लांटेशन चुनौती बनी रहेगी.

देखें रिपोर्ट.

नीरज कुमार ने की थी बैठक
बता दें कि बीते 18 जून को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार ने अरण्य भवन में क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की थी. इस बैठक में उन्होंने कहा था कि 2021 में 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए निर्देश दिया गया है. वहीं, बांस से जुड़े उद्योगों पर भी जोर दिया गया था.

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