पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Cast Census) पर सियासत जोर पकड़ने लगी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद भी चाहे आरजेडी हो या फिर जेडीयू, दोनों के नेता लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने जहां रिमाइंडर भेजने की बात कही है, तो वहीं कुर्मी क्षत्रिय महासभा में उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कहा कि जातीय जनगणना जरूरी है. उन्होंने कहा कि कास्ट सेंसस होगा तभी तो जातीय भेदभाव के सही कारण का पता चलेगा.
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जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हम समझते हैं कि जब समाज में जाति के आधार पर भेदभाव होता है तो जाति आधारित जनगणना कराने में क्या दिक्कत है. उन्होंने कहा कि हम लोग प्रधानमंत्री के डिसीजन का इंतजार कर रहे हैं.
वहीं, तेजस्वी यादव के केंद्र सरकार को रिमाइंडर भेजने की बात पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अभी इसकी जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि जब जनगणना शुरू होगी, उसी समय जातीय जनगणना भी होगी. अभी तो जनगणना शुरू नहीं हुई है.
रविवार को कुर्मी क्षत्रिय महासभा की ओर से शहीद जगदेव को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया. पटेल संघ के भवन में आयोजित कार्यक्रम में जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर से जातीय जनगणना का राग अलापा. सम्मेलन जातीय जनगणना को लेकर ही आयोजित किया गया था और उपेंद्र कुशवाहा ने कार्यकर्ताओं से कहा इसको लेकर गांव-गांव में माहौल बनाएं.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि किसी भी बीमारी को पता लगाने के लिए उसके बारे में जानना जरूरी है और जाति स्तर पर लगातार भेदभाव होता रहा है. जब हर तरह के भेदभाव को लेकर गणना की जाती है चाहे वह धर्म के आधार पर हो या लिंग के आधार पर या फिर नस्ल के आधार पर, तो जाति के आधार पर भी जो भेदभाव हो रहा है उसके बारे में भी जाना जरूरी है.
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कुशवाहा ने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर कुतर्क भी गढ़ा जा रहा है. यह कहा जा रहा है कि कुछ दल विरोध में हैं, लेकिन प्रधानमंत्री के साथ शिष्टमंडल में सभी दल के लोग थे. बीजेपी के लोग भी शामिल थे. अभी तक आधिकारिक रूप से किसी ने विरोध नहीं किया है. इसलिए यह जरूरी है इसकी चर्चा हर जगह हो.