पटना: जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करने के बाद से बिहार का सियासी पारा एक बार फिर से चढ़ गया है. इसे लेकर एक बार फिर से बयानबाजी तेज हो गई है. केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे (Union Minister Ashwini Choubey) ने कहा है कि जातीय जनगणना को लेकर जो भी निर्णय होगा वो सर्वमान्य होगा, अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है. वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) ने एक बार फिर से साफ कर दिया की कास्ट सेंसस मुमकिन नहीं है.
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केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे से जब पूछा गया कि क्या जातीय जनगणना को लेकर एनडीए में मतभेद है, मांझी और जदयू, बीजेपी को लेकर कई तरह की बातें कह रही है. इसपर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. एनडीए में सब ठीक ठाक है.
"हम सभी को साथ लेकर चलते हैं. जो हमारे केंद्र के नेतृत्व का निर्णिय होगा, वही सर्वमान्य होगा. घटक दलों में कोई नाराजगी नहीं है. हम समाज में अंतिन पायदान पर बैठे व्यक्ति का उत्थान के लिए हम काम करते हैं."- अश्विनी चौबे, केंद्रीय मंत्री
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वहीं जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है और कहा है कि जो हलफनामा सरकार ने कोर्ट में दिया है, उसके अनुसार 4 लाख 28 हजार जाति इस देश में है और उतनी जातियों को अलग अलग गिनना मुश्किल है. ऐसे हालात में जातीय जनगणना संभव नहीं है.
"इसमें कई जातियां ऐसी भी है जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं है, जिसकी जनसंख्या कम है और रिकॉर्ड में बढ़ाकर लिखा गया है. यही कारण है कि सरकार जातीय जनगणना नहीं करवाना चाहती है. इसमें काफी दिक्कतें है. इसको लेकर प्रधानमंत्री जी का जो निर्णय होगा वो सर्वमान्य होगा. जातियों की संख्या 52 हजार पार कर गई है इसलिए ये प्रैक्टिकल नहीं है".- संजय जायसवाल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
वहीं बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सामाजिक-आर्थिक और जातीय जनगणना (Caste Census) की मांग को केंद्र सरकार पर फिर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. उन्होंने केंद्र सरकार के उदासीन एवं नकारात्मक रवैये तथा सबकी साझा आशंकाओं और जिम्मेदारियों के संदर्भ में देश की विभिन्न पार्टियों के 33 नेताओं को पत्र लिखा है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि वे बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. उसके बाद इस पर कोई निर्णय लेंगे.
बता दें कि एक महीना पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अलावा बिहार के सभी दलों के प्रतिनिधि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे. उनसे जातीय जनगणना कराने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करने के बाद से ही सीएम नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है. बिहार में एनडीए के कई घटक दल भी जातीय जनगणना की मांग कर चुके हैं. ऐसे में संभावना पूरी है कि बिहार की राजनीति में एक बार फिर से उथल-पुथल देखने को मिल सकता है.
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