ETV Bharat / state

कुपोषण के खात्मे के लिए लाएंगे 'एक देश, एक चावल' योजना, मिलेगा सिर्फ फोर्टिफाइड राइस: अश्विनी चौबे - ईटीवी भारत

केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि 2023 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाले चावल को फोर्टिफाइड कर दिया जाएगा, जो पोषणयुक्त होगा. भारत से कुपोषण को दूर भगाना है. पढ़ें पूरी खबर...

अश्विनी चौबे
अश्विनी चौबे
author img

By

Published : Oct 22, 2021, 1:41 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 3:14 PM IST

नई दिल्ली/पटनाः केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी चौबे (Ashwini Choubey) ने कहा है कि 'वन नेशन, वन राशन' कार्ड योजना (One Nation One Ration Card Scheme) देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है. असम और छत्तीसगढ़ में भी ये जल्द लागू हो जाएगा. कोशिश है कि साल के अंत तक पूरे देश भर में ये योजना लागू हो जाए. उन्होंने ये भी कहा कि 2023 तक सरकारी योजना से मिलने वाले चावल फोर्टिफाइड होंगे.

ये भी पढ़ेंः रबी महाभियान 2021-22: 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर बुआई की तैयारी में जुटे किसान

'कुपोषण की समस्या को हम लोग पूरी तरह से समाप्त करना चाहते हैं. 2023 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाले चावल को फोर्टिफाइड कर दिया जाएगा. जैसे एक देश एक राशन कार्ड योजना है उसी तरह हम लोग कोशिश में है कि एक देश एक चावल योजना हो और सरकारी राशन दुकान या जेनरल स्टोर, हर जगह पोषण युक्त चावल यानी फोर्टिफाइड चावल मिले'- अश्विनी चौबे, केंद्रीय राज्यमंत्री

मिड डे मील, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, आईसीडीएस के जरिए पोषण युक्त चावल बांटा जा रहा है. जिन अन्य योजनाओं में चावल बांटते हैं. उन योजनाओं में भी जल्द पोषण युक्त चावल ही बाटेंगे. बता दें केंद्र सरकार पोषण युक्त चावल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 15 राज्यों में मुहैया करा रही है. जिसमें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, गुजरात ने पोषक तत्वों के साथ मिश्रित चावल का वितरण शुरू कर दिया है.

राष्ट्रीय पोषण संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार देश के 40 फीसदी घरों में बच्चों को मिलने वाला भोजन असंतुलित है. 5 साल से कम उम्र के 55 फीसदी बच्चों का वजन सामान्य से कम है. 5 साल तक की उम्र के बच्चों में विटामिन ए की मात्रा सामान्य से कम है. 52 फीसदी बच्चों की लंबाई सामान्य से कम है. 35 फीसदी पुरुष और महिलाएं ऊर्जा की कमी का सामना कर रही हैं. लोगों के भोजन में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम की मात्रा घटती जा रही है. महिलाएं एवं लड़कियों में से 53.1 फीसदी अनीमिया की शिकार थी.

पोषण युक्त चावल में फोलिक एसिड, विटामिन ए, विटामिन B12, आयरन, विटामिन b1, जिंक जैसे तत्व होते हैं. यह पोषक तत्व हैं. इन पोषक तत्वों के कारण पोषण युक्त चावल की न्यूट्रेशन वैल्यू अधिक होती है. इसलिए जो खाएगा वह कुपोषण का शिकार नहीं होगा. सूत्रों के अनुसार देश की आबादी में से 70% लोगों को जरूरी पोषक तत्वों का 50% भी नहीं मिल पा रहा है. मौजूदा समय में देश में हर दूसरी महिला एनीमिया और हर चौथा बच्चा कुपोषण का शिकार है. कुपोषण के कारण देश में 5 साल से छोटे बच्चों में से 68% की मौत हो जाती है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ेंः Quality Check: इंसान तो क्या जानवरों के खाने लायक नहीं है ये सरकारी राशन

वहीं, वन नेशन वन राशन कार्ड योजना पर बोलते हुए अश्विनी चौबे ने कहा कि पिछले 1 महीने में मैंने कई राज्यों का दौरा किया है और जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की है कि वन नेशन वन राशन कार्ड का लाभ प्रवासी आबादी को मिल रहा है या नहीं. जहां भी मैं गया वहां देखा कि किसी भी राज्य में रहकर प्रवासी आबादी एक ही राशन कार्ड के जरिए अपने कोटे का अनाज सरकारी राशन दुकानों से ले पा रहे हैं.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 2.2 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनेदेन का मासिक औसत दर्ज किया जा रहा है. 2019 के अगस्त में इस योजना की शुरुआत हुई थी. अब तक इस योजना के देश भर में 75 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी हो चुके हैं. इस योजना के शुरू होने के बाद से अब तक 40 करोड़ से ज्यादा पोर्टेबिलिटी लेन देन किए गए हैं.

'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जो आरोप लग रहा है कि यह योजना अनाज की कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही है, यह गलत है. इस योजना के तहत बाजार कीमत से कम कीमत पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए गरीब लोगों को चावल, गेहूं और मोटा अनाज सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. चावल 3 रुपये, गेहूं 2 रुपये, मोटा अनाज 1 रुपये किलो दिया जा रहा है. इस योजना के तहत भारत की लगभग 2/3 जनसंख्या में 75% ग्रामीण एवं 50% शहरी आबादी को कवर किया जा रहा है'-अश्विनी चौबे, केंद्रीय राज्यमंत्री

'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 80 करोड़ लाभार्थियों को कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त में 5 किलो चावल एवं गेहूं प्रति व्यक्ति के हिसाब से हर महीने अलग से दिया जा रहा है. 30 नवंबर तक योजना लागू रहेगी. उसके बाद इस योजना को बंद कर दिया जाएगा'- अश्विनी चौबे, केंद्रीय राज्यमंत्री

ये भी पढ़ेंः ताल ठोककर बोले अश्विनी चौबे- जा रहा हूं जम्मू कश्मीर, दहशत में रह रहे बिहारियों के डर को करूंगा खत्म

बता दें कि मई से नवंबर 2021 के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 278 एलएमटी खाद्यान्न मुफ्त वितरण करने के लिए आवंटित किया गया है. वहीं पिछले साल अप्रैल से नवंबर 2020 में राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त वितरण के लिए 322 एलएमटी अनाज का आवंटन किया गया था.

'वन नेशन, वन राशन' कार्ड योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 80 करोड़ लाभार्थी किसी भी राज्य में रहकर एक ही राशन कार्ड के जरिए अपने कोटे का अनाज सरकारी राशन दुकान से सस्ते दामों पर ले सकते हैं. वन नेशन वन राशन कार्ड योजना बायोमैट्रिक सिस्टम पर आधारित है. इस पर राशन कार्ड धारक की पहचान उसकी आंख और हाथ के अंगूठे से होती है. राशन कार्ड को आधार से लिंक करना पड़ता है.

नई दिल्ली/पटनाः केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी चौबे (Ashwini Choubey) ने कहा है कि 'वन नेशन, वन राशन' कार्ड योजना (One Nation One Ration Card Scheme) देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है. असम और छत्तीसगढ़ में भी ये जल्द लागू हो जाएगा. कोशिश है कि साल के अंत तक पूरे देश भर में ये योजना लागू हो जाए. उन्होंने ये भी कहा कि 2023 तक सरकारी योजना से मिलने वाले चावल फोर्टिफाइड होंगे.

ये भी पढ़ेंः रबी महाभियान 2021-22: 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर बुआई की तैयारी में जुटे किसान

'कुपोषण की समस्या को हम लोग पूरी तरह से समाप्त करना चाहते हैं. 2023 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाले चावल को फोर्टिफाइड कर दिया जाएगा. जैसे एक देश एक राशन कार्ड योजना है उसी तरह हम लोग कोशिश में है कि एक देश एक चावल योजना हो और सरकारी राशन दुकान या जेनरल स्टोर, हर जगह पोषण युक्त चावल यानी फोर्टिफाइड चावल मिले'- अश्विनी चौबे, केंद्रीय राज्यमंत्री

मिड डे मील, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, आईसीडीएस के जरिए पोषण युक्त चावल बांटा जा रहा है. जिन अन्य योजनाओं में चावल बांटते हैं. उन योजनाओं में भी जल्द पोषण युक्त चावल ही बाटेंगे. बता दें केंद्र सरकार पोषण युक्त चावल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 15 राज्यों में मुहैया करा रही है. जिसमें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, गुजरात ने पोषक तत्वों के साथ मिश्रित चावल का वितरण शुरू कर दिया है.

राष्ट्रीय पोषण संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार देश के 40 फीसदी घरों में बच्चों को मिलने वाला भोजन असंतुलित है. 5 साल से कम उम्र के 55 फीसदी बच्चों का वजन सामान्य से कम है. 5 साल तक की उम्र के बच्चों में विटामिन ए की मात्रा सामान्य से कम है. 52 फीसदी बच्चों की लंबाई सामान्य से कम है. 35 फीसदी पुरुष और महिलाएं ऊर्जा की कमी का सामना कर रही हैं. लोगों के भोजन में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम की मात्रा घटती जा रही है. महिलाएं एवं लड़कियों में से 53.1 फीसदी अनीमिया की शिकार थी.

पोषण युक्त चावल में फोलिक एसिड, विटामिन ए, विटामिन B12, आयरन, विटामिन b1, जिंक जैसे तत्व होते हैं. यह पोषक तत्व हैं. इन पोषक तत्वों के कारण पोषण युक्त चावल की न्यूट्रेशन वैल्यू अधिक होती है. इसलिए जो खाएगा वह कुपोषण का शिकार नहीं होगा. सूत्रों के अनुसार देश की आबादी में से 70% लोगों को जरूरी पोषक तत्वों का 50% भी नहीं मिल पा रहा है. मौजूदा समय में देश में हर दूसरी महिला एनीमिया और हर चौथा बच्चा कुपोषण का शिकार है. कुपोषण के कारण देश में 5 साल से छोटे बच्चों में से 68% की मौत हो जाती है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ेंः Quality Check: इंसान तो क्या जानवरों के खाने लायक नहीं है ये सरकारी राशन

वहीं, वन नेशन वन राशन कार्ड योजना पर बोलते हुए अश्विनी चौबे ने कहा कि पिछले 1 महीने में मैंने कई राज्यों का दौरा किया है और जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की है कि वन नेशन वन राशन कार्ड का लाभ प्रवासी आबादी को मिल रहा है या नहीं. जहां भी मैं गया वहां देखा कि किसी भी राज्य में रहकर प्रवासी आबादी एक ही राशन कार्ड के जरिए अपने कोटे का अनाज सरकारी राशन दुकानों से ले पा रहे हैं.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 2.2 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनेदेन का मासिक औसत दर्ज किया जा रहा है. 2019 के अगस्त में इस योजना की शुरुआत हुई थी. अब तक इस योजना के देश भर में 75 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी हो चुके हैं. इस योजना के शुरू होने के बाद से अब तक 40 करोड़ से ज्यादा पोर्टेबिलिटी लेन देन किए गए हैं.

'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जो आरोप लग रहा है कि यह योजना अनाज की कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही है, यह गलत है. इस योजना के तहत बाजार कीमत से कम कीमत पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए गरीब लोगों को चावल, गेहूं और मोटा अनाज सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. चावल 3 रुपये, गेहूं 2 रुपये, मोटा अनाज 1 रुपये किलो दिया जा रहा है. इस योजना के तहत भारत की लगभग 2/3 जनसंख्या में 75% ग्रामीण एवं 50% शहरी आबादी को कवर किया जा रहा है'-अश्विनी चौबे, केंद्रीय राज्यमंत्री

'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 80 करोड़ लाभार्थियों को कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त में 5 किलो चावल एवं गेहूं प्रति व्यक्ति के हिसाब से हर महीने अलग से दिया जा रहा है. 30 नवंबर तक योजना लागू रहेगी. उसके बाद इस योजना को बंद कर दिया जाएगा'- अश्विनी चौबे, केंद्रीय राज्यमंत्री

ये भी पढ़ेंः ताल ठोककर बोले अश्विनी चौबे- जा रहा हूं जम्मू कश्मीर, दहशत में रह रहे बिहारियों के डर को करूंगा खत्म

बता दें कि मई से नवंबर 2021 के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 278 एलएमटी खाद्यान्न मुफ्त वितरण करने के लिए आवंटित किया गया है. वहीं पिछले साल अप्रैल से नवंबर 2020 में राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त वितरण के लिए 322 एलएमटी अनाज का आवंटन किया गया था.

'वन नेशन, वन राशन' कार्ड योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 80 करोड़ लाभार्थी किसी भी राज्य में रहकर एक ही राशन कार्ड के जरिए अपने कोटे का अनाज सरकारी राशन दुकान से सस्ते दामों पर ले सकते हैं. वन नेशन वन राशन कार्ड योजना बायोमैट्रिक सिस्टम पर आधारित है. इस पर राशन कार्ड धारक की पहचान उसकी आंख और हाथ के अंगूठे से होती है. राशन कार्ड को आधार से लिंक करना पड़ता है.

Last Updated : Oct 22, 2021, 3:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.