पटना: लैंड फॉर जॉब मामले लालू परिवार पर सीबीआई की कार्रवाई और अब कोर्ट के समन मिलने के बाद आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है. मंत्री तेजप्रताप यादव आरोप लगाया कि 'सीबीआई बीजेपी का दामाद है', इसीलिए भारतीय जनता पार्टी के आदेश पर विपक्षी दलों के नेताओं को परेशान किया जाता है. जिसके बाद बीजेपी की ओर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने भी तीखे अंदाज में पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार में रहने वाला ससुर होता है तो फिर लालू जब पहली बार जेल गए थे, तब तो उनकी ही सरकार थी. इसके बावजूद क्यों हवालात की हवा खानी पड़ी?
"हां बीजेपी के दामाद हैं. असली दामाद तो उस समय थे, (लालू) जब पहली बार जेल गए थे. उस समय तो वह स्वयं ससुर थे, उनके दामाद ने उनको गिरफ्तार कर के भीतर किया था. वही ईडी और सीबीआई थी, ये भूल गए. वो तो बड़े तंदरुस्त और मजबूत थे. दो-दो प्रधानमंत्री पॉकेट में लेकर रखते थे, फिर क्यों जेल गए और छापा पड़ा. करेंगे चोरी और उसके बाद सीनाजोरी"- अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय मंत्री
अश्विनी चौबे ने लालू परिवार पर हमला बोला: आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत अन्य आरोपियों को कोर्ट से समन जारी होने पर अश्विनी चौबे ने कहा कि जस करनी तस भोग विधाता, नरक जात को क्यों पछताता तो लालू यादव ने जो कुछ किया है उसका फल उन्हें मिल रहा है. जनता भी जानती है कि बिना किसी कारण को किसी के पास सीबीआई या ईडी नहीं आती है. उन्होंने अपने समय में गरीबों से जमीन लेकर नौकरी दी है और उसका सबूत भी एजेंसी के पास है.
क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला?: लैंड फॉर जॉब घोटाले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत सभी आरोपियों को 4 अक्टूबर को पेश होने के लिए समन जारी किया है. लालू पर आरोप है कि मनमोहन सिंह की सरकार में रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने 2004-2009 के बीच रेलवे में नौकरी के देने के बदले उन्होंने अभ्यर्थियों से जमीन अपने परिवार के नाम करवाया था. इस मामले में सीबीआई ने तेजस्वी को भी आरोपी बनाया है. लालू परिवार का आरोप है कि बीजेपी साजिश के तहत उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही है.