पटना: बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly By Election) के लिए एक तरफ जहां बीजेपी ने बेबी कुमारी को अपना उम्मीदवार बनाया है तो वहीं वीआईपी की तरफ से मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahani) ने रमई राम की बेटी डॉ गीता कुमारी को टिकट दिया है. एनडीए गठबंधन में बीजेपी और वीआईपी की तरफ से उम्मीदवार उतारे जाने के बाद जदयू फिलहाल किसके साथ खड़ी है इस पर सस्पेंस बना हुआ है. इसको लेकर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (JDU Bihar President Umesh Kushwaha On Bochaha Seat) का कहना है कि पूरा मामला राष्ट्रीय नेतृत्व के संज्ञान में है और जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने आएगा.
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जदयू प्रदेश अध्यक्ष का बयान: उमेश कुशवाहा ने कहा कि पार्टी नेतृत्व जल्द ही फैसला लेगी. शीर्ष नेतृत्व के संज्ञान में पूरा मामला है. शीर्ष नेतृतव जल्द ही फैसला लेंगे. राष्ट्रीय स्तर का गठबंधन है इसलिए शीर्ष नेतृत्व ही फैसला लेते हैं. सकारात्मक परिणाम आएगा. लोकतंत्र में सबको चुनाव लड़ने का अधिकार है. बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी के रवैया से बीजेपी नाराज है. इसलिए मुकेश सहनी से बोचहां सीट बीजेपी ने वापस ले लिया है. लेकिन मुकेश सहनी की तरफ से लगातार दावा किया जा रहा है कि गठबंधन धर्म के तहत बोचहां सीट पर वीआईपी का अधिकार है.
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जदयू ने नहीं खोले पत्ते: मुकेश सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात की है और समर्थन मांगा है. लेकिन इसके बावजूद जदयू ने पूरे मामले में अभी तक चुप्पी साध रखी है. जदयू बोचहां सीट को लेकर फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रहा है. दूसरी तरफ आरजेडी ने वीआईपी के पूर्व विधायक मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को टिकट दे दिया है. चर्चा इस बात की भी थी कि वीआईपी अमर पासवान को अपना उम्मीदवार बनाएगी. आरजेडी की तरफ से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद मुकेश सहनी ने आरजेडी के वरिष्ठ नेता रमई राम की बेटी को पार्टी में शामिल कराकर टिकट दिया है. ऐसे में बोचहां सीट का चुनाव दिलचस्प बन गया है.
12 अप्रैल को मतदान: दरअसल मुजफ्फरपुर के बोचहां विधानसभा सीट पर 12 अप्रैल को वोटिंग होगी. 16 को चुनाव परिणाम आएंगे. इस सीट पर विकासशील इंसान पार्टी यानी वीआईपी के विधायक मुसाफिर पासवान थे. जिनका लम्बी बीमारी के कारण नवंबर 2021 में निधन हुआ था. सीट पर नीतीश सरकार में मंत्री मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी का कब्जा था.
2005 में आरजेडी से बने थे विजेताः आपको बताएं कि मुसाफिर पासवान का सभी दलों के नेताओं से बेहतर संबंध था. इसी कारण एनडीए के साथ गठबंधन कर पिछले विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरे मुकेश सहनी के लिए वो बोचहां सीट पर पहली पसंद बने थे. उन्होंने आरजेडी के कद्दावर नेता रमई राम को 11,268 वोटों के मार्जिन से हराया था. इससे पहले मुसाफिर साल 2005 में आरजेडी के टिकट पर यहां से चुनाव जीते थे.
रमई राम का गढ़: बोचहां रमई राम का क्षेत्र रहा है. पूर्व मंत्री रह चुके रमई राम बिहार के बड़े नेताओं में से एक हैं. वे बोचहां से नौ बार विधायक और पांच दफा मंत्री रह चुके हैं. रमई राम बोचहां से तीन बार आरजेडी, एक बार जेडीयू, दो बार जनता दल और तीन बार अन्य दलों से विधायक चुने जा चुके हैं. वे वर्ष 1990 से 2015 तक बिहार सरकार में मंत्री रहे हैं. इसलिए बोचहां को रमई का गढ़ कहा जाता है, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी बेबी कुमारी ने उन्हें पराजित किया था. विधायक बनने के बाद बेबी कुमारी BJP में शामिल हो गई थीं. 2020 में यह सीट एनडीए के नए साथी मुकेश सहनी की वीआईपी के हिस्से चली गई थी और सहनी ने पासवान को उम्मीदवार बनाया था.
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