पटना: कोरोना वायरस (Corona Virus) और वायरल फीवर (Viral Fever) के खतरे से निपटने के लिए बिहार का स्वास्थ्य विभाग (Health Department) अलर्ट मोड पर है. इसी बीच प्रदेश में दबे पांव स्वाइन फ्लू (Swine Flu) ने भी दस्तक दे दिया है. चिंता की बात यह है कि स्वाइन फ्लू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. राजधानी के पारस हॉस्पिटल में शुक्रवार को दो नए मरीज भर्ती हुए हैं, इसी के साथ स्वाइन फ्लू के अब तक 6 मरीज सामने आए हैं.
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हालांकि, डॉक्टर का कहना है कि लोगों को स्वाइन फ्लू से घबराने की जरूरत नहीं है. इस संक्रमण से बचाव संभव है और इसका इलाज मौजूद है. डॉक्टर ने कहा, अगर किसी व्यक्ति को स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें समय पर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचना चाहिए.
डॉक्टर का कहना है कि स्वाइन फ्लू के संक्रमण फैलने के प्रति लोगों को जागरूक होने की जरूरत है. खांसने, छींकने या छूने से भी स्वाइन फ्लू का वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में पहुंच जाता है. इस वजह से स्वाइन फ्लू से प्रभावित लोगों को अलग रखा जाना चाहिए.
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इसी के साथ, डॉक्टर ने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है और कहा कि इसके लक्षण पर जरूर गौर करें, जिसमें बुखार के साथ सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में खराश और सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें.
स्वाइन फ्लू एक संक्रामक बीमारी है जो एच-1 एन-1 वायरस की वजह से फैलता है. स्वाइन फ्लू से प्रभावित व्यक्ति में सामान्य मौसमी सर्दी-जुकाम जैसे ही लक्षण होते हैं.
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स्वाइन फ्लू से प्रभावित लोगों में नाक से पानी बहना या नाक बंद हो जाना, गले में खराश, सर्दी-खांसी, बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द, थकान, ठंड लगना, पेट दर्द और कभी-कभी दस्त उल्टी आने जैसी दिक्कत हो सकती है. कम उम्र के व्यक्तियों, छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से प्रभावित करता है.