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बिहार विधानसभा में रचा गया इतिहास! एक सदन अंदर लगा तो दूसरा बाहर - बिहार विधानसभा के बाहर और अंदर लगा सदन

विधानसभा के इतिहास में विपक्षी सदस्यों की ओर से कार्यवाही चलाकर एक नई परंपरा की शुरुआत की गई. ऐसे तो विधानसभा के बजट सत्र का अंतिम दिन है और सरकार के सभी कामकाज भी निपट गए हैं. लेकिन कई चीजें इस बार पहली बार होती दिख रही हैं. जिसमें विपक्षी सदस्यों की ओर से विधानसभा के बाहर सदन की कार्यवाही भी एक है.

सदन के बाहर विपक्षी दल के नेताओं ने लगाया अपना सदन
सदन के बाहर विपक्षी दल के नेताओं ने लगाया अपना सदन
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Published : Mar 24, 2021, 3:41 PM IST

पटनाः विधानसभा के इतिहास में पहली बार सभी विपक्षी दलों के सदस्यों ने विधानसभा के बाहर सदन लगाया. अध्यक्ष बनाकर सदन का संचालन किया और विधानसभा में जिस प्रकार से मारपीट हुई उस घटना को लेकर विरोध जताया. सदन के अंदर जिस प्रकार से माले के विधायक सत्यदेव राम अपनी बात रखने के लिए शोर मचाते हैं, बाहर भी कुछ उसी तरह से अपनी आवाज बुलंद करते नजर आए. नहीं सुनने पर सत्यदेव राम ने अध्यक्ष भूदेव चौधरी को मजाक ही मजाक में तानाशाह ही बता दिया.

ये भी पढ़ें- बहस करने के लिए CM आ जाएं मैदान में... नहीं तो हाथों में चूड़ियां पहनकर बैठें- तेजस्वी यादव

विधानसभा के बाहर विपक्ष का सदन
बिहार विधानसभा में कई चीजें पहली बार हो रही हैं. 100 साल के इतिहास में पहली बार पुलिस सदन के अंदर गई और आज नाराज विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा के बाहर सदन की कार्यवाही संचालित की. तेज धूप के बावजूद विपक्ष की ओर से सदन चलाया गया. विपक्षी सदस्यों ने राजद के भूदेव चौधरी को अध्यक्ष बना दिया और उन्हें कुर्सी पर बिठा कर खुद जमीन पर बैठ गए. अध्यक्ष के रूप में भूदेव चौधरी ने नियमन भी दिया. कई सदस्यों ने कार्यवाही में भाग लिया और अध्यक्ष के नहीं सुनने पर नाराजगी भी दिखाई.

देखें... बिहार विधानसभा के बाहर लगे सदन में कैसे विधायकों ने रखी अपनी बात

विपक्ष के बाहर होने से निर्विरोध चुने गए महेश्वर हजारी
माले के सत्यदेव राम ने विधानसभा के अंदर विधायकों के साथ मारपीट की घटना को गंभीर बताते हुए चर्चा कराने की भी मांग की. यह सब कुछ होता रहा तब, जब सदन की कार्यवाही विधानसभा में चल रही थी और प्रश्नकाल में मंत्री का जवाब हो रहा था. लेकिन सदन के अंदर की कार्यवाही में केवल सत्ता पक्ष के सदस्य ही मौजूद थे. विपक्षी सदस्य जब बाहर सदन की कार्यवाही चला रहे थे तो विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए महेश्वर हजारी निर्विरोध चुने जा रहे थे.

सदन के बाहर विपक्षी दल के नेताओं ने लगाया अपना सदन
सदन के बाहर विपक्षी दल के नेताओं ने लगाया अपना सदन

भूदेव चौधरी बाहर में अध्यक्ष की भूमिका में थे ऐसे उन्होंने भी उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया था लेकिन सदन के अंदर नहीं जाने के कारण महेश्वर हजारी को वॉकआउट मिल गया.

ये भी पढ़ें- महेश्वर हजारी चुने गए बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष, मुख्यमंत्री समेत कई नेताओं ने दी बधाई

विपक्ष ने की नई परंपरा की शुरुआत
विधानसभा के इतिहास में विपक्षी सदस्यों की ओर से कार्यवाही चलाकर एक नई परंपरा की शुरुआत की गई. ऐसे तो विधानसभा के बजट सत्र का अंतिम दिन है और सरकार के सभी कामकाज भी निपट गए हैं. लेकिन कई चीजें इस बार पहली बार होती दिख रही हैं. जिसमें विपक्षी सदस्यों की ओर से विधानसभा के बाहर सदन की कार्यवाही भी एक है.

पटनाः विधानसभा के इतिहास में पहली बार सभी विपक्षी दलों के सदस्यों ने विधानसभा के बाहर सदन लगाया. अध्यक्ष बनाकर सदन का संचालन किया और विधानसभा में जिस प्रकार से मारपीट हुई उस घटना को लेकर विरोध जताया. सदन के अंदर जिस प्रकार से माले के विधायक सत्यदेव राम अपनी बात रखने के लिए शोर मचाते हैं, बाहर भी कुछ उसी तरह से अपनी आवाज बुलंद करते नजर आए. नहीं सुनने पर सत्यदेव राम ने अध्यक्ष भूदेव चौधरी को मजाक ही मजाक में तानाशाह ही बता दिया.

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विधानसभा के बाहर विपक्ष का सदन
बिहार विधानसभा में कई चीजें पहली बार हो रही हैं. 100 साल के इतिहास में पहली बार पुलिस सदन के अंदर गई और आज नाराज विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा के बाहर सदन की कार्यवाही संचालित की. तेज धूप के बावजूद विपक्ष की ओर से सदन चलाया गया. विपक्षी सदस्यों ने राजद के भूदेव चौधरी को अध्यक्ष बना दिया और उन्हें कुर्सी पर बिठा कर खुद जमीन पर बैठ गए. अध्यक्ष के रूप में भूदेव चौधरी ने नियमन भी दिया. कई सदस्यों ने कार्यवाही में भाग लिया और अध्यक्ष के नहीं सुनने पर नाराजगी भी दिखाई.

देखें... बिहार विधानसभा के बाहर लगे सदन में कैसे विधायकों ने रखी अपनी बात

विपक्ष के बाहर होने से निर्विरोध चुने गए महेश्वर हजारी
माले के सत्यदेव राम ने विधानसभा के अंदर विधायकों के साथ मारपीट की घटना को गंभीर बताते हुए चर्चा कराने की भी मांग की. यह सब कुछ होता रहा तब, जब सदन की कार्यवाही विधानसभा में चल रही थी और प्रश्नकाल में मंत्री का जवाब हो रहा था. लेकिन सदन के अंदर की कार्यवाही में केवल सत्ता पक्ष के सदस्य ही मौजूद थे. विपक्षी सदस्य जब बाहर सदन की कार्यवाही चला रहे थे तो विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए महेश्वर हजारी निर्विरोध चुने जा रहे थे.

सदन के बाहर विपक्षी दल के नेताओं ने लगाया अपना सदन
सदन के बाहर विपक्षी दल के नेताओं ने लगाया अपना सदन

भूदेव चौधरी बाहर में अध्यक्ष की भूमिका में थे ऐसे उन्होंने भी उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया था लेकिन सदन के अंदर नहीं जाने के कारण महेश्वर हजारी को वॉकआउट मिल गया.

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विपक्ष ने की नई परंपरा की शुरुआत
विधानसभा के इतिहास में विपक्षी सदस्यों की ओर से कार्यवाही चलाकर एक नई परंपरा की शुरुआत की गई. ऐसे तो विधानसभा के बजट सत्र का अंतिम दिन है और सरकार के सभी कामकाज भी निपट गए हैं. लेकिन कई चीजें इस बार पहली बार होती दिख रही हैं. जिसमें विपक्षी सदस्यों की ओर से विधानसभा के बाहर सदन की कार्यवाही भी एक है.

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