पटना: राजधानी पटना में एक साथ तीन तलाक के दो मामले सामने आए हैं. पहला मामला गर्दनीबाग थाना क्षेत्र का है, जहां अलीनगर इलाके की रहने वाली एक महिला ने पति पर कुरियर से तलाक मांगने का आरोप लगाया है. वहीं दूसरा मामला पीरबहोर थाना क्षेत्र का है. यहां सब्जी बाग इलाके के रमना रोड के अजीमाबाद सेक्टर-सी में एक बार में तीन तलाक बोलकर महिला को तलाक दिया गया है. पुलिस ने दोनों मामलों पर जांच शुरू कर दी है.
मिली जानकारी के अनुसार पटना के अली नगर इलाके की रहने वाली एक महिला ने अपने पति पर कुरियर से तलाक मांगने का आरोप लगाया गया है. महिला ने पति पर दहेज मांगने का आरोप लगाया है. आरोप ये भी है कि उसका पति उसके साथ शारीरिक उत्पीड़न करता था. पूरे मामले की रपट संबंधित थाना क्षेत्र में दर्ज करा दी गई है.
पहले से शादीशुदा था पति- पीड़ित महिला
वहीं, मामला दूसरे मामले में डेढ़ महीने से अपनी बहन के यहां रह रही युवती ने पीरबहोर थाना क्षेत्र पर पति के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाया है. महिला का आरोप है कि उसके पति ने एक सांस में तीन तलाक बोल उसे घर से निकाल दिया. आरोप है विवाहिता की शादी 18 अक्टूबर 2016 को गया में बड़ी धूमधाम से हुई. जिस लड़के से उसकी शादी हुई, वो पहले एयर फोर्स में था. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि वो पहले से ही शादीशुदा था.
हिरासत में लिया गया पति
पूरे मामले के बारे में पीरबहोर थानाध्यक्ष रिजवान अहमद खान ने बताया कि फिलहाल इस मामले में लड़के को हिरासत में ले लिया गया है. विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है. वहीं, हिरासत में लिए गए पति ने ट्रिपल तलाक का गलत आरोप लगाने की बात कही है. पति का कहना है कि उनको गलत तरीके से फंसाया जा रहा है.
क्या है तीन तलाक कानून
- कोई पति अगर मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से एक बार में अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है, तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा.
- तीन तलाक के मामले पर स्वयं पत्नी या उसका करीबी रिश्तेदार ही इस बारे में केस दर्ज करा सकता है.
- पुलिस बिना वारंट के तीन तलाक देने वाले आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती है क्योंकि महिला अधिकार संरक्षण कानून 2019 बिल के मुताबिक एक समय में तीन तलाक देना अपराध है.
सजा का प्रवधान...
- तीन तलाक के मामले में मजिस्ट्रेट बिना पीड़ित महिला का पक्ष सुने बगैर पति को जमानत नहीं दे पाएंगे.
- पति को तीन साल तक कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है. मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही उसे जमानत मिलेगी.
- पीड़ित पत्नी और बच्चे के भरण पोषण का खर्च मजिस्ट्रेट तय करेंगे, जो पति को देना होगा.
- तीन तलाक पर बने कानून में छोटे बच्चों की निगरानी और रखवाली मां के पास रहेगी.
- नए कानून में समझौते के विकल्प को भी रखा गया है.
- इस कानून के तहत पत्नी की पहल पर ही समझौता हो सकता है, लेकिन मजिस्ट्रेट की उचित शर्तों के साथ.