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अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि, पटना में बीजेपी नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज चौथी पुण्यतिथि है. इस मौके पर पटना में बीजेपी की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सांसद रामकृपाल यादव और बीजेपी विधायक संजीव चौरसिया ने अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.

Tribute Paid To Atal Bihari Vajpayee In Patna
Tribute Paid To Atal Bihari Vajpayee In Patna
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Published : Aug 16, 2022, 1:19 PM IST

पटना: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary) को उनकी चौथी पुण्यतिथि पर देश भर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. आज सुबह अटल समाधि स्थल पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं पटना में भी भारतीय जनता पार्टी द्वारा अटल पार्क में कार्यक्रम का आयोजन किया गया और भारत रत्न को नमन (Tribute Paid To Atal Bihari Vajpayee In Patna) किया गया. 16 अगस्त 2018 को लंबे समय से बीमार चल रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने इस दुनियो को अलविदा कह दिया था. उनके निधन के बाद देशभर में शोक की लहर दौड़ गई.

पढ़ें- बिहार बजट में 'अटल बिहारी' : वित्त मंत्री ने पढ़ी कविता- 'गीत नया गाता हूं'

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को पटना में दी गई श्रद्धांजलि: बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव और बीजेपी विधायक संजीव चौरसिया इस कार्यक्रम में मौजूद रहे. अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. बीजेपी विधायक संजीव चौरसिया ने कहा कि आज हम लोग अटल बिहारी वाजपेयी जी को याद कर रहे हैं. वह अटल भी थे और बिहारी भी थे.

"बिहार से अटल बिहारी वाजपेयी जी का काफी लगाव था. हम लोगों का उनसे पारिवारिक संबंध भी था. जो लकीर उन्होंने भारत के विकास के लिए खींची है कहीं न कहीं उस लकीर को आगे बढ़ाने का काम वर्तमान नरेंद्र मोदी की सरकार कर रही है."- संजीव चौरसिया, बीजेपी विधायक

तीन बार पीएम रहे अटल बिहारी वाजपेयी: बता दें कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे थे. वह भारतीय जनता पार्टी के सह-सस्थापक भी थे. वह भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था. हालांकि, एक बार वह मात्र 13 दिन और दूसरी बार 13 महीने के लिए पीएम बने थे. 27 मार्च 2015 को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था. पूर्व पीएम वाजपेयी का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसंबर, 1924 को हुआ था.

हर दिल के अजीज थे भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी: अटल बिहार वाजपेयी के भाषणों में उनकी बेबाकी को लेकर उनकी कमी आज भी देश की राजनीति को खलती है. ऐसे ही भाषण का गवाह था, बक्सर का किला मैदान. यहां उन्होंने साल 1979 में भाषण दिया था. उनके भाषण को याद करते हुए बक्सर वासी कहते हैं कि वाजपेयी जी हर दिल के अजीज थे. उनकी कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता.

बहुमुखी प्रतिभा के थे धनी: अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसा राजनेता थे, जो अपनी पार्टी के साथ ही सभी दलों के लिए प्रिय नेता रहे. भारत के राजनीतिक इतिहास में अटल बिहारी वाजपेयी का संपूर्ण व्यक्तित्व शिखर पुरुष के रूप में दर्ज है. तीन बार देश के प्रधान सेवक रहे वाजपेयी ने अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से की थी. उनका व्यवहार बहुत ही सरल था. वे अक्सर वह कहा करते थे, 'मैं नामी पत्रकार चाहता था. लेकिन प्रधानमंत्री बन गया. आजकल पत्रकार हमारे हालत खराब कर रहे हैं. लेकिन मैं बुरा नहीं मानता हूं क्योंकि मैं पहले यह कर चुका हूं.

बिहार से था खास नाता: वैसे तो बिहार का शायद ही कोई जिला हो जहां अटल जी ना गए हो लेकिन पटना उनकी यादों को संजोये हुए है. दरअसल, वाजपेयी ने पटना में अपने दोस्त बऊआ जी के सिनेमा हॉल अशोक में उन्होंने कई फिल्में देखी. उनकी पसंदीदा हीरोइन हेमा मालिनी थीं, जिनकी फिल्म सीता और गीता उन्होंने 25 बार देखी थी. वे जब भी आते थे, तो पटना के अशोक सिनेमा हॉल में फिल्म देखने जाते थे.

पटना: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary) को उनकी चौथी पुण्यतिथि पर देश भर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. आज सुबह अटल समाधि स्थल पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं पटना में भी भारतीय जनता पार्टी द्वारा अटल पार्क में कार्यक्रम का आयोजन किया गया और भारत रत्न को नमन (Tribute Paid To Atal Bihari Vajpayee In Patna) किया गया. 16 अगस्त 2018 को लंबे समय से बीमार चल रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने इस दुनियो को अलविदा कह दिया था. उनके निधन के बाद देशभर में शोक की लहर दौड़ गई.

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पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को पटना में दी गई श्रद्धांजलि: बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव और बीजेपी विधायक संजीव चौरसिया इस कार्यक्रम में मौजूद रहे. अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. बीजेपी विधायक संजीव चौरसिया ने कहा कि आज हम लोग अटल बिहारी वाजपेयी जी को याद कर रहे हैं. वह अटल भी थे और बिहारी भी थे.

"बिहार से अटल बिहारी वाजपेयी जी का काफी लगाव था. हम लोगों का उनसे पारिवारिक संबंध भी था. जो लकीर उन्होंने भारत के विकास के लिए खींची है कहीं न कहीं उस लकीर को आगे बढ़ाने का काम वर्तमान नरेंद्र मोदी की सरकार कर रही है."- संजीव चौरसिया, बीजेपी विधायक

तीन बार पीएम रहे अटल बिहारी वाजपेयी: बता दें कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे थे. वह भारतीय जनता पार्टी के सह-सस्थापक भी थे. वह भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था. हालांकि, एक बार वह मात्र 13 दिन और दूसरी बार 13 महीने के लिए पीएम बने थे. 27 मार्च 2015 को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था. पूर्व पीएम वाजपेयी का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसंबर, 1924 को हुआ था.

हर दिल के अजीज थे भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी: अटल बिहार वाजपेयी के भाषणों में उनकी बेबाकी को लेकर उनकी कमी आज भी देश की राजनीति को खलती है. ऐसे ही भाषण का गवाह था, बक्सर का किला मैदान. यहां उन्होंने साल 1979 में भाषण दिया था. उनके भाषण को याद करते हुए बक्सर वासी कहते हैं कि वाजपेयी जी हर दिल के अजीज थे. उनकी कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता.

बहुमुखी प्रतिभा के थे धनी: अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसा राजनेता थे, जो अपनी पार्टी के साथ ही सभी दलों के लिए प्रिय नेता रहे. भारत के राजनीतिक इतिहास में अटल बिहारी वाजपेयी का संपूर्ण व्यक्तित्व शिखर पुरुष के रूप में दर्ज है. तीन बार देश के प्रधान सेवक रहे वाजपेयी ने अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से की थी. उनका व्यवहार बहुत ही सरल था. वे अक्सर वह कहा करते थे, 'मैं नामी पत्रकार चाहता था. लेकिन प्रधानमंत्री बन गया. आजकल पत्रकार हमारे हालत खराब कर रहे हैं. लेकिन मैं बुरा नहीं मानता हूं क्योंकि मैं पहले यह कर चुका हूं.

बिहार से था खास नाता: वैसे तो बिहार का शायद ही कोई जिला हो जहां अटल जी ना गए हो लेकिन पटना उनकी यादों को संजोये हुए है. दरअसल, वाजपेयी ने पटना में अपने दोस्त बऊआ जी के सिनेमा हॉल अशोक में उन्होंने कई फिल्में देखी. उनकी पसंदीदा हीरोइन हेमा मालिनी थीं, जिनकी फिल्म सीता और गीता उन्होंने 25 बार देखी थी. वे जब भी आते थे, तो पटना के अशोक सिनेमा हॉल में फिल्म देखने जाते थे.

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