पटना: बिहार में बसों के किराए को लेकर यात्रियों और कंडक्टर के बीच आए दिन झड़प की खबरें आती रहती हैं. विशेष रूप से कोरोना (Corona) के कारण लागू हुई पाबंदियां जब से खत्म हुई हैं, उसके बाद से ही बस मालिकों ने बस का किराया मनमाने तरीके से बढ़ा दिया. इस बीच परिवहन विभाग (Bihar Transport Department) के पास बस मालिकों ने बस का किराया बढ़ाने के लिए आवेदन भी दिया था. जिस पर परिवहन विभाग ने किराया वृद्धि का प्रस्ताव (rent hike proposal) प्रकाशित किया है. इस पर लोगों से 1 महीने में आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं.
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बिहार में इसके पहले वर्ष 2018 में बसों का किराया निर्धारित किया गया था. तब पेट्रोल करीब 85 रुपए प्रति लीटर और डीजल करीब 78 रुपए प्रति लीटर था. आज पेट्रोल की कीमत करीब 104 रुपए प्रति लीटर है. जबकि डीजल की कीमत करीब 95 रुपए प्रति लीटर है.
डीजल की दर में वृद्धि और अन्य वृद्धि के मद्देनजर करीब 5 से 20% तक किराया वृद्धि का प्रस्ताव परिवहन विभाग ने प्रकासित किया है. परिवहन विभाग ने प्रस्तावित बस भाड़े का ड्राफ्ट अपनी वेबसाइट पर लोगों की जानकारी के लिए प्रकाशित किया है. इस पर एक महीने में लोग अपनी आपत्तियां या सुझाव दे सकते हैं.
परिवहन विभाग की अधिसूचना के मुताबिक साधारण बस सेवा के लिए अब प्रति किलोमीटर डेढ़ रुपया जबकि डीलक्स बस सेवा के लिए प्रति किलोमीटर एक रुपए 70 पैसे की दर से बस का किराया देना होगा.
वहीं डीलक्स एसी बस के लिए प्रति किलोमीटर 2 रुपए और वोल्वो बस, मर्सिडीज या उसके समतुल्य बस सर्विस के लिए ढाई रुपए प्रति किलोमीटर तक का किराया लोगों को चुकाना होगा. लंबी दूरी की बस सेवा के लिए जो प्रस्ताव परिवहन विभाग ने दिया है, उसके मुताबिक बस भाड़े की गणना पहले 100 किलोमीटर तक उस श्रेणी के बेसिक भाड़े के दर के आधार पर होगी.
जबकि 101 से 250 किलोमीटर की दूरी तक के लिए उस श्रेणी के बेसिक भाड़ा के दर के आधार पर आधारित किराए में 20% की कमी और 251 किलोमीटर से ज्यादा दूरी के लिए उच्च श्रेणी के बेसिक भाड़ा के दर के आधार पर निर्धारित किराए में 30% की कमी लाते हुए भाड़ा निर्धारित किया जाएगा.
नगरीय बस सेवा यानी सिटी बस सर्विस में पहले 4 किलोमीटर के लिए 1.60 रुपए प्रति किलोमीटर, जबकि अगले प्रत्येक 2 किलोमीटर के लिए 1.5 रुपए प्रति किलोमीटर का भाड़ा तय किया गया है.
'3 साल से बसों का किराया नहीं बढ़ा है. बसों में मनमाने तरीके से किराया वसूलने की खबरें लगातार हमें मिल रही थी. इधर बस मालिकों ने भी आवेदन देकर बस भाड़ा बढ़ाने की मांग की थी. जिसके बाद किराए का पुनर्निर्धारण किया गया है. एक महीने में लोगों से आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं. निर्धारित किराया से ज्यादा वसूलने पर परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा. हर 6 महीने में बस किराए का रिवीजन जरूरी है. क्योंकि पेट्रोल और डीजल की कीमतों के आधार पर यह सारा कुछ तय होगा.' -संजय कुमार अग्रवाल, परिवहन सचिव, बिहार
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