पटना: लोकनायक जयप्रकाश नारायण हड्डी अस्पताल (LNJP Bone Hospital) के ट्रॉमा सेंटर (Trauma Center) के नए भवन का बीते दिनों सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने उद्घाटन किया है. लेकिन अब तक इसमें काम शुरू नहीं हुआ है. इस ट्रॉमा सेंटर में 30 बेड हैं, जिसमें 10 इमरजेंसी के बेड हैं. गरीब मरीजों को इस ट्रॉमा सेंटर के शुरू होने का काफी लंबे समय से इंतजार है. इसके शुरू होने पर अस्पताल में मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर की संख्या दो से बढ़कर चार हो जाएगी.
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एलएनजेपी हड्डी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के निदेशक डॉ. सुभाष चंद्रा (Dr. Subhash Chandra) ने बताया कि यह ट्रॉमा सेंटर गरीब मरीजों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगा और यह बेहतरीन इक्विपमेंट से पूरी तरह लैस है. उन्होंने बताया कि हर लेवल-2 (level-2) का ट्रॉमा सेंटर है और इसके शुरू होने से अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर की संख्या बढ़ जाएगी और एक समय में अधिक ऑपरेशन संभव हो पाएंगे. ऑपरेशन के लिए मरीजों का इंतजार कम हो पाएगा.
डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा कि अभी जो ऑपरेशन के लिए लंबी वेटिंग लिस्ट चल रही है, वह काफी कम हो जाएगा. यहां सभी हाईटेक टेक्नॉलॉजी के उपकरण मौजूद रहेंगे. उन्होंने बताया कि यह ट्रॉमा सेंटर 30 बेड का है. जिसमें 10 आईसीयू के बेड और 20 बेड जनरल हैं. अस्पताल में 120 बेड की क्षमता है. इस ट्रामा सेंटर के शुरू होने के बाद अस्पताल में 150 बेड की क्षमता विकसित हो जाएगी.
"बीते दिनों मुख्यमंत्री ने ट्रॉमा सेंटर के नए भवन का उद्घाटन किया. मगर यहां अब तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है. इसके पीछे कुछ तकनीकी वजह है. कुछ महत्वपूर्ण इक्विपमेंट्स हैं जो अब तक यहां इंस्टॉल नहीं हुए हैं और इसी का इंतजार है. अस्पताल में 1200 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन करने का क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट तैयार किया जा रहा है."- डॉ. सुभाष चंद्रा, डायरेक्टर, एलएनजेपी
डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा कि वह सभी चिकित्सक ट्रॉमा सेंटर में कार्य करने के लिए पूरी तरह तैयार है. ऐसे में सरकार की तरफ से जरूरी इक्विपमेंट्स जितनी जल्द ट्रॉमा सेंटर को उपलब्ध हो पाएगा. उतना जल्दी ही यह शुरू होगा. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट भी जल्द ही पूरी तरह तैयार हो जाएगा और यह शुरू भी हो जाएगा.
उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट और ट्रॉमा सेंटर संभव है कि एक साथ ही शुरू हो. ऑक्सीजन प्लांट के शुरू होने के बाद अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर, इमरजेंसी और इनडोर के सभी बेड पर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी. वर्तमान समय में अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 500 से 600 मरीज पहुंचते हैं और अस्पताल के इनडोर का सभी 120 बेड पूरी तरह फुल रहता है.
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