पटना: प्रदेश में टैक्स डिफॉल्टर व्यवसायिक वाहन मालिकों को परिवहन विभाग ने एक बड़ी राहत दी है. व्यावसायिक वाहनों और ट्रैक्टर-ट्रेलर को अर्थदंड या फीस या कर की एकमुश्त राशि जमा करने पर विशेष छूट दी जाएगी. इसके लिए परिवहन विभाग ने एक बार फिर से सर्वक्षमा योजना लाया है. बुधवार को राज्य सरकार ने कैबिनेट में इस योजना को मंजूरी दी.
भारी संख्या में वाहनों के इस दायरे में आने की संभावना
परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस योजना के लागू होने से बड़ी संख्या में वाहनों के टैक्स के दायरे में आने की संभावना है. वैसे वाहन, जो 10 से 20 साल पुराने हैं या काफी जर्जर हो गए हैं, सड़कों पर उपलब्ध नहीं है और जिनका कोई पता नहीं चल रहा है. इस तरह के वाहनों पर भी अर्थदंड के बकाया के लिए उनके विरुद्ध नीलामपत्र वाद दायर किये जाएंगे.
टैक्स डिफॉल्टर, निबंधित या अनिबंधित ट्रैक्टर-ट्रेलर जो कृषि या व्यावसायिक कार्यों में प्रयुक्त हैं. उनके मालिकों को 25 हजार रुपये जमा कर वाहन को निबंधित या विनियमित करा सकते हैं. अगर निलामपत्र वाद दायर है तो उसे विभाग द्वारा वापस ले लिया जाएगा. बता दें कि सभी प्रकार के निबंधित या अनिबंधित व्यावसायिक या मालवाहक वाहन जो एक साल पूर्व तक टैक्स डिफॉल्टर हैं तो बकाया कर के अतिरिक्त 30 प्रतिशत अर्थदंड जमा करने पर रेगुलेट कर दिया जाएगा. अगर वाहन एक साल से अधिक डिफॉल्टर है तो उसे बकाया टैक्स के अतिरिक्त 50 प्रतिशत अर्थदंड जमा करने पर, उस वाहन पर जो भी अर्थदंड होगा सर्वक्षमा दी जाएगी और उस वाहन को निबंधित या विनियमित कर दिया जाएगा.
वाहन का फिटनेस डिफॉल्टर होने पर फीस घटेगी
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर फिटनेस के कारण डिफॉल्टर हैं तो इसमें भी फीस को घटा दिया गया है. प्रत्येक दिन के लिए 50 रुपए की अतिरिक्त फीस को घटाकर 90 दिनों के लिए कम कर दिया गया है. वहीं, दोपहिया और तिपहिया वाहन के लिए 10 रुपए प्रतिदिन, व्यावसायिक ट्रैक्टर के लिए 15 रुपए प्रतिदिन, छोटे चारपहिया परिवहन वाहन के लिए 20 रुपए प्रतिदिन साथ ही भारी व्यावसायिक वाहन या अन्य वाहन के लिए 30 रुपए प्रतिदिन निर्धारित किया गया है. यह योजना अधिसूचना जारी किये जाने के डेट से सिर्फ 90 दिनों के लिए ही प्रभावी होगा. बताया जाता है कि वैसे वाहन मालिक जो इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे. उन्हें बिहार मोटर वाहन करारोपण अधिनियम, 1994 और बिहार मोटर वाहन करारोपण नियमावली 1994 के प्रावधानों के अनुसार वर्तमान लागू दर पर टैक्स एवं अर्थदंड का भुगतान करना होगा.