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Patna News: IGIMS में अब eTEP और IPOM विधि से होगा हर्निया का ऑपरेशन, चिकित्सकों को मिला प्रशिक्षण - Patna News

आईजीआईएमएस में मरीजों की सुविधा को लेकर नित नए प्रयोग किए जाते रहे हैं और बेहतर से बेहतर इलाज की तकनीक IGIMS में उपलब्ध हो. इस दिशा में आईजीआईएमएस प्रबंधन लगातार कार्य कर रहा है. इसी के तहत अब आईजीआईएमएस में जल्द ही हर्निया का ऑपरेशन लेप्रोस्कोपिक विधि से ना होकर eTEP और IPOM विधि से होगा. इसको लेकर यहां के चिकित्सकों को ट्रेनिंग (Training of new method of hernia surgery in IGIMS) दी गई. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Mar 18, 2023, 3:25 PM IST

हर्निया की सर्जरी के नई विधि का प्रशिक्षण

पटना: बिहार की राजधानी पटना स्थित आईजीआईएमएस में अब जल्द ही हर्निया का ऑपरेशन (Hernia surgery with new method in IGIMS ) लेप्रोस्कोपिक विधि से ना होकर eTEP और IPOM विधि से होगा. इसको लेकर आईजीआईएमएस के सर्जिकल गैस्ट्रो डिपार्टमेंट और एसोसिएशन ऑफ सर्जंस ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में एक सीएमई कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के जज जस्टिस अहसानुद्दीन अनमुल्लाह मौजूद रहे. वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर बिहार मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन विनोद कुमार सिन्हा मौजूद रहे.

ये भी पढ़ेंः चमकी बुखार से निपटने के लिए IGIMS में विशेष तैयारी, कंट्रोल रूम से रखी जा रही हालातों पर नजर



हर्निया के इलाज का नया तरीका बताया गया: इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक सह उपनिदेशक डाॅ मनीष मंडल ने बताया कि सामान्य तौर पर लोग समझते हैं कि हर्निया सिर्फ अंडकोष में ही होता है, लेकिन ऐसा नहीं है. हर्निया पेट के हर भाग में होता है. इसके लिए पहले ओपन मेथड से ऑपरेशन होता था, फिर बाद में लेप्रोस्कोपी मेथड आया. जिससे अभी के समय अस्पताल में ऑपरेशन होता है. हर्निया के ऑपरेशन के लिए अब नई विधि आ गई है. जिससे देश में कई जगहों पर ऑपरेशन किया जा रहा है और वह विधि है eTEP और IPOM विधि.

नई विधि में सिर्फ चमड़े के नीचे मशीन से लगा दी जाती है जालीः डॉक्टर मनीष मंडल ने बताया कि इस विधि के तहत पेट के अंदर नहीं जाया जाता है, बल्कि चमड़े की नीचे पहुंचकर मशीन द्वारा जाली लगा दी जाती है और मरीज स्वस्थ हो जाता है. इस विधि से हर्निया के इलाज में मरीज जल्दी स्वस्थ होता है. लेप्रोस्कोपिक विधि में मरीज को जो कॉम्प्लिकेशंस होते थे वह इसमें नहीं होता है. मनीष मंडल ने बताया कि इस नई विधि को सिखाने के लिए कोलकाता से प्रख्यात सर्जन डॉक्टर सरफराज अली बेग, मुंबई से प्रख्यात सर्जन डॉ सुमित शाह पहुंचे हुए हैं और अस्पताल के चिकित्सकों को eTEP और IPOM विधि सिखा रहे हैं.

IGIMS में लाइव ऑपरेशन करके दिखाया गयाः अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि लाइव ऑपरेशन भी किया गया है और इसका उद्देश्य यह है कि अस्पताल के मेडिकल स्टूडेंट्स और चिकित्सक जब इस नई विधि को सीखकर अपने अस्पताल और शहर जाएं तो वहां के लोगों का भी इस विधि से ऑपरेशन करें. जिससे लोग जल्द से जल्द ठीक हो कर काम पर लौटे. सामान्य तौर पर कब्ज, गैस, पेशाब में बार-बार जोड़ लगाने और पैर में ऑपरेशन के बाद त्वचा कमजोर हो जाने से हर्निया की यह बीमारी होती है. इस बीमारी से बचाव के लिए खानपान में रेशेदार भोजन का सेवन करना चाहिए.

बढ़ रहे हर्निया मरीजों के आंकड़ेः अस्पताल में अभी के समय 5 फीसदी मरीज हर्निया की बीमारी के इलाज के लिए पहुंच रहे हैं और यह आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए. अनामुल्लाह ने लाइव सर्जरी को देखा और चिकित्सकों से कहा कि इस नई तकनीक को आप जानेंगे तो चिकित्सा में नई ऊर्जा मिलेगी और गांव-गांव के जनमानस को फायदा मिलेगा. हमारी कोशिश इस विधि को विस्तारित करने पर होनी चाहिए ताकि कम समय में लोग स्वस्थ हो सके.

"अभी के समय अस्पताल में लेप्रोस्कोपी मेथड से हर्निया का ऑपरेशन होता है. हर्निया के ऑपरेशन के लिए अब नई विधि आ गई है. जिससे देश में कई जगहों पर ऑपरेशन किया जा रहा है और वह विधि है eTEP और IPOM विधि. इस विधि के तहत पेट के अंदर नहीं जाया जाता है, बल्कि चमड़े की नीचे पहुंचकर मशीन द्वारा जाली लगा दी जाती है और मरीज स्वस्थ हो जाता है. इस विधि से हर्निया के इलाज में मरीज जल्दी स्वस्थ होता है. इसका प्रशिक्षण अस्पताल के डाॅक्टरों को दिया गया" -डॉ मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस

हर्निया की सर्जरी के नई विधि का प्रशिक्षण

पटना: बिहार की राजधानी पटना स्थित आईजीआईएमएस में अब जल्द ही हर्निया का ऑपरेशन (Hernia surgery with new method in IGIMS ) लेप्रोस्कोपिक विधि से ना होकर eTEP और IPOM विधि से होगा. इसको लेकर आईजीआईएमएस के सर्जिकल गैस्ट्रो डिपार्टमेंट और एसोसिएशन ऑफ सर्जंस ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में एक सीएमई कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के जज जस्टिस अहसानुद्दीन अनमुल्लाह मौजूद रहे. वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर बिहार मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन विनोद कुमार सिन्हा मौजूद रहे.

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हर्निया के इलाज का नया तरीका बताया गया: इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक सह उपनिदेशक डाॅ मनीष मंडल ने बताया कि सामान्य तौर पर लोग समझते हैं कि हर्निया सिर्फ अंडकोष में ही होता है, लेकिन ऐसा नहीं है. हर्निया पेट के हर भाग में होता है. इसके लिए पहले ओपन मेथड से ऑपरेशन होता था, फिर बाद में लेप्रोस्कोपी मेथड आया. जिससे अभी के समय अस्पताल में ऑपरेशन होता है. हर्निया के ऑपरेशन के लिए अब नई विधि आ गई है. जिससे देश में कई जगहों पर ऑपरेशन किया जा रहा है और वह विधि है eTEP और IPOM विधि.

नई विधि में सिर्फ चमड़े के नीचे मशीन से लगा दी जाती है जालीः डॉक्टर मनीष मंडल ने बताया कि इस विधि के तहत पेट के अंदर नहीं जाया जाता है, बल्कि चमड़े की नीचे पहुंचकर मशीन द्वारा जाली लगा दी जाती है और मरीज स्वस्थ हो जाता है. इस विधि से हर्निया के इलाज में मरीज जल्दी स्वस्थ होता है. लेप्रोस्कोपिक विधि में मरीज को जो कॉम्प्लिकेशंस होते थे वह इसमें नहीं होता है. मनीष मंडल ने बताया कि इस नई विधि को सिखाने के लिए कोलकाता से प्रख्यात सर्जन डॉक्टर सरफराज अली बेग, मुंबई से प्रख्यात सर्जन डॉ सुमित शाह पहुंचे हुए हैं और अस्पताल के चिकित्सकों को eTEP और IPOM विधि सिखा रहे हैं.

IGIMS में लाइव ऑपरेशन करके दिखाया गयाः अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि लाइव ऑपरेशन भी किया गया है और इसका उद्देश्य यह है कि अस्पताल के मेडिकल स्टूडेंट्स और चिकित्सक जब इस नई विधि को सीखकर अपने अस्पताल और शहर जाएं तो वहां के लोगों का भी इस विधि से ऑपरेशन करें. जिससे लोग जल्द से जल्द ठीक हो कर काम पर लौटे. सामान्य तौर पर कब्ज, गैस, पेशाब में बार-बार जोड़ लगाने और पैर में ऑपरेशन के बाद त्वचा कमजोर हो जाने से हर्निया की यह बीमारी होती है. इस बीमारी से बचाव के लिए खानपान में रेशेदार भोजन का सेवन करना चाहिए.

बढ़ रहे हर्निया मरीजों के आंकड़ेः अस्पताल में अभी के समय 5 फीसदी मरीज हर्निया की बीमारी के इलाज के लिए पहुंच रहे हैं और यह आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए. अनामुल्लाह ने लाइव सर्जरी को देखा और चिकित्सकों से कहा कि इस नई तकनीक को आप जानेंगे तो चिकित्सा में नई ऊर्जा मिलेगी और गांव-गांव के जनमानस को फायदा मिलेगा. हमारी कोशिश इस विधि को विस्तारित करने पर होनी चाहिए ताकि कम समय में लोग स्वस्थ हो सके.

"अभी के समय अस्पताल में लेप्रोस्कोपी मेथड से हर्निया का ऑपरेशन होता है. हर्निया के ऑपरेशन के लिए अब नई विधि आ गई है. जिससे देश में कई जगहों पर ऑपरेशन किया जा रहा है और वह विधि है eTEP और IPOM विधि. इस विधि के तहत पेट के अंदर नहीं जाया जाता है, बल्कि चमड़े की नीचे पहुंचकर मशीन द्वारा जाली लगा दी जाती है और मरीज स्वस्थ हो जाता है. इस विधि से हर्निया के इलाज में मरीज जल्दी स्वस्थ होता है. इसका प्रशिक्षण अस्पताल के डाॅक्टरों को दिया गया" -डॉ मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस

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