पटना: बाढ़ अनुमंडल के रेलवे फाटक के पास महीनों से जलजमाव है. अब तक कई लोग गड्ढे में गिरकर घायल हो चुके हैं. यह सड़क सैकड़ों गांव को बाढ़ अनुमंडल से जोड़ती है. जलजमाव से बचने के लिए दो पहिया वाहन चालकों को जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन के किनारे से बाहर निकालना पड़ता है. वहीं, पैदल चलने वालों को पानी में घुसकर सड़क पार करनी पड़ती है.
रेलवे लाइन के किनारे से पार कर रहे सड़क
रोजाना हजारों लोगों को इस तालाबनुमा सड़क को पार करने का जोखिम उठाना पड़ता है. कई वाहन इस कीचड़ में फंस कर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. वहीं, दो पहिया वाहन चालक जान जोखिम में डालकर रेलवे पटरी के किनारे से निकल जाना सही समझते हैं. बारिश की वजह से गड्ढों में पानी भर जाता है. जिससे सड़क पर चलने वालों को गड्ढों का पता नहीं चल पाता है. दुकान के सामने हुए जलजमाव से परेशान दुकानदार का कहना है कि जलजमाव से हमारा बहुत नुकसान हो रहा है. जिसकी वजह से दुकान पर ग्राहकों का आना जाना बंद हो गया है, हम लोग भुखमरी के कगार पर आ गए.
'विधायक अनंत सिंह की खल रही कमी'
स्थानीय लोगों का कहना है कि फाटक के पास जलजमाव के कारण सैकड़ों गांव का आवागमन रुक गया है. स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हो रही है. राहुल ने कहा कि आज मोकामा विधायक अनंत सिंह रहते तो यह हाल नहीं होता. यदि वह बाहर रहते तो वे अपने खर्च पर किसी न किसी तरह सड़क को बनवा देते. आपको बता दें कि मोकामा विधायक अनंत सिंह प्रतिबंधित एके-47 के मामले में बेउर जेल में बंद है. इसी रास्ते से वह अपने पैतृक गांव नादामा जाया करते थे.