पटना: गुलाबी ठंड के दस्तक देते ही मसौढ़ीबाजार में इन दिनो तिलकुट की सौंधी सौंधी खुशबू से पूरा बाजार गुलजार हो गया है. इस बार शहर के दुकानों में अलग-अलग किस्म के तिलकुट बनाए जा रहै है. मसौढ़ी बाजार में गया से कारीगरों को बुलवाकर तिलकुट बनवाया जा रहा है. इलाके में तिलकुट कूटने की आवाज गूंज रही है. गौरतलब है कि मकर संक्राति को लेकर तिलकुट व्यवसायी अभी से ही तैयारियों मे जुटे हुए हैं.
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मकर संक्राति को लेकर बढ़ी तिलकुट की मांग: नव वर्ष और मकर संक्राति को लेकर बाजारों में रौनक (tilkut shopping started in patna) है. ऐसे में मकर संक्राति को लेकर तिलकुट व्यवसायी महीनों पहले से ही तिलकुट बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं. इस बार शहर की दुकानों में गुड़ के तिलकुट, चीनी की तिलकुट, नारियल के तिलकुट, खोवा के तिलकुट और सूखा मेवा के तिलकुट बनाए जा रहे हैं. इन सभी तिलकुटों की मांग अभी से ही शुरु हो गई है. तिलकुट खरीदने के लिए मसौढ़ी बाजार में अभी से ही तिलकुट की दुकानों पर भीड उमडने लगी है. लोग अपने मनपसंद मिठाई को खाकर तारीफ करने से नहीं चुक रहे हैं.
पटना के तिलकुट को जीआई टैग देने की मांग: तिलकुट व्यवासियों का कहना है कि पिछले साल 25 टन तिल का व्यापार हुआ था. व्यापारियों का कहना है कि जिस तरह नालंदा के सिलाव खाजा को जिआई टैग दिया गया है. उसी तरह गया और पटना के तिलकुट को भी जीआई टैग दिया जाए. इसके लिए व्यापारी सरकार से लगातार इसकी मांग कर रहै हैं.
100 साल पहले हुआ तिलकुट बनाने की शुरुआत: मसौढ़ी बाजार के मेन रोड, सब्जी मंडी, डाक बंगला रोड में तकरीबन 100 साल पहले से ही तिलकुट बनना शुरू हो गया था. जिसके बाद आज के समय भी लोगों के बीच तिलकुट बनाने की होड़ लगी है. इस व्यवसाय से लगभग सैकड़ों लोग सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. इस तिलकुट का स्वाद ना केवल बिहार बल्कि विदेशों तक जाती है. लोग दूर-दूर से तिलकुट खरीदने पटना के मसौढ़ी बाजार आते हैं.
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