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'6 दिन में मुंबई, केरल, तमिलनाडु और दिल्ली से आने वालों की होगी जांच'

मुंबई से आने वाले लोगों को सबसे पहले जांच करने का आदेश दिया गया है. इन लोगों को हाई रिस्क लिस्ट में रखा गया है और शनिवार से स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

मुख्य सचिव दीपक कुमार
मुख्य सचिव दीपक कुमार
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Published : Apr 3, 2020, 11:29 PM IST

पटना: बिहार सरकार 22 मार्च के बाद से बिहार में आने वाले लोगों पर विशेष निगरानी रख रही है. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शुक्रवार को राज्य के सभी जिलों के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की. उन्होंने सभी डीएम को आदेश दिया है कि मुंबई, केरल, तमिलनाडु और दिल्ली से आने वाले सभी लोगों की स्क्रीनिंग की जाए. जिनमें किसी भी तरह का वायरल इन्फेक्शन पाया जाता है तो तत्काल उनकी मेडिकल जांच कराई जाए.

6 दिनों के भीतर जांच के दिए आदेश
दीपक कुमार ने सभी डीएम को आदेश दिया है कि इन लोगों की जांच अगले 6 दिनों के भीतर हो जानी चाहिए. मुंबई से आने वाले लोगों को सबसे पहले जांच करने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि इन सभी को हाई रिस्क लिस्ट में रखा गया है और शनिवार से स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. स्क्रीन के दौरान जो भी व्यक्ति में किसी तरह का वायरल इनफेक्शन पाया जाएगा तत्काल उनका कोरोना टेस्ट कराया जाएगा.

कोरोना के टेस्ट के लिए कई चीजों की मांग
मुख्य सचिव ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान बिहार आए हुए सभी लोगों का टेस्ट करना मुश्किल है. इसलिए जिन लोगों में वायरल इंफेक्शन का सिम्टम पाया जाएगा उनकी जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि टेस्टिंग किट की भी कमी होने की वजह से सभी लोगों की जांच संभव नहीं है. साथ ही बताया कि गुरुवार को पीएम मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान बिहार सरकार ने कोरोना के टेस्ट के लिए कई चीजों की मांग की है. जिसके बाद केंद्र सरकार की ओर से राज्य को आश्वासन दिया गया है कि हर संभव मदद की जाएगी.

स्कूलों में क्वॉरेंटाइन में रखे गए लोग
मुख्य सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक बिहार में तकरीबन दो लाख लोग लॉक डाउन के बीच आए हैं. जिनमें से 27 हजार लोगों को उनके गांव के स्कूलों में क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव के साथ स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव पंकज पाल, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा और ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी मौजूद रहे.

पटना: बिहार सरकार 22 मार्च के बाद से बिहार में आने वाले लोगों पर विशेष निगरानी रख रही है. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शुक्रवार को राज्य के सभी जिलों के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की. उन्होंने सभी डीएम को आदेश दिया है कि मुंबई, केरल, तमिलनाडु और दिल्ली से आने वाले सभी लोगों की स्क्रीनिंग की जाए. जिनमें किसी भी तरह का वायरल इन्फेक्शन पाया जाता है तो तत्काल उनकी मेडिकल जांच कराई जाए.

6 दिनों के भीतर जांच के दिए आदेश
दीपक कुमार ने सभी डीएम को आदेश दिया है कि इन लोगों की जांच अगले 6 दिनों के भीतर हो जानी चाहिए. मुंबई से आने वाले लोगों को सबसे पहले जांच करने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि इन सभी को हाई रिस्क लिस्ट में रखा गया है और शनिवार से स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. स्क्रीन के दौरान जो भी व्यक्ति में किसी तरह का वायरल इनफेक्शन पाया जाएगा तत्काल उनका कोरोना टेस्ट कराया जाएगा.

कोरोना के टेस्ट के लिए कई चीजों की मांग
मुख्य सचिव ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान बिहार आए हुए सभी लोगों का टेस्ट करना मुश्किल है. इसलिए जिन लोगों में वायरल इंफेक्शन का सिम्टम पाया जाएगा उनकी जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि टेस्टिंग किट की भी कमी होने की वजह से सभी लोगों की जांच संभव नहीं है. साथ ही बताया कि गुरुवार को पीएम मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान बिहार सरकार ने कोरोना के टेस्ट के लिए कई चीजों की मांग की है. जिसके बाद केंद्र सरकार की ओर से राज्य को आश्वासन दिया गया है कि हर संभव मदद की जाएगी.

स्कूलों में क्वॉरेंटाइन में रखे गए लोग
मुख्य सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक बिहार में तकरीबन दो लाख लोग लॉक डाउन के बीच आए हैं. जिनमें से 27 हजार लोगों को उनके गांव के स्कूलों में क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव के साथ स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव पंकज पाल, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा और ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी मौजूद रहे.

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